उत्तर प्रदेश में एक और मस्जिद प्रशासन ने तोड़ी, ओवैसी ने बोला योगी सरकार पर हमला

उत्तर प्रदेश में एक और मस्जिद प्रशासन ने तोड़ी, ओवैसी ने बोला योगी सरकार पर हमला

उत्तर प्रदेश के योगी राज में लगातार मस्जिद तोड़े जा रहे हैं। बाराबंकी जिले में प्रशासन ने कुछ दिनों पहले एक मस्जिद को तोड़ दिया था और उसका मल्बा पानी में बहा दिया था। अब मुजफ्फरनगर जिले के खतौली में बुढ़ाना रोड पर एक मस्जिद गिराने का मामला सामने आया है। बीते दिनों स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद अधिकारियों ने मस्जिद को तोड़ दिया।

एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने मस्जिद गिराए जाने को लेकर ट्वीट किए हैं। एक वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है, “उत्तर प्रदेश के खतौली, मुजफ्फरनगर में मस्जिद को एसडीएम इन्द्रकांत द्विवेदी ने शहीद कर दिया। मस्जिद वक्फ की जमीन पर बनाई गई थी। 5 महीनों से मस्जिद में नमाज अदा की जा रही थी। लॉकडाउन में भी नमाज पढ़ी जा रही थी। मस्जिद को शहीद करने से पहले मुतवल्ली से वक्फ के कागजात तक नहीं मांगे गए।”

उत्तर प्रदेश में एक और मस्जिद प्रशासन ने तोड़ी, ओवैसी ने बोला योगी सरकार पर हमला

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अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, “बाराबंकी के बाद ये दूसरी मस्जिद है जो उत्तर प्रदेश में शहीद कर दी गई है। बाराबंकी में मस्जिद को शहीद इस बहाने से किया गया की मस्जिद सरकारी ज़मीन पर बनी है। हालांकि, मस्जिद के जिम्मेदारों के पास वक्फ के तमाम कागजात थे।”

मस्जिद के कागजात को शेयर कर आगे लिखा है, “हाई कोर्ट ने भी बाराबंकी की मस्जिद को मिस्मार करने पर और नमाज़ियों को बेदखल करने पर 31 मई तक रोक लगाई थी। लेकिन मुज़फ्फरनगर में तो मस्जिद भी वक्फ के ज़मीन पर थी, फिर भी शहीद कर दी गई।”

अपने आखिरी ट्वीट में ओवैसी ने लिखा है, “ज़ाहिर-सी बात है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अपनी ज़िम्मेदारियों को सम्भाल नहीं पा रहे हैं। अस्पतालों में डॉक्टर का इंतज़ाम नहीं, नौजवान बेरोज़गार बैठे है, लोगों को सम्मान से अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं हो रहा। मुसलमानों पर ज़ुल्म करने के सिवाय, मुख्यमंत्री को ज़्यादा कुछ नहीं आता।”

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दूसरी तरफ प्रशासन का दावा है कि मस्जिद और मदरसा वक्फ की संपत्ति पर अवैध तरीके से बनाया जा रहा था जिसे बुलडोजर से ध्वस्त करा दिया गया। बताया जा रहा है कि समाज कल्याण अधिकारी पुलिस फोर्स के साथ रविवार दोपहर बुढ़ाना रोड पर पहुंचे और मस्जिद को ध्वस्त कर दिया।

स्थानीय एसडीएम ने बताया कि कुछ लोगों ने दीवारें बनाकर उसे धार्मिक स्थल का नाम दे रखा था, जबकि यह भूमि वक्फ संपत्ति में दर्ज है। पूरी तरह से छानबीन और जांच के बाद कार्रवाई की गई है। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन ने आकर न उनसे कोई कागज मांगा न और न किसी से इसके संबंध में पूछा और मस्जिद को शहीद कर दिया।

उल्लेखनीय है कि बाराबंकी में कुछ दिनों पहले प्रशासन ने गरीब नवाज मस्जिद नाम की 100 साल पुरानी को जमींदोज कर दिया है। हालांकि, उसका मामला कोर्ट में चल रहा था। मस्जिद को सुन्नी वक्फ बोर्ड में भी सूचीबद्ध किया गया है। राम सनेही घाट के एसडीएम ने मार्च में मस्जिद समिति से मस्जिद के कागजात मांगे थे, जिसके खिलाफ मस्जिद प्रबंधन समिति ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन फैसला आने से पहले ही प्रबंधन ने कार्रवाई कर मस्जिद को ध्वस्त कर दिया था।


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