सिंघु बॉर्डर पर एक किसान की मौत, जाम पर टिकैत बोले- पहले ही सावधान किया था

सिंघु बॉर्डर पर एक किसान की मौत, जाम पर टिकैत बोले- पहले ही सावधान किया था

मोदी सरकार के कृषि कानून के खिलाफ किसान आज फिर सड़कों पर हैं। किसान यूनियन की अहवान पर आज (27 सितंबर को) भारत बंद का आह्वान किया गया है। किसानों के प्रदर्शन के चलते कई सड़कों पर जबरदस्त जाम लग गया है। दिल्ली गुरुग्राम बॉर्डर पर गाड़ियों की लंबी लाइन दिखाई दे रही है। लगभग हर बॉर्डर पर ऐसी ही स्थिति बनी हुई है।

सड़कों पर जाम को लेकर जब किसान नेता राकेश टिकैत से पूछा गया तो उन्होंने कहा, “लोगों को परेशानी न हो इसलिए ही इसकी जानकारी पहले दी थी। हमने लोगों को सावधान किया था कि आप परेशान हो सकते हैं।” उन्होंने कहा, “जिन्होंने हमारी बातों पर ध्यान नहीं दिया वो परेशान हो रहे हैं।”

सिंघु बॉर्डर पर एक किसान की मौत, जाम पर टिकैत बोले- पहले ही सावधान किया था

राकेश टिकैत ने आगे कहा, “हमने लोगों से अपील की थी कि आप लंच के बाद घरों से बाहर निकलें लेकिन हमारी बातों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। यहां उन्होंने फिर दोहराया कि हम अपना आंदोलव तब तक जारी रखेंगे जब तक कानून वापिस नहीं लिए जाएंगे। चाहें तो इसके लिए 10 सालों का समय लग गए।”

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दूसरी तरफ, एक बूरी खबर आई है। भारत बंद के दौरान दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर एक किसान की मौत हो गई है। हालांकि, दिल्ली पुलिस का कहना है कि किसान की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है।

सिंघु बॉर्डर पर एक किसान की मौत, जाम पर टिकैत बोले- पहले ही सावधान किया था

पुलिस ने बताया कि किसान की मौत का असली कारण पोस्ट मॉर्टम के बाद ही पता लगेगा। मृतक किसान की पहचान पंजाब के जिला जालंधर के गांव खेला के रहने वाले 55 वर्षीय बघेल राम के तौर पर हुई है। बघेल राम कुंडली बॉर्डर पर चले आंदोलन में शामिल होने आए थे।

वे 18 सितंबर को दोबारा कुंडली पहुंचे थे। सोमवार की सुबह वे अपने टेंट में मृत पाए गए। जब साथी किसानों ने उन्हें उठाने का प्रयास किया तो वे नहीं उठे। इस पर चिकित्सक को बुलाकर जांच कराई गई तो उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

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फाइल फोटो- मृतक बघेल राम का, साभार: संवाद न्यूज एजेंसी

मामले की सूचना कुंडली थाना पुलिस को दी गई जिसके बाद पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर सामान्य अस्पताल में भिजवा दिया है। बघेल राम लगातार किसान आंदोलन में आकर सेवा कर रहे थे।

बघेल राम कुछ दिन पहले ही वापस गए थे और अब 18 सितंबर से कुंडली में हनुमान मंदिर के पास अपने टेंट में रह रहे थे। साथी किसान गुरनाम सिंह ने बताया कि सभी ने भारत बंद को लेकर रविवार देर रात तक चर्चा की थी। जिसमें बघेल राम ने भी भाग लिया था।  


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