मोदी सरकार ने कहा, दूसरी लहर में किसी की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई

मोदी सरकार ने कहा, दूसरी लहर में किसी की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई

कोरोना का मामला अब भी सामान्य नहीं हुआ है। बीते दिनों ऑक्सीजन की कमी के चलते हजारों लोगों की जान चली गई। इस बीच मंगलवार को मोदी सरकार की तरफ से एक चौका देने वाला बयान आया। सरकार का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की भी जान नहीं गई।

सरकार ने आज कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई है। हालांकि, मोदी सरकार ने यह जरूर माना है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की डिमांड काफी बढ़ गई थी।

दरअसल, कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल ने केंद्र सरकार से पूछा, “क्या यह सच है कि कोविड-19 की दूसरी लहर में कई सारे कोरोना मरीज सड़क पर और अस्पताल में इसलिए मर गए क्योंकि ऑक्सीजन की किल्लत थी?” इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने इस सवाल का जवाब लिखित में दिया है।

ये भी पढ़ें: अरबाज खान ने नेपोटिज्म, ड्रग्स और ट्रोलिंग को लेकर बयान किया दर्द

उन्होंने लिखा है, “स्वास्थ्य राज्य का विषय है। सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को कोरोना के दौरान हुई मौतों के बारे में सूचित करने के लिए गाइडलाइंस दिए गए थे। किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की रिपोर्ट में यह नहीं कहा गया है कि किसी की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई है।”

हमारे यहां सिर्फ 2 घंटे का ऑक्सीजन बचा है, कहकर रो पड़े अस्पताल के SEO

स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने आगे कहा कि महामारी की पहली लहर के दौरान, इस जीवन रक्षक गैस की मांग 3095 मीट्रिक टन थी जो दूसरी लहर के दौरान बढ़ कर करीब 9000 मीट्रिक टन हो गई।

पवार ने कहा है कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश कोविड के मामलों और मौत की संख्या के बारे में केंद्र को नियमित सूचना देते हैं। उन्होंने आगे कहा, “केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड से मौत की सूचना देने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।”

ये भी पढ़ें: आज फिर लोकसभा दोपहर 2 बजे और राज्यसभा 12 बजे तक स्थगित

पवार ने कहा, ”इसके अनुसार, सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश नियमित रूप से केंद्र सरकार को कोविड के मामले और इसकी वजह से हुई मौत की संख्या के बारे में सूचना देते हैं। बहरहाल, किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऑक्सीजन के अभाव में किसी की भी जान जाने की खबर नहीं दी है।”

सरकार ने यह भी बताया कि देश की दो वैक्सीन निर्माता कंपनियां बच्चों के लिए कोविड रोधी टीकों का परीक्षण कर रही हैं और इन परीक्षणों के सफल होने पर बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने यह आश्वसन देते हुए कहा, “कोरोना वायरस महामारी की पहली और दूसरी लहर के आंकड़ों को देखते हुए बच्चों को लेकर अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है। फिर भी सरकार इस मामले में पूरी तैयारियां कर रही है।”

मोदी सरकार ने कहा, दूसरी लहर में किसी की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई

ये भी पढ़ें: फ्रांस सरकार ने पेगासस जासूसी कांड का दिया जांच का आदेश

मंगलवार को मंडाविया ने राज्यसभा में कोविड-19 को लेकर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि लोग कह रहे हैं कि कोविड-19 की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि भारत की दो कंपनियां इस दिशा में काम कर रही है। जायडस कैडिला ने इसे लेकर परीक्षण शुरू कर दिया है।

भारत बायोटैक कंपनी ने भी यह परीक्षण शुरू कर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि इस बारे में अभी उन्हें यह अनौपचारिक रूप से सूचना मिली है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वह इन कंपनियों के साथ संपर्क में हैं। कंपनियों के टीकों के परीक्षण सफल होंगे तभी देश के सभी बच्चों के टीकाकरण के लिए खुराक उपलब्ध हो सके।

मंडाविया ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की पहली लहर में शून्य से दस वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों में इसके संक्रमण की दर 3.28 प्रतिशत थी। और दूसरी में लहर में यह दर 3.05 प्रतिशत थी। लोगों में महामारी की तीसरी लहर के दौरान बच्चों को लेकर विशेष चिंता है। और यह चिंता होनी भी चाहिए और सरकार ऐसी किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तैयारी भी कर रही है।


(प्रिय पाठक, पल-पल के न्यूज, संपादकीय, कविता-कहानी पढ़ने के लिए ‘न्यूज बताओ’ से जुड़ें। आप हमें फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave a Reply

Your email address will not be published.