राहुल गांधी बोले, गृह मंत्री ने नफरत-अविश्वास बोकर एकबार फिर देश को विफल किया

राहुल गांधी बोले, गृह मंत्री ने नफरत-अविश्वास बोकर एकबार फिर देश को विफल किया

असम और मिजोरम के बीच सीमा को लेकर हुई हिंसा केंद्र ने हालात सुलझाने के लिए विशेष टीम गठित किया है। बताया जा है कि फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं। खबरों के मुताबिक, सीआरपीएफ की चार टीमों को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है, जबकि छह टीमों को तैयार रहने के लिए कहा गया है।

इस हिंसा में जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने सिलचर जाकर श्रद्धांजलि दी। साथ ही उन्होंने घायल पुलिसकर्मियों से मुलाकात किया। दूसरी तरफ, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर विवाद को लेकर हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि गृह मंत्री ने देश को फिर निराश किया है।

राहुल गांधी का निशाना

राहुल गांधी ने असम-मिजोरम सीमा विवाद के अचानक भड़की हिंसा में मारे गए लोगों की मौत पहले दु:ख जताया और उसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री पर दोनों राज्यों के बीच जहर बोने आरोप लगाया।

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उन्होंने मंगलवार को कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने लोगों के जीवन में घृणा और अविश्वास का बीज बोकर एक बार फिर देश को निराश किया है। उन्होंने हिंसा से जुड़ा एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया- “जो लोग मारे गए हैं, उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है। मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। भारत अब भयावह नतीजों से दो-चार हो रहा है।”

क्या है विवाद?

उल्लेखनीय है कि फिलहाल, असम में बीजेपी की सरकार है। जबकि मिजोरम में बीजेपी नीत पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (नेडा) में शामिल मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की सरकार है। इसके बावजूद भी दोनों के बीच सिर फुटौव्वल लगातार चल रहा है।

देखा जाए तो असम और मिजोरम के बीच सीमा को लेकर पुराना विवाद रहा है। कई बार इसे सुलझाने की भी कोशिश की गईं। केंद्र सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप भी किया है। हालात सामान्य नहीं हुए। दरअसल, अपने दो पड़ोसी राज्यों असम और त्रिपुरा के साथ मिजोरम का सीमा विवाद लंबे समय से चला आ रहा है।

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पिछले साल भी यहां तनाव की स्थिति बनी थी। केंद्र सरकार ने तब हस्तक्षेप किया था। असम में सरमा के सीएम बनने के बाद स्थिति फिर बदली हैं और बीते कुछ दिनों से तनाव बढ़ गया है। दोनों राज्यों के बीच सीमा अब तक निर्धारित नहीं हो सकी है। दोनों राज्यों के बीच बीते साल अक्तूबर में कोविड जांच शिविर बनाने को लेकर तनाव हुआ था।

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आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, तब मिजोरम के अधिकारियों ने असम के लैलापुर में कोविड-19 की जांच के लिए शिविर बनाया था। जिस पर असम सरकार ने आपत्ति जताई थी। मिजोरम ने तनाव बढ़ने के बाद आरोप लगाया था कि असम की पुलिस ने मुख्य राजमार्ग के ‘तीन पॉइंट’ पर नाकेबंदी कर दी और आवश्यक वस्तुएं लेकर आने वाले वाहनों को रोक दिया।

मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने इसके बाद असम के तत्कालीन मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से फोन पर बात की। तब दोनों नेताओं ने बातचीत को सार्थक बताया था। असम के साथ मिजोरम की सीमा लगभग 165 किलोमीटर की है। लेकिन इसको सही तरीके से चिन्हित नहीं किया गया है जिसको लेकर समय-समय पर बड़े विवाद पैदा हो जाते हैं।

बताया जाता है कि सीमा को चिन्हित करने का प्रयास वर्ष 1995 से ही चल रहा है, जो अब तक पूरा नहीं हो सका है। असम का लैलापुर जिला भी इनमें से एक है, जिसके बड़े इलाके पर मिजोरम दावा करता रहा है। स्थानीय लोगों के लिए ये परेशानी का जरिया बन गया है क्योंकि बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो सीमा निर्धारण नहीं होने की वजह से कई सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं।


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