लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों के आत्मा की शांति के लिए आज मंगलवार को तिकुनिया में अंतिम अरदास (श्रद्धांजलि सभा) चल रहा है। करीब 30 एकड़ इलाके में श्रद्धांजलि सभा के लिए इंतजाम किए गए हैं। यह कार्यक्रम स्थल घटनास्थल से महज एक किलोमीटर की दूरी पर हो रहा है।
इस शोकसभा में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पहुंची हैं। उन्हें कार्यक्रम के दौरान एक आम इंसान की तरह नीचे बैठकर किसानों को सुनते देखा गया। किसानों ने पहले ही एलान कर दिया था कि वे किसी भी राजनीतिक दल के साथ अपने मंच साझा नहीं करेंगे।
लखीमपुर पहुंचकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को माथा टेक कर कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने लखीमपुर के किसान शहीदों के अंतिम अरदास में श्रद्धांजलि दी। pic.twitter.com/0YDnN9QZU6
— INC TV (@INC_Television) October 12, 2021
कांग्रेस नेताओं अलावा, राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी भी तिकुनिया पहुंचे हैं। जयंत ने किसानों की आत्मा की शांति के लिए अंतिम अरदास कार्यक्रम में शिरकत की। वे भी प्रियंका की तरह मंच पर नहीं बल्कि नीचे आम लोगों से साथ की बैठे नजर आए।
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संयुक्त किसान मोर्चा ने कार्यक्रम के दौरान मंच से कहा, “हम प्रियंका गांधी, दीपेंद्र हुड्डा का स्वागत करते हैं। मगर हम लोगों का यह निर्णय है कि किसान संयुक्त मोर्चा का मंच किसी राजनैतिक व्यक्ति से साझा नहीं किया जाएगा।”
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के अलावा, अंतिम अरदास कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू भी पहुंचे हैं। राकेश टिकैत भी पहुंच गए हैं। उधर, लखीमपुर आने वाले किसानों को जगह-जगह रोका जा रहा है। इसको लेकर किसान आक्रोशित हो रहे हैं।
मंच से बार-बार अनाउंस किया जा रहा है कि प्रशासन उन्हें परेशान न करे। वहीं, बरेली एयरपोर्ट राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी को पर पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। हालांकि, कुछ देर बाद उन्हें बाद में छोड़ दिया गया। उसके बाद वे तिकुनिया के लिए रवाना हो गए।
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जैसा कि मालूम है कि लखीमपुर खीरी हिंसा में दलजीत सिंह, नछत्तर सिंह, गुरविंदर सिंह, लवप्रीत सिंह और रमन कश्यप नाम के किसानों की मौत हुई थी। वहीं, तीन भाजपा के कार्यकर्ता में हिंसा की प्रतिक्रिया में मारे गए थे।
पलिया से आए रागी जत्थे ने गुरवाणी का बखान कर संगत को निहाल किया। कार्यक्रम में मृत किसानों के परिजन और घायल किसानों को भी बुलाया गया है। इस कार्यक्रम में पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के तमाम जिलों से किसान शामिल होने पहुंचे हैं।
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