कश्मीरी नेताओं के साथ PM नरेंद्र मोदी की बैठक खत्म, जानें किससे क्या हुई बात

कश्मीरी नेताओं के साथ PM नरेंद्र मोदी की बैठक खत्म, जानें किससे क्या हुई बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के आठ राजनीतिक दलों के 14 नेताओं के साथ बैठक की। यह बैठक करीब 3 घंटे तक चली। राज्य के विशेष दर्जे, परिसीमन में बदलाव, चुनाव और पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली समेत कई मुद्दों पर इस सर्वदलीय बैठक में चर्चा हुई। इस बैठक में फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, रविन्द्र रैना, कवींद्र गुप्ता, निर्मल सिंह, सज्जाद लोन, भीम सिंह समेत अन्य कई नेता शामिल रहे।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा खत्म कर जम्मू-कश्मीर को पूरी तरह राज्य का दर्जा वापस दिया जाए। उन्होंने ये भी कहा कि जम्मू-कश्मीर कैडर के साथ उसे राज्य का दर्जा दिया जाए। हम 5 अगस्त को नहीं मानते हैं।

उमर ने आगे कहा कि परिसीमन की जरूरत नहीं है। हम अपनी अदालत में लड़ाई जारी रखेंगे। परिसीमन की प्रक्रिया शंका पैदा करती है। लोगों को अपनी सरकार चुनने की आजादी होनी चाहिए। बड़े तौर पर यही बातें पीएम के साथ बैठक में उठाई गई। पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि पीएम और गृह मंत्री ने कहा कि राज्य का दर्जा देना और जल्द से जल्द चुनाव कराना वो चाहते हैं।

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वहीं, राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर के लोग जो मुसीबतें सह रहे हैं। 5 अगस्त 2019 के बाद गुस्से में है, नाराजगी में हैं। मुफ्ती ने कहा कश्मीर में जिस तरीके से 370 को हटाया गया वो जम्मू-कश्मीर के लोगों को मंजूर नहीं है। बीजेपी ने गैरकानूनी तरीके से हटाया गया है।

कश्मीरी नेताओं के साथ PM नरेंद्र मोदी की बैठक खत्म, जानें किससे क्या हुई बात

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर में 370 बहाल करेंगे, ये हमारी पहचान की बात है, जवाहर लाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल ने हमें खुद दिया था। उन्होंने कहा कि चीन के साथ बात कर रहे हैं, जहां लोगों का कोई इन्वॉलमेंट नहीं है, पाकिस्तान के साथ सीजफायर कराया, घुसपैठ कम कराया, कश्मीर के लोगों को सुकून मिलता है तो आपको फिर पाकिस्तान से बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कश्मीर में जो सख्ती है, उसे बंद करनी चाहिए।

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने बैठक के बाद कहा कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा जल्द वापस मिले। विधानसभा चुनाव तुरंत कराए जाएं। साथ ही कश्मीरी पंडितों की वापसी और पुनर्वास की व्यवस्था होनी चाहिए।

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद ने कहा कि उन्होंने बैठक में कांग्रेस की तरफ से पांच मांगें रखी हैं। उन्होंने कहा, “आज जो मीटिंग हुई। हमने कांग्रेस की तरफ से कई सारी बातें की हैं। राज्य को बंटवारा नहीं होना चाहिए। चुने हुए लोगों से पूछे हुए किया गया। अंत में तमाम चीजों को कहने के बाद पांच बड़ी मांगें सरकार के सामने रखी।”

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कांग्रेस नेता ने बताया कि उनकी पहली मांग है कि राज्य का दर्जा वापस दिया जाए। सदन के अंदर गृह मंत्री और पीएम ने यह आश्वासन दिया था कि हम राज्य का दर्जा बहाल करेंगे एक समय पर। हमने कहा कि समय आ गया है, शांति है सीजफायर भी है। इससे ज्यादा अनुकूल समय नहीं हो सकता है।

उन्होंने दूसरी मांग को लेकर कहा कि हमलोगों ने ये भी मांग की है, लोकतंत्र को मजबूत करना है, पंचायत और जिला परिषद के चुनाव किए और अब विधानसभा का चुनाव भी तुरंत हो। अपनी तीसरी मांग को लेकर आजाद ने कहा कि डोमिसाइल रूल थे। जमीन का रूल हमारे महाराजा के समय से था, बाद में नौकरी का भी थी। केंद्र सरकार को ये गारंटी देना चाहिए कि जब वो बिल लाएगी तो नौकरी की गारंटी देनी चाहिए।

इसके बाद उन्होंने कश्मीरी पंडितों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कश्मीरी पंडित 30 साल से बाहर है बहुत सारे, जम्मू और कश्मीर में हैं। अधिकतर बाहर हैं, कश्मीर के हरेक राजनीतिक दल और नेता की मौलिक जिम्मेदारी है कि वे कश्मीर के पंडितों को वापस लाए और उनको बसाने में सरकार की मदद करें। आखिरी मांग के तौर पर आजाद ने कहा कि 5 अगस्त स्टेट के दो हिस्से किए गए उसपर भी विचार किया जाए।

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वहीं, अल्ताफ बुखारी ने बताया कि आज अच्छे माहौल में वार्ता हुई। सभी ने विस्तार से अपनी बात रखी है। पीएम और गृहमंत्री ने सबकी बाते सुनी। प्रधानमंत्री ने कहा कि डिलिमिटेशन की प्रक्रिया खत्म होने पर चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी।

जबकि बीजेपी नेता कविंदर गुप्ता ने मीटिंग के बाद बताया कि सभी राजनीतिक दलों ने अपने विचार रखे। मुझे लगता है कि आने वाले समय में राजनीतिक प्रक्रिया शुरू होने वाली है। चुनाव भी परिसीमन प्रक्रिया के बाद होगा। वहां एक बार फिर विधानसभा का गठन होगा।

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दूसरी तरफ राज्य भाजपा अध्यक्ष रवींद्र रैना ने मीडिया से कहा कि बहुत ही बढ़िया बैठक हुई पीएम मोदी ने आयोजित की। कश्मीर के सभी वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया। कश्मीर के उज्ज्वल भविष्य के लिए पूर्ण सहयोग के लिए पीएम ने कहा। पीएम ने कहा कि कश्मीर के सभी लोग मेरे दिल में बसते हैं। कश्मीर के विकास और भलाई के लिए काम करेंगे।

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इस मीटिंग में जम्मू कश्मीर के पूर्व उप-मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने भी भाग लिया। उन्होंने बताया कि खुलकर बातें हुई हैं। पीएम ने कश्मीर के विकास के लिए आगे बढ़ने की बात कही है। सभी लोगों ने अपनी बात रखी। कश्मीर में आने वाले वक्त में चुनाव हो, लोकतंत्र की बहाली हो।

खबरों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने मीटिंग के दौरान कहा कि राजनीतिक मतभेद होंगे लेकिन सभी को राष्ट्रहित में काम करना चाहिए ताकि जम्मू-कश्मीर के लोगों को फायदा हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी के लिए सेफ्टी और सुरक्षा का माहौल सुनिश्चित करने की जरूरत है। मोदी ने कहा कि वह ‘दिल्ली की दूरी’ और ‘दिल की दूरी’ को मिटाना चाहते हैं।


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