योगी के खिलाफ मर्डर केस की जांच शुरू की तो होगा गया ट्रांसफर: अमिताभ ठाकुर

योगी के खिलाफ मर्डर केस की जांच शुरू की तो होगा गया ट्रांसफर: अमिताभ ठाकुर

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पूर्व रिटायर आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट कर निशाना साधा है। उन्होंने अपने ट्वीट के जरिए सीएम योगी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि योगी की उनसे नराजगी की वजह उनके खिलाफ एक हत्या कांड में जांच करना रहा है।

अमिताभ ठाकुर ने एक के बाद एक कई ट्वीच किए हैं। उन्होंने लिखा है, “योगी आदित्यनाथ मुझसे यूं ही नाराज नहीं है। 2007 में उनके संसद में रुदन कांड के समय में एसपी महाराजगंज था। जब मैंने शासन के आदेश से उनके खिलाफ पचरुखिया मर्डर केस में जांच शुरू की थी, जिसमें उनके खिलाफ ठोस प्रमाण थे। मेरा ट्रांसफर हुआ उसके साथ ही जांच बंद।”

ये भी पढ़ें: जंतर-मंतर पर कैसा चल रहा है किसान संसद, अब तक क्या-क्या हुआ?

इसके बाद उन्होंने लिखा है, “भक्तों को सच बहुत चुभता है। योगीजी मुख्यमंत्री हैं, भावी पीएम हैं व मैं जबरिया रिटायर हूँ पर इससे यह सच नहीं बदल जाता कि मैंने उन्हें 1995-96 में गोरखपुर में अराजकता करते देखा व 2007 में एसपी महाराजगंज के रूप में उनके खिलाफ पचरुखिया मर्डर केस की जाँच शुरू की जब संसद रुदन कांड हुआ।”

अमिताभ ठाकुर ने एक और ट्वीट में एक पत्र शेयर किया है जिसके साथ उन्होंने लिखा है, “कभी यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ पर एनएसए प्रस्तावित करने वाले 1992 बैच के आईपीएस अफसर जसवीर सिंह को बिना कारण 2.5 साल से नियमविरुद्ध ढंग से निलंबित रखा गया है। कृ तथ्यों को देखें, इन्हें बहाल कर न्याय करें।”

ये भी पढ़ें: पुलिस ने कोर्ट को बताया, चुनाव में BJP ने हवाला का पैसा लगाया, 40 करोड़ काला धन खर्च किया

इन ट्वीट्स से पहले भी उन्होंने एक ट्वीट किया था जिसमें लिखा था, “आज कानून के राज की बात करने वाले योगी आदित्यनाथ को मैंने पहली बार 1995 में गोरखपुर में तब देखा था जब वे एक ट्रेन हादसे के साईट पर पूर्णतया औचित्यहीन अराजकता फैला रहे थे और तत्कालीन एसपी सीटी ने उचित बल प्रयोग कर उन पर काबू किया था।”

योगी के खिलाफ मर्डर केस की जांच शुरू की तो होगा गया ट्रांसफर: अमिताभ ठाकुर

उल्लेखनीय है कि अमिताभ ठाकुर को उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी के आदेश मुताबिक गृह मंत्रालय, भारत सरकार के 17 मार्च के आदेश पर उनको लोक हित में सेवा में बनाए रखने के उपयुक्त न पाते हुए तत्काल प्रभाव से सेवा पूर्ण होने के पहले सेवानिवृत्त कर दिया गया था।

वहीं हाल में ही अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर ने एसपी बाराबंकी कार्यालय के कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री को पत्र भेजा था। पत्र में कहा गया था कि एसपी कार्यालय में तैनात दरोगा व सिपाही थाने पर कर्मचारियों की तैनाती के नाम पर खुलेआम रिश्वत ले रहे हैं।


(प्रिय पाठक, पल-पल के न्यूज, संपादकीय, कविता-कहानी पढ़ने के लिए ‘न्यूज बताओ’ से जुड़ें। आप हमें फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave a Reply

Your email address will not be published.