प्रियंका गांधी ने पूछा- मुझे अभी तक न्यायिक अधिकारी के सामने पेश क्यों नहीं किया गया?

प्रियंका गांधी ने पूछा- मुझे अभी तक न्यायिक अधिकारी के सामने पेश क्यों नहीं किया गया?

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लखीमपुर कांड की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है। यह एसआईटी टीम में कुल 6 सदस्य होंगे। बताया जा रहा है कि मामले की जांच के लिए न्यायिक जांच कमेटी का कल गठन होगा जो 48 घंटे में जांच प्रड़ताल शुरू करेगी।

दूसरी तरफ भाजपा नेता और गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू पर सुनियोजित तरीके से साजिश रचने का लगाते हुए एफआईआर दर्ज किया गया है। एफआईआर में दोनों के अलावा 15 से 20 अज्ञात लोगों को भी आरोप बनाया गया है।

एफआईआर में हत्या और दुर्घटना में मौत की धाराएं भी लगाई गई हैं। साथ दर्ज एफआईआर में अजय मिश्रा के वायरल वीडियो का भी जिक्र किया गया है। एफआईआर में बताया गया है कि जिस दिन थार गाड़ी से किसानों को टक्कर मारी गई उस गाड़ी में बाईं तरफ आशीष मिश्रा बैठा हुए थे।

प्रियंका गांधी ने पूछा- मुझे अभी तक न्यायिक अधिकारी के सामने पेश क्यों नहीं किया गया?

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इसके अलावा एक एफआईआर बीजेपी के कार्यकर्ता सुमित जायसवाल ने भी दर्ज करवाई है। यह मुकदमा अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है जिसमें हत्या बलवा और मारपीट जैसी धाराएं लगाई गई हैं।

उधर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपनी गिरफ्तारी को लेकर कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस ने जिन 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा किया है, जिसमें दो ऐसे लोग हैं जो उन्हें कपड़े पहुंचाने आए थे, जबकि 8 उस वक्त मौजूद ही नहीं थे।

प्रियंका गांधी ने कहा कि मुझे अपनी गिरफ्तारी का पता अखबारों के जरिए लगा। उन्होंने कहा, “मुझे गिरफ्तार करने वाले अधिकारी डीसीपी पीयूष कुमार सिंह, सीओ सिटी, सीतापुर द्वारा ये जानकारी मुझे मौखिक रूप से दी गई। मुझे 4 अक्टूबर को सुबह 4.30 बजे धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया गया है। जिस समय मुझे गिरफ्तार किया गया था, मैं सीतापुर जिले के गेस्ट हाऊस में थी, जो लखीमपुर खीरी से करीब 20 किलोमीटर दूर है।”

पुलिस बोली- प्रियंका गांधी हिरासत में नहीं गिरफ्तार हुई हैं, 11 लोगों पर केस दर्ज

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कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “मेरी जानकारी में सीतापुर में धारा 144 नहीं लगाई गई थी। वैसे भी मैं चार अन्य व्यक्तियों, दो स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं, सांसद दीपिंदर हुड्डा और संदीप सिंह के साथ एक ही वाहन में यात्रा कर रही थी। मेरे साथ चल रहे चार लोगों के अलावा कोई सुरक्षा गाड़ी या कांग्रेस कार्यकर्ता मेरे साथ नहीं थे।”

उन्होंने आगे जोड़ा, “फिर मुझे 2 महिला और 2 पुरुष कांस्टेबल के साथ पीएसी परिसर सीतापुर ले जाया गया। पीएसी परिसर में लाए जाने के बाद अब तक यूपी पुलिस या प्रशासन द्वारा की ओर से मुझ पर जिन धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, उन्हें बताया भी नहीं गया।”

प्रियंका गांधी ने इसके कहा, “अभी तक पुलिस या प्रशासन की ओर से मुझे मुकदमे की कॉपी नहीं दिखाई गई। जिन 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है, उनमें से 8 मौके पर मौजूद नहीं थे, जबकि 2 मेरे लिए कपड़े लाए थे।” कांग्रेस महासचिव ने सवाल किया कि मुझे किसी मजिस्ट्रेट या किसी अन्य न्यायिक अधिकारी के सामने अभी तक क्यों पेश नहीं किया गया?


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