उत्तर प्रदेश के कासगंज जनपद की सदर कोतवाली की हवालात में बंद एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने तुल पकड़ लिया है। पुलिस जहां इसे आत्महत्या बता रही हैं वहीं अल्ताफ के परिजनों का कहना है कि उसकी हत्या की गई है।
बताया जा रहा है कि एक लड़की को भगाने मामले में अल्ताफ को पूछताछ के लिए सोमवार को पुलिस चौकी नदरई गेट लाया गया था। अल्ताफ के पिता के मुताबिक, उन्होंने खुद जाकर अपने बेटे के पुलिस के हवाले किया था।
हालांकि, पुलिस का कहना है कि अल्ताफ पूछताछ के दौरान बाथरूम गया जहां उसने अपने हुडी के नारे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। फिलहाल, एसपी रोहन पी। बोत्तरे लापरवाही के आरोप में कासगंज कोतवाल समेत दो दरोगा समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला
मृतक का नाम अल्ताफ था जो सदर कोतवाली क्षेत्र के नगला सय्यैद अहरोली के निवासी थे। अल्ताफ के पिता का नाम चाहत मियां है। पिता ने बताया, “मेरे बेटे को एक दिन पहले लड़की भगाने के आरोप में सोमवार को पूछताछ के लिए चौकी नदरई गेट लेकर आया गया था। वही, मौके पर मैं भी पहुंचा था, जहां से मुझे डांटकर भगा दिया गया। जिसके बाद मेरे बेटे को बड़े थाने (कोतवाली) लाया गया, जहां पर मेरे बेटे को पुलिस वालों ने फांसी लगा दी।”
बताया जा रहा है कि अल्ताफ के फांसी लगाने के बाद पुलिस युवक को जिला अस्पताल लेकर गई, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चाहत मियां का कहना है कि उन्होंने लड़की भगाने के शक में सोमवार को नदरई गेट चौकी पुलिस को खुद सौंपा था। उन्होंने बताया, “खुद अपने हाथों से बेटे को पकड़ दिया था, जब मैं दोबारा चौकी पर गया तो पुलिस वालों ने मुझे डांटकर भगा दिया। 24 घंटे बाद मुझे पता चला कि कि मेरे बेटे की फांसी लगाकर हत्या कर दी गई है।”
उत्तरप्रदेश में ये क्या हो रहा है ? पुलिस हिरासत में जाने का मतलब मौत ?
— Vinod Kapri (@vinodkapri) November 9, 2021
टायल लगाने वाले मज़दूर 21 साल के अल्ताफ़ को इंसाफ कौन देगा @Uppolice @dgpup @myogiadityanath ? https://t.co/U4XGWZ90Dp
वहीं, पुलिस अधीक्षक रोहन पी. बोत्रे ने मीडिया को बताया, “कासगंज कोतवाली के गांव एरोली के रहने वाले अल्ताफ को एक लड़की भगाने के आरोप में पूछताछ के लिए लाया गया था। जब पुलिस पूछताछ कर रही थी तभी उसने पुलिसकर्मी से बाथरूम जाने की बात कही।”
उन्होंने आगे कहा “पुलिसकर्मी ने उसे हवालात के अंदर बने बाथरूम में भेज दिया, जहां कुछ देर तक बाहर न आने पर कर्मचारी ने अंदर जाकर देखा। वहां, उसने ‘जैकेट के हुड (टोपी) में लगे नाड़े को पाइप से बांधकर’ अपना गला कस लिया था। जिसके बाद उसके गले से डोरी खोलकर तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां पर कुछ देर उपचार होने के बाद उसकी मौत हो गई।”
पुलिस की थ्योरी पर उठे सवाल
हालांकि, पुलिस की थ्योरी पर कई लोगों ने सवाल उठाए हैं। पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने पुलिस के दलील को घटिया स्क्रीप्ट बताया है। उन्होंने लिखा है, “5.6 फीट का अल्ताफ, नाड़े से बाथरूम की 2 फीट ऊंची टोंटी से लटक गया और मर गया, सिंपल। यूपी में रोज ऐसी कितनी घटिया स्क्रिप्ट लिखी जाती हैं। गत माह आगरा में अरुण बाल्मिकी की पुलिस कस्टडी में मौत हुई थी, तो यही स्क्रिप्ट। कोई पद्मश्री बची है, क्या?”
5.6 फीट का अल्ताफ, नाड़े से बाथरूम की 2 फीट ऊंची टौंटी से लटक गया और मर गया, सिंपल।
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) November 10, 2021
यूपी में रोज ऐसी कितनी घटिया स्क्रिप्ट लिखी जाती हैं।
गत माह आगरा में अरुण बाल्मिकी की पुलिस कस्टडी में मौत हुई थी, तो यही स्क्रिप्ट।
कोई पद्मश्री बची है,क्या?#कासगंज pic.twitter.com/K0QlO8UBst
वहीं, यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने अपने ट्वीट में लिखा है, “थाने की बाथरूम में लगी नल की टोंटी से लटककर कोई आत्महत्या कैसे कर सकता है उत्तर प्रदेश पुलिस? क्या आरोपी की लंबाई 1-2 फ़ीट थी?” इसके साथ उन्होंने उन्होंने भी कासगंज पुलिस अधीक्षक रोहन पी. बोत्रे का बयान शेयर किया है।
थाने की बाथरूम में लगी नल की टोंटी से लटककर कोई आत्महत्या कैसे कर सकता है उप्र पुलिस?
— Srinivas BV (@srinivasiyc) November 9, 2021
क्या आरोपी की लंबाई 1-2 फ़ीट थी?
pic.twitter.com/KtzbkEQ8fo
पत्रकार रोहिणी सिंह ने लिखा है, “अब थाने में पजामे के नाड़े को नल में बांध कर आत्महत्या हो गई। पहले पुलिस हिरासत में मौत होती है, फिर बिना जाँच पूरी किए सरकार और अपनी इज्जत बचाने के लिए एक मनगढंत कहानी बना देती है। मनीष गुप्ता हत्याकांड के बाद भी पुलिस सबक लेने को तैयार नहीं है और सरकार मूक दर्शक बनी हुई है।”
अब थाने में पजामे के नाड़े को नल में बांध कर आत्महत्या हो गयी।
— Rohini Singh (@rohini_sgh) November 9, 2021
पहले पुलिस हिरासत में मौत होती है, फिर बिना जाँच पूरी किए सरकार और अपनी इज्जत बचाने के लिए एक मनगढंत कहानी बना देती है।
मनीष गुप्ता हत्याकांड के बाद भी पुलिस सबक लेने को तैयार नहीं है और सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। https://t.co/VPmCaozkZA
वहीं, श्याम मीरा सिंह ने लिखा है, “अल्ताफ़ पर प्रेम प्रसंग में लड़की भगाने का आरोप लगा। उसे कासगंज थाने ले जाया गया। जहां 24 घंटे में ही इसकी मौत हो गई। कासगंज के SP ने कहा है कि लड़के ने बाथरूम की टोंटी (नल) से लटककर आत्महत्या कर ली। योगी आदित्यनाथ जी इससे घटिया स्क्रिप्ट नहीं मिली?”
अल्ताफ़ पर प्रेम प्रसंग में लड़की भगाने का आरोप लगा. उसे कासगंज थाने ले जाया गया. जहां 24 घंटे में ही इसकी मौत हो गई. कासगंज के SP ने कहा है कि लड़के ने बाथरूम की टौंटी(नल) से लटककर आत्महत्या कर ली.@myogiadityanath जी इससे घटिया स्क्रिप्ट नहीं मिली?
— Shyam Meera Singh (@ShyamMeeraSingh) November 10, 2021
#WeDemandJusticeForAltaaf pic.twitter.com/RBDrj1Zug9
दूसरी तरफ फिल्म समीक्षक राजकुमार सिंह ने पुलिस तंज करते हुए लिखा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस की खूबी यह है कि हिरासत में मौत पर हर बार बहाना नया है। इस पर ही पदमश्री होना चाहिए। जैसे-
- रास्ते में गाड़ी पलट गई।
- होटल के कमरे में गिरकर चोटिल हो गया और बाद में मर गया
- और अब, बाथरूम में नल से लटककर आत्महत्या कर ली।
बेशर्मी की हद होती है।
उत्तर प्रदेश पुलिस की खूबी यह है कि हिरासत में मौत पर हर बार बहाना नया है। इस पर ही पदमश्री होना चाहिए। जैसे
— Ramkumar Singh (@indiark) November 10, 2021
1.रास्ते में गाड़ी पलट गई।
2.होटल के कमरे में गिरकर चोटिल हो गया और बाद में मर गया
3.और अब, बाथरूम में नल से लटककर आत्महत्या कर ली।
बेशर्मी की हद होती है। pic.twitter.com/QIl4M6tOZX
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