अर्दोआन भी इस्राइल को लेकर पिघले, कहा- शांति और स्थिरता के लिए दोस्ती जरूरी

अर्दोआन भी इस्राइल को लेकर पिघले, कहा- शांति और स्थिरता के लिए दोस्ती जरूरी

तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन हमेशा से इस्राइल के खिलाफ अपने आक्रामक बयानों के लिए जाने जाते हैं। लेकिन अब उन्होंने अपने नजरिए में बदवाल के संकेत दिए हैं। अर्दोआन ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन में तुर्की और इस्लामिक देशों के यहूदियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी। राष्ट्रपति अर्दोआन ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि तुर्की-इस्राइल का संबंध इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए बेहद अहम है।

उन्होंने कहा, “हमें इस्लामोफोबिया, यहूदियों से नफरत और पश्चिमी देशों में विदेशियों के साथ भेदभाव को लेकर साथ आने की जरूरत है। हमें साथ मिलकर काम करने की जरूरत है ताकि मध्य-पूर्व में शांति और स्थिरता को बढ़ावा दिया जा सके।”

तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा, “फिलिस्तीन को लेकर इस्राइल के साथ मतभेद है लेकिन अर्थव्यवस्था, व्यापार, पर्यटन और विज्ञान के क्षेत्र में हमारा संबंध अपनी गति से बढ़ रहा है। शांति प्रक्रिया में इस्राइल का रुख रचनात्मक है और इससे चीज़ों को सामान्य करने में मदद मिलेगी।”

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अर्दोआन ने आगे कहा, “मध्य-पूर्व में शांति और स्थिरता के लिए इस्राइल के साथ तुर्की का संबंध बहुत मायने रखता है। हम नए सिरे से सहयोग के लिए तैयार हैं। इस्राइल और तुर्की के हित साझे हैं और हमें इस मामले में रचनात्मक होना होगा।”

दरअसल, अर्दोआन इस साल की शुरुआत से ही पश्चिम देशों से अपने रिश्ते ठीक करने की कोशिश में लगे हैं। लेकिन कहा जाता है कि पश्चिम से रिश्ते ठीक करने से पहले तुर्की को इस्राइल से संबंध ठीक करने होंगे। हाल ही में राष्ट्रपति अर्दोआन ने इस्राइली प्रधानमंत्री नेफ्ताली बेनेट को फोन किया था।

अर्दोआन की इस्राइल के पूर्व प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू से नहीं बनती थी। हमेशा दोनों एक-दूसरे के खिलाफ बोलते रहते थे। जब बीते जुलाई महीने में नेतन्याहू सरकार ने गाजा में जब हमास के खिलाफ हमले शुरू किए थे तो तुर्की सबसे ज्यादा आक्रामक नजर आया था।

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जैसा कि मालूम है कि बीते कुछ दिनों से इस्राइल और अरब देशों के रिश्तों में सुधार देखा जा रहा है। कई देशों ने एक दूसरे के यहां अपनी एम्बेसीज खोली हैं। इस क्रम में सबसे बड़ा घटनाक्रम तब शुरू हुआ जब इस्राइल के प्रधानमंत्री नेफ्ताली बेनेट ने 11 दिसंबर को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) पहुंचे रहे हैं। इजराइल और UAE के बीच डिप्लोमैटिक रिलेशन शुरू हुए अभी कुछ महीने ही बीते हैं। माना जा रहा है कि बेनेट की यह विजिट दोनों देशों के रिश्ते मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है।

माना जा रहा है कि आगे चलकर इस्राइल का सऊदी अरब से रिश्ते ठीक होंगे। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि अंदरूनी तौर पर पहले से ही दोनों देशों के बीच रिश्त मजबूत हैं। जैसा कि मालूम है कि 1948 में इस्राइल बना था। उसके बाद किसी भी इस्राइली प्रधानमंत्री का यह पहला UAE विजिट है। AFP न्यूज एजेंसी के मुताबिक, 11 दिसंबर शाम को नेफ्ताली बेनेट अबुधाबी पहुंचे और उसके अलगे दिन उनकी मुलाकात अबुधाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल-नाहयान हुई।


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