असम में जमीन खाली कराने गई पुलिस ने ग्रामिण के सीधे सीने में मारी गोली, 3 की मौत

असम में जमीन खाली कराने गई पुलिस ने ग्रामिण के सीधे सीने में मारी गोली, 3 की मौत

असम के दरांग जिले में गुरुवार को फिर से पुलिस कब्जा हटाने गई। इस दौरान सिपाहझार में पुलिस और ग्रामिणों के बीच झड़प हो गई। इस दौरान पुलिस ने नियमत: पैरों में गोली मारने के बजाए ग्रामीण के सीने में गोली मारी। न्यूजक्लिक के मुताबिक, झड़प में अब तक 3 लोगों की मौत हुई है।

सामाजिक कार्यकर्ता और वकील तीस्ता सीतलवाडी ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे दस निर्दोष लोगों पर गोलियां चलाईं। मरने के अलावा कई लोग बुरी तरह घायल हुए हैं।

बताया जाता है कि जिले प्रशासन की ओर बेदखली के लिए आधी रात को नोटिस दिया गया था। इसके बाद, एक सरकारी दस्ता दरांग जिले के सिपाझार थाना अंतर्गत ढालपुर गांवों में घरों को तोड़ने के लिए गई। इसी दौरान गांववालों और पुलिस के बीच छड़प हो गई। इसके बाद पुलिस ने सीधे गोली चलाई और 3 लोग मारे गए।

ये भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, पेगासस जासूसी कांड की जांच करेगी टेक्निकल एक्सपर्ट कमिटी

सोशल मीडिया घटना से संबंधित वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा सकता है पुलिस की टुकड़ी गांव के तरफ बढ़ रही है तभी उधर से एक व्यक्ति हाथों में डंडा लेकर दौड़ता हुआ आता है जिसे पुलिस गोली मार देती है। आश्चर्य की बात ये कि गोली पैरों या दूसरे अंगों पर मारने बजाए सीधे सीने पर मारती है।

तभी पुलिस के साथ गया एक फोटो पत्रकार भी घायल व्यक्ति की ओर दौड़ता है और सीने पर कूद-कूदकर लात-घूसे मारने लगता है। सोशल मीडिया पर वीडियो आने के बाद लोग पुलिस और सरकारी तनाशाही की आलोचना कर रहे हैं।

असम में जमीन खाली कराने गई पुलिस ने ग्रामिणों के सीधे सीने में मारी गोली, 3 की मौत

ए.आई.यू.डब्ल्यू.सी. ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है, “असम के दरांग जिले के ढोलपुर गोरुखुटी गांव में पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़प में दो लोगों की मौत हो गई है। असम सरकार लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था करे और उन्हें जबरदस्ती बेदखल न करे। ये तानाशाह सरकार सिर्फ गोली की ताकत पर शासन करना जानती है।”

ये भी पढ़ें: नरेंद्र गिरि केस की जांच करने प्रयागराज पहुंची CBI, शुरुआती जांच शुरू

वहीं, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हिंसा को राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित बताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “असम राज्य प्रायोजित आग में जल रहा है। मैं असम में अपने भाई-बहनों के साथ खड़ा हूं। भारत का कोई भी बच्चा इसके लायक नहीं है।”

वहीं, असम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने इस पूरे मामले पर बीजेपी सरकार को घेरा है। असम सरकार की निंदा करते हुए उन्होंने ग्रामिणों पर कार्रवाई को अमानवीय बताया।

उन्होंने कहा, “कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी बेदखल करने के खिलाफ निर्देश दिया था, फिर भी सीएम डॉ. हिमंता बिस्वा सरमा की सरकार लोगों को बेदखल कर रही है, जो 1970 से यहां रह रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार को लोगों को वहां से हटाने से पहले उनके लिए वैकल्पिक आवास की व्यवस्था करनी चाहिए।”

ये भी पढ़ें: असम में 3 मस्जिद और 1 मंदिर समेत 800 घरों को सरकार ने तोड़वाया

पूरा मामला ये है कि गुरुवार को पुलिस दरांग जिले के ढोलपुर गोरुखुटी गांव में कथित अतिक्रमण हटाने गई थी। इससे पहले दरांग के सिपाझार इलाके में लगभग 800 घरों को सरकारी आदेश पर तोड़ दिया गया था। तोड़े गए घरों में ज्यादातर घर मुसलमानों के हैं। इसके अलावा, तीन मस्जिद और एक मंदिर को भी तोड़ा गया था।

असम में जमीन खाली कराने गई पुलिस ने ग्रामिण के सीधे सीने में मारी गोली, 3 की मौत

हालांकि, राज्य मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंदिर के संबंध में कहा था कि जल्द ही तोड़े गए जगह पर आलिशान मंदिर बनवाया जाएगा। सरकारी आदेश के बाद 800 से ज्यादा परिवार और 20 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।

जिन गांवों में पुलिस कार्रवाई कर रही है उनमें ज्यादातर पूर्वी बंगाली मूल के मुसलमान रहते हैं। आज जब लोगों को हटाने के लिए पुलिस गई तभी स्थानीय लोगों के साथ उनका झड़प हो गया। इस झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि 9 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। फिलहाल, मकानों को तोड़े जाने के बाद सैकड़ों की संख्या में लोग ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे रहने को मजबूर हो गए हैं।


[प्रिय पाठक, पल-पल के न्यूज, संपादकीय, कविता-कहानी पढ़ने के लिए ‘न्यूज बताओ’ से जुड़ें। आप हमें फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भी फॉलो कर सकते हैं।]

Leave a Reply

Your email address will not be published.