एक तरफ कोरोना रूप बदल बदल कर सामने आ रहा है तो वहीं कुछ मुर्खता से बाज नहीं आ रहे हैं। कभी कोई अजवाई-लौंग की पोटली से कोरोना इलाज करने का दावा करता है तो कभी कोई गाँव-गलियों में वायरस भगाने के लिए धुँआ करता दिखाई देता है।
एक ऐसा ही मुर्खता वाला ट्रेंड अब सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि कुछ लोग जानवरों की जाबी की मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं और उसके अंदर नीम की पत्तियों का उपयोग कर रहे हैं। यह सब कुछ कोरोना से निजात पाने के तरकीब के तौपर इस्तेमाल किया जा रहा है। भले ही इसे लोग मजबूरी और मजाक के तौर पर ले रहे हैं लेकिन यह मामला बेहद गंभीर है।
हालांकि, पढ़े लिखे लोग भी इसके बहुत साधारण मामला बताकर शेयर कर रहे हैं। ऐसा ही एक वीडियो शेयर कर आईएएस अधिकारी रुपीन शर्मा ने लिखा है, “नहीं मालूम यह मास्क मदद करेगा। जुगाड़। फिर भी मजबूरी का नाम महात्मा गांधी। आवश्यकता ही जुगाड़ की जननी है। #मास्क और दवाई।”
Not sure this #MASK WILL HELP.
— Rupin Sharma IPS (@rupin1992) May 22, 2021
जुगाड़☺️☺️
Still #मजबूरी_का_नाम_महात्मा_गांधी#NECESSITY_is_the_mother_of_JUGAAD #Mask And Medicine😂🤣😷😷😷 pic.twitter.com/uHcHPIBy9D
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वीडियो के मुताबिक, यह मामला सीतापुर बस अड्डे का है। वीडियो में मौजूद साधु का कहना है कि नीम और तुलसी के पत्तों से बने मास्क में औषधीय गुण होती हैं और यह बीमारी से लोगों को ठीक करने में मदद कर सकता है। 72 वर्षीय साधु ने बताया कि ये मास्क आसपास मिलने वाले आम सर्जिकल और कपड़े के मास्क से कहीं बेहतर हैं। जबकि उनके दावों के बारे में अभी भी कोई सबूत नहीं है।
सोशल मीडिया पर एक और ऐसा ही वीडियो वायरल हो रहा है। हालांकि, इसमें दावा किया गया है कि यह सरकारी अस्पताल अधिकारियों द्वारा दिया गया है। यह वीडियो उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के बगरेठी गांव का है। मास्क लगाए महेंद्र सिंह का कहना है कि उन्हें सरकारी अस्पताल में एक अधिकारी ने यह मास्क दिया है।
महेंद्र ने बताया कि अधिकारी का कहना था कि मास्क में नीम के पत्ते लगाने से फायदा होगा। वीडियो में वे कहते हैं कि उनके पास कपड़े का मास्क नहीं था, जब पुलिस की चेकिंग चल रही थी, लेकिन बाद में हमें ये मास्क मिला। अब हम इसे ही लगाते हैं। उन्होंने बताया कि कुछ गांव के दूसरे लोग भी उनकी तरह ही मास्क पहन रहे हैं।
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महेंद्र सिंह बताते हैं कि नीम एक औषधि पेड़ है, इससे कई तरह की बीमारियां दूर होती हैं। इस मास्क को लगाने से उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत नहीं होती है और स्वच्छ हवा उनको मिलती है। बगरेठी गांव के निवासी गौरव सिंह बताते हैं कि होली के बाद से अबतक गांव में 15-20 लोगों की जान जा चुकी है।
Great idea.#mask pic.twitter.com/gtPshug6BW
— Maria Wirth (@mariawirth1) May 21, 2021
अधिकतर लोग बुखार, जुकाम के मरीज थे। ऐसे में नीम का पेड़ इस वक्त रामबाण का काम कर रहा है। हालांकि, वैज्ञानिक तौर पर इसका कोई प्रमाण नहीं है कि नीम मास्क के कोरोना संक्रमण में फायदा है। इसमें कोई दोराय नहीं कि यह केवल भरम है।
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