WHO के 21 कर्मचारियों समेत 81 पर रेप के आरोप, सैकड़ों महिलाओं को बनाया निशाना

WHO के 21 कर्मचारियों समेत 81 पर रेप के आरोप, सैकड़ों महिलाओं को बनाया निशाना

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के 21 कर्मचारियों पर रेप करने के गंभीर आरोप लगे हैं। यह आरोप अफ्रीकी देश कांगो में महिलाओं और नाबालिग लड़कियों ने लगाया है। स्वतंत्र जांच में खुलासा हुआ है कि कांगो में 2018 से 2020 के दौरान कई महिलाओं से साथ रेप और उनके साथ उत्पीड़न किया गया।

WHO के कर्मचारियों ने इस आपराध तब अंजाम दिया जब इबोला महामारी से लड़ने के लिए वे कांगो गए थे। इस दौरान उन्होंने कई महिलाओं और लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया। साथ ही पीडित महिलाओं पर अबॉर्शन का दबाव बनाया।

स्वतंत्र रिपोर्ट में बताया गया है कि WHO टीम साल 2018 में इबोला महामारी की रोकथाम के लिए गई वहां कुछ महिलाओं के नौकरी के लिए इंटरव्यू लिए। एक 43 वर्षीय महिला ने बताया कि वह कांगो में अपने इलाके में इबोला के लिए जागरूकता फैलाने के लिए WHO में नौकरी के लिए गई थी, लेकिन वहां पर इंटरव्यूअर ने उसे नौकरी देने के बदले सेक्स की डिमांड कर दी।

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जब महिला ने मना किया तो उसके साथ जबदस्ती रेप किया गया। ऐसा सिर्फ कर्मचारियों के साथ नहीं किया गया बल्कि कांगो के रिमोट इलाकों और गांवों में सैकड़ों महिलाओं के साथ घटी।

WHO के 21 कर्मचारियों समेत 81 पर रेप के आरोप, सैकड़ों महिलाओं को बनाया निशाना

WHO प्रमुख टेड्रोस एडनम घेब्रेयेसस ने आरोपों की पुष्टि होने के बाद घटना पर दु:ख जताया। उन्होंने कहा कि गुनाह करने वालों को सजा दिलाना उनकी प्राथमिकता में है। यह भी जांच टीम ने पाया कि हॉस्पिटल में भर्ती महिलाओं के साथ भी यौन हिंसा किया था।

रिपोर्ट में करीब 83 ऐसे लोगों का नाम सामने आया है जिन्होंने इबोला महामारी के दौरान महिलाओं का यौन शोषण किया था। इनमें से 21 WHO के कर्मचारी रहे हैं। बताया गया है कि कर्मचारी महिलाओं की ड्रिंक में नशीली चीजें मिला कर पिलाया गया और उन्हें अपनी हवस का शिकार बनाया गया।

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वहीं, कुछ दूसरी महिलाओं का कहना है कि नौकरी के वादे के नाम पर उनका यौन शोषण किया गया। ये भी पीड़िताओं ने बताया कि यौन हमले के दौरान आरोपी कंट्रासेप्शन का इस्तेमाल नहीं करते थे और बाद में अबॉर्शन के लिए दबाव बनाते थे।

कुछ पीड़ित महिलाओं ने बताया कि एक डॉक्टर ने भी नौकरी का वादा करके उनके साथ रेप किया। इन घटनाओं को लेकर जांच तब शुरू हुई थी, जब करीब 50 महिलाओं ने मदद करने वाले लोगों पर गंभीर आरोप लगाए थे। गौरतलब है कि इबोला महामारी के दौरान कांगो में करीब दो हजार लोगों की मौत हो गई थी।


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