असम के दरांग जिले में गुरुवार को फिर से पुलिस कब्जा हटाने गई। इस दौरान सिपाहझार में पुलिस और ग्रामिणों के बीच झड़प हो गई। इस दौरान पुलिस ने नियमत: पैरों में गोली मारने के बजाए ग्रामीण के सीने में गोली मारी। न्यूजक्लिक के मुताबिक, झड़प में अब तक 3 लोगों की मौत हुई है।
सामाजिक कार्यकर्ता और वकील तीस्ता सीतलवाडी ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे दस निर्दोष लोगों पर गोलियां चलाईं। मरने के अलावा कई लोग बुरी तरह घायल हुए हैं।
Breaking: Ten innocent peaceful protesters fired on by Assam police. Injured. Badly. Diabolical plans after midnight notices for eviction servd by admin of Darang District, a hit squad comes to Dhalpur villages under Sipajhar police station of Darang District to break homes.
— Teesta Setalvad (@TeestaSetalvad) September 23, 2021
बताया जाता है कि जिले प्रशासन की ओर बेदखली के लिए आधी रात को नोटिस दिया गया था। इसके बाद, एक सरकारी दस्ता दरांग जिले के सिपाझार थाना अंतर्गत ढालपुर गांवों में घरों को तोड़ने के लिए गई। इसी दौरान गांववालों और पुलिस के बीच छड़प हो गई। इसके बाद पुलिस ने सीधे गोली चलाई और 3 लोग मारे गए।
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As news pours in of d tragedy by police bullets in Dhalpur, Darrang dist of Assam; one more life may have been lost (taking d toll to 3) here r some photos to show how a Peaceful protest, an abs right under Article 19(1)(a) of the Indian Consti ws violently taken away #Assam pic.twitter.com/kXQ2GfZaLn
— Teesta Setalvad (@TeestaSetalvad) September 23, 2021
सोशल मीडिया घटना से संबंधित वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा सकता है पुलिस की टुकड़ी गांव के तरफ बढ़ रही है तभी उधर से एक व्यक्ति हाथों में डंडा लेकर दौड़ता हुआ आता है जिसे पुलिस गोली मार देती है। आश्चर्य की बात ये कि गोली पैरों या दूसरे अंगों पर मारने बजाए सीधे सीने पर मारती है।
तभी पुलिस के साथ गया एक फोटो पत्रकार भी घायल व्यक्ति की ओर दौड़ता है और सीने पर कूद-कूदकर लात-घूसे मारने लगता है। सोशल मीडिया पर वीडियो आने के बाद लोग पुलिस और सरकारी तनाशाही की आलोचना कर रहे हैं।
ए.आई.यू.डब्ल्यू.सी. ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है, “असम के दरांग जिले के ढोलपुर गोरुखुटी गांव में पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़प में दो लोगों की मौत हो गई है। असम सरकार लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था करे और उन्हें जबरदस्ती बेदखल न करे। ये तानाशाह सरकार सिर्फ गोली की ताकत पर शासन करना जानती है।”
असम के दरांग जिले के ढोलपुर गोरुखुटी गांव में पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़प में दो लोगों की मौत हो गई है। असम सरकार लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था करे और उन्हें जबरदस्ती बेदखल न करे। ये तानाशाह सरकार सिर्फ गोली की ताकत पर शासन करना जानती है।pic.twitter.com/ZtikpH2o4e
— AIUWC (@aiuwcindia) September 23, 2021
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वहीं, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हिंसा को राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित बताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “असम राज्य प्रायोजित आग में जल रहा है। मैं असम में अपने भाई-बहनों के साथ खड़ा हूं। भारत का कोई भी बच्चा इसके लायक नहीं है।”
Assam is on state-sponsored fire.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 23, 2021
I stand in solidarity with our brothers and sisters in the state- no children of India deserve this. pic.twitter.com/syo4BTIXKH
वहीं, असम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने इस पूरे मामले पर बीजेपी सरकार को घेरा है। असम सरकार की निंदा करते हुए उन्होंने ग्रामिणों पर कार्रवाई को अमानवीय बताया।
उन्होंने कहा, “कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी बेदखल करने के खिलाफ निर्देश दिया था, फिर भी सीएम डॉ. हिमंता बिस्वा सरमा की सरकार लोगों को बेदखल कर रही है, जो 1970 से यहां रह रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार को लोगों को वहां से हटाने से पहले उनके लिए वैकल्पिक आवास की व्यवस्था करनी चाहिए।”
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पूरा मामला ये है कि गुरुवार को पुलिस दरांग जिले के ढोलपुर गोरुखुटी गांव में कथित अतिक्रमण हटाने गई थी। इससे पहले दरांग के सिपाझार इलाके में लगभग 800 घरों को सरकारी आदेश पर तोड़ दिया गया था। तोड़े गए घरों में ज्यादातर घर मुसलमानों के हैं। इसके अलावा, तीन मस्जिद और एक मंदिर को भी तोड़ा गया था।
हालांकि, राज्य मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंदिर के संबंध में कहा था कि जल्द ही तोड़े गए जगह पर आलिशान मंदिर बनवाया जाएगा। सरकारी आदेश के बाद 800 से ज्यादा परिवार और 20 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
जिन गांवों में पुलिस कार्रवाई कर रही है उनमें ज्यादातर पूर्वी बंगाली मूल के मुसलमान रहते हैं। आज जब लोगों को हटाने के लिए पुलिस गई तभी स्थानीय लोगों के साथ उनका झड़प हो गया। इस झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि 9 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। फिलहाल, मकानों को तोड़े जाने के बाद सैकड़ों की संख्या में लोग ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे रहने को मजबूर हो गए हैं।
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