पेंडोरा पेपर्स: सचिन तेंदुलकर समेत 300 से अधिक भारतीयों ने विदेशों में छुपाए पैसे

पेंडोरा पेपर्स: सचिन तेंदुलकर समेत 300 से अधिक भारतीयों ने विदेशों में छुपाए पैसे

पनामा पेपर्स के खुलासे के बाद अब पेंडोरा पेपर्स के नाम से एक दस्तावेज लीक हुआ है। 3 अक्टूबर को जारी लाखों पेज के दस्तावेज में 300 से अधिक भारतीयों नाम सामने आए हैं जिसमें से 60 प्रमुख व्यक्तियों और बड़ी भारतीय कंपनियों के दूसरे देशों में मौजूद या ‘ऑफशोर अकाउंट्स’ की जांच की गई है। इसमें कई पूर्व विश्व नेताओं, राजनेताओं और सार्वजनिक अधिकारियों के नाम सामने आए हैं।

सबसे खास बात ये कि इन दस्तावेजों में मशहूर पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और उद्योगपति अनिल अंबानी जैसों के नाम भी शामिल हैं। इसके अलावा, भारत के 6 और पाकिस्तान के 7 नेताओं के नाम भी शामिल हैं। रविवार को इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) ने जारी अपनी कथित रिपोर्ट में दावा किया कि तेंदुलकर के पास विदेशों में संपत्ति है।

ICIJ जिसमें ब्रिटेन स्थित बीबीसी, ‘द गार्जियन’ अखबार और भारत के ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के पत्रकार शामिल हैं। इन्होंने अपनी जांच में 150 मीडिया आउटलेट्स के बीच दावा किया है कि इन्होंने 11.9 मिलियन से अधिक गोपनीय दस्तावेज हासिल किए हैं। कई सुपर अमीरों के गुप्त वित्तीय लेन-देन के फाइल्स भी इसमें शामिल हैं।

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अपनी रिपोर्ट में ICIJ ने कहा है, “गुप्त दस्तावेजों से ऑफशोर संपत्तियों से जुड़े लोगों में भारत के क्रिकेट सुपरस्टार सचिन तेंदुलकर, पॉप संगीत शकीरा, सुपर मॉडल क्लाउडिया शिफर और एक इतालवी डकैत शामिल हैं जिन्हें ‘ले द फैट वन’ के नाम से जाना जाता है।”

इधर, सचिन तेंदुलकर के वकील ने कहा है कि क्रिकेट खिलाड़ी का निवेश वैध है और कर अधिकारियों को घोषित कर दिया गया है। वहीं, शकीरा के वकील ने कहा कि गायिका ने अपनी कंपनियों की घोषणा की है। जबकि शिफर के वकील का कहना है कि सुपरमॉडल ब्रिटेन में अपने करों का सही भुगतान करती हैं।

रिपोर्ट के निष्कर्ष में दावा किया गया, “ICIJ की नवीनतम जांच, पेंडोरा पेपर्स, पाकिस्तानी राजनीतिक खिलाड़ियों द्वारा ऑफशोर कंपनियों के उपयोग पर नए सिरे से ध्यान आकर्षित करती है। इस बार (प्रधान मंत्री इमरान) खान के करीबी लोगों की ऑफशोर होल्डिंग्स का खुलासा किया जा रहा है, जिसमें उनके वित्त मंत्री और एक शीर्ष अधिकारी शामिल हैं।

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ICIJ रिपोर्ट के मुताबिक, इसके गुप्त दस्तावेज जॉर्डन के राजा, यूक्रेन, केन्या और इक्वाडोर के राष्ट्रपतियों, चेक गणराज्य के प्रधान मंत्री और पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर की ऑफशोर लेनदेन को उजागर करते हैं।

इसके अलावा, फाइल्स रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के ‘अनौपचारिक प्रचार मंत्री’ और रूस, अमेरिका, तुर्की और अन्य देशों के 130 से अधिक अरबपतियों की वित्तीय गतिविधियों को भी उजागर करती हैं।

ICIJ दस्तावेजों से ये पता चलता है कि गुप्त वित्त ने वैश्विक राजनीति में कितनी गहराई से घुसपैठ की है। साथ ही दस्तावेज इस बात की भी ओर इशारा करते हैं कि सरकारों और वैश्विक संगठनों ने ऑफशोर वित्तीय दुर्व्यवहारों को समाप्त करने में बहुत कम प्रगति क्यों की है।

ICIJ विश्लेषकों ने गुप्त दस्तावेजों के जरिए देश के नेताओं, कैबिनेट मंत्रियों, राजदूतों और अन्य सहित 336 उच्च-स्तरीय राजनेताओं और सार्वजनिक अधिकारियों से जुड़े ऑफशोर आश्रयों में 956 कंपनियों की पहचान की।

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रिपोर्ट में बताया गया है कि सचिन तेंदुलकर और उनके परिवार के नाम पर ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (बीवीआई) में कुछ कंपनियां थीं, जिन्हें 2016 में लिक्वीडेट कर दिया गया था। सचिन की पत्नी अंजली तेंदुलकर और ससुर आनंद मेहता के नाम पर बीवीआई में कुछ कंपनियां थीं, जिनका खुलासा पनामा लॉ फर्म एलकोगल की रिपोर्ट में भी हुआ था। एलकोगल पैंडोरा पेपर्स का हिस्सा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, तेंदुलकर का परिवार बीवीआई स्थित सास इंटरनेशनल लिमिटेड नाम की कंपनी में डायरेक्टर और बीओ है। इस कंपनी का पहला उल्लेख 2007 में किया गया था। कंपनी को जुलाई 2016 में लिक्वीडेट करने तक इसके मालिकों और आर्थिक फायदों का पूरा वर्णन पैंडोरा रिकॉर्ड्स के पास है।

  • इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लिक्वीडेशन के समय तक कंपनी का वर्णन इस प्रकार था-
  • सचिन तेंदुलकर (9 शेयर): 856,702 डॉलर
  • अंजली तेंदुलकर (14 शेयर): 1,375,714 डॉलर
  • आनंद मेहता (5 शेयर) 453,082 डॉलर
पेंडोरा पेपर्स: सचिन तेंदुलकर समेत 300 से अधिक भारतीयों ने विदेशों में छुपाए पैसे
ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स से संबंधित कंपनियों में हस्ताक्षर (फोटो साभार- इंडियन एक्सप्रेस)

इस प्रकार, सास इंटरनेशनल के शेयर्स की औसत कीमत लगभग 96,000 डॉलर थी। कंपनी की स्थापना 10 अगस्त 2007 के समय लिए गए रिजॉल्युशन के तहत सास इंटरनेशनल के 90 शेयर्स को आउटसेट किया गया था।

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60 शेयर्स का पहला प्रमाण पत्र अंजली तेंदुलकर को जारी किया गया था। उनके पिता को 30 शेयर्स का दूसरा प्रमाण पत्र दिया गया जारी किया गया था। इसके बाद बचे हुए शेयर्स और बायबैक की कोई जानकारी नहीं है। 90 शेयर्स का मूल्य 8.6 मिलियन डॉलर ( लगभगर 60 करोड़ रुपए) था।

सास इंटरनेशनल लिमिटेड को पनाना पेपर्स में नाम आने के तीन महीने बाद ही लिक्वीडेट कर दिया गया था। एलकोगल की स्प्रेडशीट में सचिन और अंजली तेंदुलकर का नाम पॉलिटकली एक्सपोस्ड पर्सन्स (राजनीतिक संबंध वाले व्यक्ति) के रूप में दर्ज है।

सचिन और अंजली के राजनीतिक रसूख और संबंधों को सास इंटरनेशनल के बंद होने के दो महीने पहले रिव्यू किया गया था। गौरतलब है कि सचिन तेंदुलकर 2012 से 2018 तक राज्यसभा के सदस्य थे। सास इंटरनेशनल लिमिटेड के डाटा सेट के मुताबिक, अपनी एमओए में कंपनी ने कहा था कि यह शेयर्स से लिमिटेड है और एक डॉलर प्रति शेयर के मूल्य से 50000 शेयर जारी कर सकती है। सेलर नाम की एक कंपनी को सास इंटरनेशनल का सेक्रेटरी नियुक्त किया गया था।


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