पुलिस हिरासत में शाहिद की मौत पर बोले ओवैसी- बंदूक से राज करना चाहते हैं योगी

पुलिस हिरासत में शाहिद की मौत पर बोले ओवैसी- बंदूक से राज करना चाहते हैं योगी

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जेल में सोमवार को शाहिद नाम के एक कैदी ने कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस का कहना है कि उसने आत्महत्या कर लिया पर शाहिद के परिवारवालों का कहना है कि उसकी हत्या की गई है। एआईएमआईएम के नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने हिरासत में कैदी की मौत होने को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला किया है। उन्होंने ट्वीट कर का है कि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य में बंदूक से राज करना चाहते हैं।

ओवैसी ने लिखा, “आखिर मानवाधिकार आयोग हमेशा क्यों चुप्पी साधे हुए रहता है? अगर आप पश्चिम बंगाल के लिए स्पॉट इंक्वायरी का आदेश दे सकते हैं, तो उत्तर प्रदेश सरकार के लिए क्यों नहीं, जिनके मुख्यमंत्री बंदूक से राज करने में यकीन रखते हैं। कृपया उत्तर प्रदेश में पुलिस के द्वारा किए जा रहे अत्याचारों, खासकर हिरासत में हो रही हिंसा के खिलाफ कार्रवाई करें।” उन्होंने आगे लिखा कि शाहिद का जीवन व्यर्थ नहीं था। कोई भी इसके लायक नहीं है।

दरअसल, एक साल पहले न्याजुपुरा रहने वाले शाहिद को एनडीपीएस एक्ट के तहत जेल भेजा था। पुलिस ने 25 वर्षीय शाहिद को नशीले पदार्थ रखने के आरोर में गिरफ्तार किया था। बताया जा रहा है कि हाल में उन्हें जमानत मिली थी और आज यानी मंगलवार को उनकी रिहाई होने वाली थी। लेकिन, पुलिस का कहना है कि सोमवार को उनका शव जेल के बैरक के गेट पर लटका पाया गया।

जेल अधीक्षक ने बताया कि सोमवार सुबह शाहिद ने अंगौछे का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। हालांकि, जेल प्रशासन को यह पता नहीं चल पाया कि आखिर किन कारणों से उसने आत्महत्या की। पुलिस ने मीडिया को बताया कि शाहिद को 26 जून 2020 को कारागार में लाया गया था। लेकिन 21 जून को खबर मिली की उनकी लाश फंदे से लटकी हुई मिली है।

जेल अधीक्षक का कहना है कि हम मामले के संबंध में जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के तरफ से भी लापरवाही की गई होगी उन पर शख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, जब उन से शाहिद की जमानत को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये निराधार खबर है। उन्होंने कहा कि शाहिद के रिहाई से संबंधित कोई भी कागजात जेल मेन्यूअल को नहीं मिली है।


(प्रिय पाठक, पल-पल के न्यूज, संपादकीय, कविता-कहानी पढ़ने के लिए ‘न्यूज बताओ’ से जुड़ें। आप हमें फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave a Reply

Your email address will not be published.