अल्ताफ के परिजनों से मिलने कासगंज जाएंगी प्रियंका गांधी, लखनऊ दौरा किया रद्द

अल्ताफ के परिजनों से मिलने कासगंज जाएंगी प्रियंका गांधी, लखनऊ दौरा किया रद्द

कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने अपना गुरुवार का लखनऊ दौरा रद्द कर दिया है। अब वह पुलिस कस्टडी में कथित आत्यहत्या के शिकार हुए अल्ताफ के परिजनों से मिलने कासगंज जाएंगी। सदर कोतवाली में पुलिस हिरासत अल्ताफ की मौत पर सियासत गरमा गई है।

एक तरफ पुलिस अटपटा बयान दे रही है कि अल्ताफ ने नल की टोटी के लटक कर जान दे दी। वहीं दूसरी तरफ परिजनों समेत किसी को भी उनकी बात विश्वास नहीं हो रहा है। परिजनों का आरोप है कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि पुलिस के द्वारा की गई हत्या है।

कांग्रेस के कई नेता बुधवार को पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे। पहले तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया था, लेकिन बाद में चार लोगों को जाने की अनुमति दी गई। लेकिन पीड़ित परिवार ने किसी से भी मिलने से इंकार कर दिया। अब प्रियंका गांधी पीड़ित परिवार से आज मिलेंगी और उनका दु:ख दर्द बांटेंगी।

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जैसा कि मालूम है कि प्रियंका गांधी मानवाधिकार के मुद्दे पर लगातार सक्रिय हैं। चाहे वह सोनभद्र के उम्भा नरसंहार का मामला हो, हाथरस कांड हो, आगरा या फिर लखीमपुर खीरी, प्रियंका गांधी लगातार पीड़ित परिवारों से मिलकर उनके प्रति संवेदना व्यक्त करती रही है।

अल्ताफ के मौत बाद लोग पूछ रहे हैं कि दलितों-मजलूमों के साथ हमेशा खड़ा रहने की बात करने वाली कांग्रेस अल्ताफ के परिजनों से कब मिलने जाएंगी। लोगों का कहना है कि कांग्रेस और सपा के लोग दलितों और दूसरे समूदाय के साथ उनका दु:ख-दर्द बांटने तो जाते हैं। लेकिन जब किसी मुसलमान के साथ अत्याचार होता है तो कोई जाकर नहीं मिलता। क्योंकि उन्हें लगता है हिंदू वोट उनसे नाराज हो जाएगा।

उल्लेखनीय है कि एक लापता लड़की के सम्बन्ध में पूछताछ करने के लिए पुलिस ने 8 नवंबर देर शाम 8 बजे अल्ताफ को उसके घर से हिरासत में लिया था। परिजनों का कहना है कि उन्होंने खुद पूछताछ के लिए अपने बेटे को पुलिस के हवाले किया था।

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परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उसकी हत्या की है। मृतक अल्ताफ कासगंज कोतवाली क्षेत्र के अहरौली गांव का रहने वाला था और उसके पिता का चाहत मियां है। चाहत मियां ने आरोप लगाया कि एक लापता लड़की के सम्बन्ध में कासगंज पुलिस स्टेशन के कुछ पुलिसकर्मियों ने 8 नवंबर देर शाम 8 बजे के आसपास उनके बेटे को पूछताछ के लिए पकड़ा था। लेकिन उसके 22 घंटे बाद 9 नवंबर को शाम 6 बजे के आसपास उन्हें सूचना मिली की पुलिस लॉकअप में उनके बेटे की मौत हो गई है।

जांच के दौरान प्रथम द्रष्टया लावारवाही बरतने के आरोपी कोतवाली प्रभारी वीरेन्द्र इंदौलिया, वरिष्ठ उप निरीक्षक चंद्रेश गौतम, नदरई गेट चौकी इंचार्ज विकास कुमार, हेड मुहर्रिर घनेन्द्र सिंह, सिपाही सौरभ सोलंकी सहित पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

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22 साल का अल्ताफ सजीला नौजवान था। बहुत कम उम्र में वह घर की आर्थिक हालात को देखते हुए टाइल्स लगाने का काम करने लगा। इन दिनों वो एक घर में टाइल्स लगा रहा था। इसी दौरान उस घर की एक नाबालिग लड़की लापता हो गई। लड़की के परिवारवालों ने शक जताया कि अल्ताफ लड़की को भगा ले गया है।

पुलिस का तर्क है कि अल्ताफ ने जैकेट की टोपी में लगी डोरी से फंदा बनाया और बाथरूम के नल से बांधकर फांसी लगा ली। लेकिन लोगों को पुलिस की ये कहानी समझ में नहीं आ रही है कि 5 फीट 6 इंच का आदमी ढाई फीट ऊंचे नल से कैसे लटक सकता है।

क्या नल उसका भार सह लेगा? क्या जैकेट की डोरी अल्ताफ का वजन बर्दाश्त कर लेगी? सवाल ये भी कि हुड की डोरी की लम्बाई कितनी थी? सियासी तूफान से पहले ही पांच पुलिसकर्मिर्यों को सस्पेंड कर दिया गया है, लेकिन पुलिस सवालों के घेरे में है।


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