अब मलाला बोलीं- मैं शादी के खिलाफ नहीं थी, बल्कि सतर्क थी

अब मलाला बोलीं- मैं शादी के खिलाफ नहीं थी, बल्कि सतर्क थी

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई ने अपनी शादी के बाद अपना पहला लेख ब्रिटिश फैशन मैगजीन वोग के लिए लिखा है। असर मलिक के साथ 9 नवंबर को 24 साल की मलाला ने ब्रिटिश के बर्मिंघम में निकाह किया।

मलाला ने वोग मैगजीन में लिखे लेख में अपनी शादी जुड़े विवादों पर भी जवाब दिया है। उन्होंने लिखा है कि कैसे उन्हें एक संस्था के रूप में शादी में यकीन नहीं था पर उनके पार्टनर असर मलिक ने उनकी ये सोच बदली।

मलाला ने लिखा है, “मैं 35 साल की उम्र से पहले शादी नहीं करना चाहती। बीते कुछ सालों में जब भी मुझसे रिलेशनशिप के बारे में सवाल पूछे जाते तो ये मेरा जवाब यही होता। मैं शादी के खिलाफ नहीं थी, लेकिन मैं इसे लेकर बहुत सतर्क थी।”

अब मलाला बोलीं- मैं शादी के खिलाफ नहीं थी, बल्कि सतर्क थी

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उन्होंने लिखा है, “एक संस्था के रूप में इसके पीछे की पितृसत्तात्मक जड़ों को लेकर मैं सवाल करती थी, वो समझौते जिसकी उम्मीद शादी के बाद महिलाओं से रखी जाती है। दुनिया के कई हिस्सों में इस रिश्ते से जुड़े कानूनों पर भी संस्कृति का और महिला विरोधी सोच का प्रभाव होता है। मुझे हमेशा अपनी मानवता, आजादी और नारीत्व खोने का डर लगता था, इसलिए मैंने खुद के लिए ये समाधान निकाला कि- शादी को नजरअंदाज किया जाए।”

मलाला ने लिखा, “मैं खुद को महिलावादी नहीं कह सकती थी अगर मेरे पास कुछ संदेह या सवाल नहीं होते। गर्ल्स नॉट ब्राइड्स संस्था की रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल 1.2 करोड़ लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में हो जाती है। इनमें से ज्यादातर महिलाओं के लिए शादी एक खुशियों वाली साझेदारी नहीं होती बल्कि गुलामी होती है।”

अब मलाला बोलीं- मैं शादी के खिलाफ नहीं थी, बल्कि सतर्क थी

उन्होंने आगे लिखा है, “मैं उत्तर पाकिस्तान में बड़ी हुई, जहां सिखाया जाता था कि शादी स्वतंत्र जीवन जीने का एक विकल्प है, अगर तुमने पढ़ाई नहीं की, नौकरी नहीं की और खुद को काबिल नहीं बनाया तो तुम्हें जल्द शादी कर लेनी चाहिए। अगर तुम परीक्षा में फेल हो गई? तुम्हें नौकरी नहीं मिल रही तो शादी कर लो। कई लड़कियां जिनके साथ मैं बड़ी हुई उन्हें अपने करियर को लेकर खुद फैसले करने का मौका तक नहीं दिया गया और उनकी शादी कर दी गई।”

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उन्होंने लेख में लिखा है, “मेरी एक दोस्त 14 साल की थी जब वह माँ बन गई। कुछ लड़कियों को पढ़ाई छोड़नी पड़ी क्योंकि उनका परिवार उन्हें पढ़ा नहीं सकता था, कुछ ने स्कूल जाना शुरू किया लेकिन अपने परिवार की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकीं। उनके माता-पिता ने तय किया कि उनकी पढ़ाई इस लायक नहीं कि उस पर पैसे खर्च किए जाएं। इन लड़कियों के लिए शादी का अर्थ उनके जीवन की असफलता है। वो अभी भी स्कूल जाने की उम्र में हैं लेकिन जानती हैं कि उन्हें अपने सपने पूरे करने का कोई मौका नहीं मिलेगा।”

फिर मलाला ने लिखा है, “इसलिए जब सिरिन केल ने बीते जुलाई ब्रिटिश वोग की कवर स्टोरी के लिए किए गए इंटरव्यू में मुझसे मेरे रिलेशनशिप पर सवाल पूछा, तो मैंने वही जवाब दिया जो मैं इससे पहले कई बार दे चुकी थी। अपनी बहनों की अंधेरे भरी वास्तविकता को जानने के बाद मेरे लिए शादी के सिद्धांतों पर यक़ीन करना बहुत मुश्किल था। मैंने कहा था- शायद संभव है कि शादी मेरे लिए बनी ही नहीं।”

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उन्होंने आगे जोड़ा, “लेकिन अगर इसका कोई और तरीक़ा हो तो? शिक्षा, जागरूकता और सशक्तिकरण से हम कई सारे समाजिक नियमों और प्रथाओं के साथ-साथ शादी के सिद्धांतों को दोबारा परिभाषित कर सकते हैं और रिलेशनशिप की एक नई संरचना तैयार कर सकते हैं। संस्कृति लोगों से बनती है और लोग ही इसे बदल भी सकते हैं। मेरे दोस्त, मेरे मेंटर और अब मेरे पार्टनर असर के साथ मेरी बातचीत ने मुझे ये समझने में मदद की कि कैसे मैं शादी के रिश्तें में हो कर भी अपने मूल्यों- समानता, निष्पक्षता और अखंडता के प्रति वफ़ादार बनी रह सकती हूं।”

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मलाला ने लिखा है कि साल 2018 की गर्मियों में असर अपने एक दोस्त से मिलने ऑक्सफोर्ड आए थे जब हम दोनों मिले। वह क्रिकेट की दुनिया में काम करते हैं, तो मेरे पास उनसे चर्चा करने के लिए बहुत कुछ था। उन्हें मेरा मजाकिया अंदाज पसंद आया और हम बहुत अच्छे दोस्त बन गए। हमने पाया कि हमारे मूल्य एक हैं और हम दोनों को एक-दूसरे का साथ पसंद है। हम दोनों एक दूसरे साथ-साथ खुशियों और निराशाओं वक्त में भी मज़बूती से खड़े रहे।

उन्होंने लेख में आगे बताया है कि हमारे उतार-चढ़ाव के पलों में भी हमने एक दूसरे से बात की और एक-दूसरे को सुना। जब शब्द काम न करते तो मैं उन्हें अपनी एक लिंक भेजती जिसमें ये बताया गया होता कि राशियों के आधार पर हम एक-दूसरे के लिए कितने अनुकूल हैं, इस उम्मीद में कि क्या पता तारे और राशियां हमारे कनेक्शन को और मजबूत बना दें।

अब मलाला बोलीं- मैं शादी के खिलाफ नहीं थी, बल्कि सतर्क थी

मलाला ने लिखा है, “असर में मुझे एक बहुत ही अच्छा दोस्त और एक साथी मिला है। मेरे पास अभी भी उन सारी चुनौतियों के जवाब नहीं हैं जो महिलाओं को झेलने पड़ते हैं- लेकिन यकीन है कि मुझे शादी के रिश्ते में दोस्ती, प्यार और समानता मिलेगी। इसलिए मंगलवार 9 नवंबर को हमने अपने परिवार और करीबी दोस्तों के साथ बर्मिंघम में निकाह किया।”

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उन्होंने बताया कि ये एक छोटा-सा समारोह था जिसे सबने मिलकर मुमकिन बनाया। मेरी माँ और उनकी दोस्त ने लाहौर से मेरे लिए शादी का जोड़ा लाया। असर की माँ और बहन ने मुझे गहने दिए जो मैंने निकाह के दिन पहने। मेरे पिता ने सजावट और खाने का इंतजाम किया। मेरे असिस्टेंट ने फोटोग्राफर और मेरे मेकअप का इंतजाम किया।

मलाला ने आखिर में लिखा है, “ऑक्सफोर्ड और स्कूल से मेरी तीन करीबी दोस्तों ने अपने काम से छुट्टी ली और इस समारोह में शामिल हुईं। मैंने खुद अपने हाथ पर मेंहदी लगाई और मुझे पता चला कि अपने परिवार और दोस्तों में मैं अकेली हूं जिसे मेंहदी लगाने आती है। असर और मैंने शादी के एक दिन पहले उसकी पिंक टाई, पॉकेट स्वायर और मेरी सैंडल लेने के लिए घंटों एक मॉल में बिताया।” फिर उन्होंने लिखा है कि हम इस सुखद सरप्राइज को उन सभी के साथ साझा करने के लिए रोमांचित थे जो हमारी परवाह करते हैं- और हम आगे की यात्रा के लिए उत्साहित हैं।


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