अर्नब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी के खिलाफ PFI ने ठोका मुकदमा, समन जारी

अर्नब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी के खिलाफ PFI ने ठोका मुकदमा, समन जारी

दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को रिपब्लिक टीवी, उसके प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी और संपादक अनन्या वर्मा को समन जारी किया। ये समन पॉपुलर फ्रंट इंडिया (PFI) की ओर से दायर मानहानि के मुकदमे में जारी किया गया है। चैनल, गोस्वामी और अनन्या पर आरोप है कि उन्होंने झूठी रिपोर्टिंग की और सद्भावना बिगाड़ने की कोशिश की।

यह आदेश साकेत कोर्ट की ओर से जारी किया गया है। नई दिल्ली के अतिरिक्त सिविल जज शीतल चौधरी प्रधान ने आदेश पारित करते हुए रिपब्लिक टीवी और मुकदमे से संबंधित लोगों को 3 जनवरी, 2022 का समय दिया।

PFI ओर से दायर मुकदमे में कहा गया है कि उनके छवि को खराब करने के लिए टेलीविजन चैनल और वेबसाइट पर गलत खबर चलाए गए और संगठन की छवि खराब की गई। वादी ने इस मामले में न्यूज ब्रॉडकास्ट स्टैंडर्ड्स एसोसिएशन (एनबीएसए) को भी प्रतिवादी के रूप में भी पेश किया।

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कोर्ट के सामने असम में दारांग फायरिंग के संबंध रिपब्लिक टीवी के दो खबरों को रखे गए। सबसे पहले एक समाचार जिसका शीर्षक था- “PFI से जुड़े 2 संदिग्ध गिरफ्तार, विरोध के लिए भीड़ जुटाने का आरोप”, जिसे रिपब्लिक टीवी की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया था। दूसरा रिपब्लिक टीवी पर उसी खबर का प्रसारण था जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि ‘असम हिंसा जांच: PFI के दो लोग गिरफ्तार’।

मुकदमा में कहा कि उक्त समाचार लेख / प्रसारण के जरिए प्रतिवादियों (रिपब्लिक टीवी, उसके प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी और संपादक अनन्या वर्मा ) ने जनता को भड़काने और वादी (PFI) का नाम और छवि खराब करने का काम किया है। गोस्वामी और उनके चैनल पर आरोप है कि उन्होंने PFI के खिलाफ झूठे और तुच्छ आरोप लगाए हैं, जो मनगढ़ंत और पूर्वाग्रह से प्रेरित थे।

इतना ही नहीं गिरफ्तार किए गए दो व्यक्ति, जिनका नाम मोहम्मद अस्मत अली और मोहम्मद चांद मामूद है, जो न तो PFI के सदस्य हैं और न ही PFI के साथ किसी भी तरह से उनका नाता है। PFI ने तर्क दिया कि समाचार प्रसारित किया गया और उचित जांच और सत्यापन के बिना प्रकाशित किया गया।

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अपने दावे की पुष्ट के लिए, PFI ने दरांग के पुलिस अधीक्षक का एक बयान भी प्रस्तूत किया जिसमें उन्होंने कहा कि फायरिंग मामले में दोनों आरोपी स्थानीय पंचायत निकायों के नेता हैं, लेकिन उनका PFI से कोई संबंध नहीं है।

अर्नब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी के खिलाफ PFI ने मुकदमा ठोका, समन जारी

PFI ने आरोप लगाया कि रिपब्लिक टीवी द्वारा प्रसारित समाचार अप्रिय, कष्टप्रद, झूठा था और चैनल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के चेहरे पर एक धब्बा है। मुकदमे में कहा गया है, “प्रतिवादियों ने जानबूझकर वादी की छवि को बदनाम करने और खराब करने के मकसद से इस तरह के अपमानजनक और मानहानिकारक आरोप लगाए हैं।”

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PFI की ओर से अदालत को यह भी बताया गया था कि प्रतिवादियों को 30 सितंबर, 2021 को एक कानूनी नोटिस भेजा गया था, जिसमें उन्हें अपनी झूठी रिपोर्टिंग के साथ लिखित रूप में बिना शर्त माफी मांगने के लिए कहा गया था। हालांकि, प्रतिवादियों ने एक झूठा और टालमटोल भरा जवाब भेजा, जो प्रस्तूत किया गया है।

वादी ने नेशनल ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स एसोसिएशन से रिपब्लिक टीवी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का भी आह्वान किया था, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी। PFI की तरफ से PFI बनाम रिपब्लिक टीवी मुकदमे की पैरवी वकील शकील अब्बास कर रहे हैं।


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