मानसून सत्र के आखिरी दिन यानी बुधवार को राज्यसभा में विपक्ष की महिला सांसदों के साथ कथित तौर पर धक्का-मुक्की की गई। आज उस घटना के विरोध में 15 विपक्षी दलों ने मिलकर सरकार के खिलाफ विरोध मार्च निकाला और मोदी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद गुरुवार को केंद्र सरकार ने विपक्ष को गलत साबित करने के लिए अपने मंत्रियों की फौज उतार दी।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मेघवाल,धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, वी मुरलीधरन, अनुराग ठाकुर और प्रह्लाद जोशी ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर विपक्ष के इल्जामों का जबाब दिया। विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “विपक्ष को न तो जनता के हित, न ही टैक्सपेयर के पैसे की और न ही संवैधानिक मूल्यों की फिक्र थी। जो घटा वह बहुत शर्मसार था।”
Manhandling the marshals at Rajya Sabha!!!
— Manoj Kotak (@manoj_kotak) August 12, 2021
Anarchists at display. pic.twitter.com/ytw3h181tE
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उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष घड़ियाली आंसू बहाने की जगह देश से माफी मांगे। विपक्ष का रवैया शर्मासार करने वाला और अराजकता भरा था। ठाकुर के बाद संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, “हमने हर रोज बात करने की कोशिश की थी कि हम चर्चा करेंगे। सदन के पहले दिन जब मंत्रियों का परिचय कराना था वह तक नहीं हुआ और विपक्ष ने काम में रुकावट डाली।”
संसदीय कार्यमंत्री ने आगे कहा, “विपक्ष देश से माफी मांगे। हम हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार थे। विपक्ष ने कई बिल पास नहीं होने दिए और वह चर्चा से भागा। हमें ‘धमकी’ दी गई अगर ओबीसी बिल पास होने के बाद कोई और विधेयक पास कराने की कोशिश की जाएगी तो और भी ज्यादा बुरा हो जाएगा। और अब वह कह रहे हैं कि बिल हंगामों के बीच पास हो गया।”
जोशी ने राहुल गांधी के बयान पर कहा, “लोकसभा-राज्यसभा ने इन दलों का क्या व्यवहार था। यह सब देश देख रहा है। मेरी मांग है कि अगर वह सदन की गरिमा और लोकतंत्र का सम्मान करते हैं तो वह माफी मांगें। राज्यसभा में जो हुआ इसके लिए हम चेयरमैन से मांग करते हैं कि सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए ताकि किसी भी सरकार हो, ऐसा कृत्य दोबारा न दोहराया जा सके।”
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उल्लेखनीय है कि आज राहुल गांधी ने सुबह सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, “हमने सरकार से पेगासस पर बहस करने के लिए कहा, लेकिन सरकार ने पेगासस पर बहस करने से मना कर दिया। हमने संसद के बाहर किसानों का मुद्दा उठाया और हम आज यहां आपसे( मीडिया) बात करने आए हैं, क्योंकि हमें संसद के अंदर नहीं बोलने दिया गया। ये देश के लोकतंत्र की हत्या है।”
कल राज्यसभा में महिला सांसदों के साथ हुए धक्का-मुक्की को लेकर उन्होंने कहा कि देश के 60 फीसदी लोगों की आवाज को कुचला गया, अपमानित किया गया और कल राज्यसभा में महिला सांसदों को पीटा गया। संसद का सत्र खत्म हो गया है, लेकिन जहां तक देश के 60 फीसदी हिस्से का सवाल है, तो संसद का कोई सत्र नहीं हुआ है।
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