पेगासस जासूसी कांड पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने सरकार को बताया टैपिंगजीवी

पेगासस जासूसी कांड पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने सरकार को बताया टैपिंगजीवी

इजराइली खुफिया साफ्टवेयर पेगासस स्पाइवेयर के जरिए पत्रकारों, विपक्षी नेताओं समेत बड़ी तादाद में कारोबारियों और समाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी करवाने के मुद्दे पर विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर हो गया है। आज से मॉनसून सत्र की शुरुआत हो चुकी है।

हालांकि, सोमवार को सदन की कार्रवाई शुरू होते विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया जिसके चलते सदन की कार्रवाई दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला।

राहुल गांधी ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर तंज किया, “हमें पता है वो क्या पढ़ रह हैं, जो भी है आपके फोन में हैं।” उन्होंने ट्विट के अंत में #पेगासस (Pegasus) भी लिखा था। इसके साथ उन्होंने अपने 16 जुलाई के ट्वीट को टैग करते हुए कहा, “मैं सोच रहा हूं कि आप लोग इन दिनों क्या पढ़ रहे हैं।”

ये भी पढ़ें: सिद्धू बने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष, 4 कार्यकारी अध्यक्ष भी किए गए नियुक्त

वहीं, केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, “टैपिंगजीवी जी, राजनीतिक विरोधियों के साथ-साथ अब पत्रकार, जज, उद्योगपति, खुद के वरिष्ठतम मंत्री और यहाँ तक की आरएसएस की लीडरशिप को भी नहीं बख्शा, आपने तो। ठीक ही कहा- अबकी बार, जासूस सरकार!”

उन्होंने अपने एक और ट्वीट में केंद्र से सवाल करते हुए लिखा, “साहेब, देश पूछता है। रोजाना 18 घंटे काम करते समय दूसरों के फ़ोन की जासूसी में कितना समय बिताते हो?”

जासूसी मामले को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी ट्वीट किया और लिखा, “इस नीति को सरकार द्वारा कभी भी स्पष्ट रूप से अस्वीकार नहीं किया गया। और किसी के द्वारा हैकिंग करना भारतीय कानून के तहत अवैध है। #पेगासस”

ये भी पढ़ें: मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले PM मोदी ने किया मीडिया से बात, जानें क्या कहा!

जब पिछले साल राज्यसभा में अपने उठाए गए प्रश्न का वीडियो शेयर करते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने लिखा, “दिसंबर 2019 शरद कालीन सत्र में राज्यसभा में सरकार से पूछे गए सवाल आज भी अनुत्तरित हैं। क्या अमित शाह जी हमें जानकारी देंगे? मुझे नहीं लगता वो देंगे। क्योंकि वे ही दोषी हैं।”

पेगासस जासूसी कांड पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने सरकार को बताया टैपिंगजीवी

कांग्रेस नेता ने आगे लिखा, “इसके बाद मैंने मंत्री जी को पत्र लिख कर जिन लोगों के फ़ोन हैक हुए थे वह सूचि उजागर करने का अनुरोध किया था जो वॉट्सअप ने उन्हें भेजी थी। आज तक मुझे मेरे पत्र का उत्तर नहीं मिला।”

दरअसल, ‘द वायर’ वेबसाइट ने रविवार को एक रिपोर्ट प्रकाशिक किया था जिसके मुताबिक, पेगासस मालवेयर के जरिए 40 से अधिक भारतीय पत्रकारों, नेताओं, समाजिक कार्यकर्ताओं और उद्योगपतियों की जासूसी की गई। हालांकि, ये मामले पुराना है और उसको लेकर 2019 में कई बातें सामने आ चुकी हैं।

ताजा रिपोर्ट आने के पहले बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2019 में ही उसका खुलासा किया था। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि इस तरह की अफवाह है कि वॉशिंगटन पोस्ट और लंदन गार्डियन एक रिपोर्ट छापने जा रहे हैं। जिसमें इसराइल की फर्म पेगासस को मोदी कैबिनेट के मंत्री, आरएसएस के नेता, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और पत्रकारों के फोन टैप करने के लिए हायर किए जाने का भंडाफोड़ होगा।

ये भी पढ़ें: किसानों के मुद्दे पर लोकसभा में जोरदार हंगामा, सदन की कार्रवाई 2 बजे तक स्थगित

स्वामी के ट्वीट पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह समेत कई लोगों ने तब प्रतिक्रिया दी थी। दिग्विजय सिंह ने लिखा था, “उम्मीद करता हूं कि वो (रिपोर्ट छापने वाले) मोदी शाह के दबाव में नहीं आएंगे।” दिग्विजय सिंह ने साल 2019 में पेगासस से जुड़ा मामला राज्यसभा में उठाया था जिसका जिक्र उन्होंने अपने ट्वीट में किया है।

दरअसल, पेगासस इसराइल की साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ की ओर से तैयार किया गया एक स्पाइवेयर है। यह एक तरह का वायरस का रूप है। इसका इस्तेमाल सरकारें अपने नागरिकों की जासूसी में इस्तेमाल करती हैं। हालांकि, भारत के बारे में आधिकारिक तौर पर ये जानकारी नहीं है कि सरकार ने एनएसओ से ‘पेगासस’ को खरीदा है या नहीं।

हालांकि, स्पाइवेयर बनाने वाली कंपनी दावा करती रही है कि वो इस प्रोग्राम को केवल मान्यता प्राप्त सरकारी एजेंसियों को बेचती है और जिसका उद्देश्य ‘आतंकवाद और अपराध के खिलाफ लड़ना’ है। जबकि इसके उल्ट कई देशों की सरकारों द्वारा इसका इस्तेमाल अपने देश में असहमित को दबाने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है।


(प्रिय पाठक, पल-पल के न्यूज, संपादकीय, कविता-कहानी पढ़ने के लिए ‘न्यूज बताओ’ से जुड़ें। आप हमें फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave a Reply

Your email address will not be published.