भारत के नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलंपिक की जैवलिन थ्रो यानी भाला फेंक में गोल्ड मेडल हासिल किया है। गोल्ड मेडल जीत कर नीरज ने इतिहास रच दिया। एथलेटिक्स में नीरज चोपड़ा ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं।
नीरज चोपड़ा ने फाइनल मुकाबले में 87.58 मीटर दूर भाला फेंक गोल्ड मेडल जीता। नीरज चोपड़ा ने अपने दूसरे थ्रो में ही ये दूरी तय की। नीरज चोपड़ा ने पहले थ्रो में ही 87.03 की दूरी तय कर नंबर 1 पर जगह बना ली थी।
Tell me you didn't get goosebumps watching this. What a video. What background music. And what a celebration as soon as he got the throw out. #NeerajChopra pic.twitter.com/ntGGtv8tYm
— Sreshth Shah (@sreshthx) August 7, 2021
लेकिन इसके बाद उन्होंने अगले थ्रो में अपना प्रदर्शन और बेहतर किया। नीरज चोपड़ा ने टोक्यो में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाया।
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नीरज चोपड़ा का फाइनल में पहुंचना भारतीयों के लिए एक बड़ी जीत है, क्योंकि उन्होंने 2017 के वर्ल्ड चैम्पियन जोहानेस वेटर को भी पछाड़ दिया था। जर्मनी के जोहानेस वेटर नीरज के बाद दूसरे नंबर पर रहे। जोहानेस ने पहले ही कहा था कि ओलंपिक में नीरज को हराना मुश्किल होगा।
नीरज चोपड़ा हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गांव के रहना वाले हैं। इनका जन्म एक छोटे से किसान के घर पर 24 दिसंबर 1997 को हुआ था। नीरज ने अपनी पढ़ाई चंडीगढ़ से की है। साल 2016 में नीरज ने पोलैंड में हुए आईएएएफ (IAAF) वर्ल्ड U-20 चैम्पियनशिप में 86.48 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड जीता था, जिसके बाद उन्हें आर्मी में जूनियर कमिशन्ड ऑफिसर के तौर पर नियुक्ति मिली थी।
नीरज चोपड़ा ने आर्मी से जॉब मिलने के बाद एक इंटरव्यू में बताया था, “मेरे पिता एक किसान हैं और माँ हाउसवाइफ हैं और मैं एक ज्वॉइंट फैमिली में रहता हूं। मेरे परिवार में किसी की सरकारी नौकरी नहीं है। इसलिए सब मेरे लिए खुश हैं।”
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उन्होंने आगे कहा था, “अब मैं अपनी ट्रेनिंग जारी रखने के साथ-साथ अपने परिवार की आर्थिक मदद भी कर सकता हूं।” नीरज ने साल 2018 में इंडोनेशिया के जकार्ता में हुए एशियन गेम्स में 88.06 मीटर का थ्रो कर गोल्ड मेडल जीता था।
नीरज पहले भारतीय हैं जिन्होंने एशियन गेम्स में गोल्ड जीता है। एशियन गेम्स के इतिहास में जैवलिन थ्रो में अब तक भारत को सिर्फ दो मेडल ही मिले हैं। नीरज से पहले 1982 में गुरतेज सिंह ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
नीरज साल 2018 में एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार प्रदर्शन करने के बाद कंधे की चोट का शिकार हो गए थे। चोट की वजह से उन्हें काफी दिनों तक गेम से दूर रहना पड़ा। साल 2019 तो उनके लिए और भी खराब रहा और उसके बाद कोरोना के चलते कई इवेंट रद्द हो गए।
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लेकिन नीरज चोपड़ा ने मार्च 2021 में वापसी और उन्होंने इंडियन ग्रांड प्रिक्स में 88.07 मीटर का थ्रो कर अपना ही नेशनल रिकॉर्ड तोड़ दिया। नीरज का ये अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन था। नीरज की अभी 23 साल ही है। वे अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद किसी वर्ल्ड लेवल एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में गोल्ड जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं।
उन्होंने IAAF वर्ल्ड U-20 में गोल्ड जीता था। उन्होंने साल 2016 में साउथ एशियन गेम्स में 82.23 मीटर का थ्रो कर गोल्ड जीता। इसके बाद 2017 में उन्होंने 85.23 मीटर का थ्रो कर एशियन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीता था।
पिछले साल साउथ अफ्रीका में हुई सेंट्रल नॉर्थ ईस्ट मीटिंग एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नीरज ने 87.86 मीटर का थ्रो कर ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था। ओलंपिक में क्वालिफाई करने के लिए 85 मीटर का थ्रो करना जरूरी था।
टोक्यो में नीरज को गोल्ड मेडल का दावेदार इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि 2016 के रियो ओलंपिक में त्रिनिदाद एंड टोबैगो के केशोरन वाल्कॉट ने 85.38 मीटर जैवलिन थ्रो के साथ ब्रॉन्ज जीता था।
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