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सोहैल रिज़वी की कविता ‘अगर शब्द न होते’

सोहैल रिज़वी की कविता ‘अगर शब्द न होते’

सुहैल रिज़वी कवि, कथाकार और रंगकर्मी हैं। समय-समय पर ये देश के अलग-अलग हिस्सों में नाट्य मंचन करते रहे हैं। इन्होंने अपनी उच्च शिक्षण की डिग्री जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली से हासिल की है। फिलहाल, 'जोश टॉक' में बतौर डायरेक्टर एवं स्क्रिप्ट राइटर कार्यरत हैं। इनका ज़्यादातर लेखन कार्य समाज के उस तबके को समर्पित है जिसको हम आम आदमी बोलते है। सुबह को टिफिन लेकर जाने और शाम को खाली टिफिन लेकर लौटने वाले व्यक्ति जिनका पूरा जीवन इन दो धूरियों के बीच गुजरता है।

FEATURED STORIES

हरभजन सिंह मेहरोत्रा की कहानी: कुख्यात

हरभजन सिंह मेहरोत्रा की कहानी: कुख्यात

हरभजन सिंह मेहरोत्रा लेखक, कथाकार और प्रौद्योगिकविद् हैं। इन्होंने लेखन के साथ ‘रमतदीप’ पत्रिका का संपादन भी किया। उपन्यास ‘अनास जिन्दगी’ प्रकाशित, साहित्यकारों पर लिखे व्यक्ति चित्र ‘सफर के साथी’ का प्रकाशन 1988 में हुआ। तकनीकी अध्ययन से संबन्धित कई पुस्तकें प्रकाशित हुई। कई कहानियां प्रकाशित एवं पुरस्कृत। मेरे अन्दर दाखिल होते ही उसने उचटती नजरों से मुझे देखा था...

हबीब-उर-रहमान की कहानी: चोर की माँ

हबीब-उर-रहमान की कहानी: चोर की माँ

जब तेइसवां रोजा बीत गया तब उसे लगा कि अब देर हो रही है। हालाँकि, वह नहीं चाहता था कि इस बार ईद पर घर जाए। घर जाओ तो पचास तरह के झंझट, खासकर ट्रेन का टिकट लेना सबसे बड़ी मुसीबत का काम है। पहले लंबी लाइन में लगो और उसके कुछ ही सेकंड में रिज़र्वेशन फुल हो जाता है।...

मदर डे पर पढ़ें दिवंगत प्रेमरंजन भारती की कविता- माँ और मुक्ति

मदर डे पर पढ़ें दिवंगत प्रेमरंजन भारती की कविता- माँ और मुक्ति

दिवंगत प्रेमरंजन भारती विनोबा भावे विश्वविद्यालय में हिंदी विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर थे। बीते दिनों कोरोना के कारण अकाल मृत्यु के शिकार हो गए। हिंदी साहित्य में उनकी गहरी रुचि थी। समकालीन युवा कविता के उभरते हुए हस्ताक्षर। मदर डे पर उनकी दो कविताएं यहां प्रस्तुत कर रहे हैं- माँ माँ हो तुम!माँ हो तुम यहीं आस-पाससहसा याद आ जाती...

मशहूर शायर, आलोचक और नाटककार शमीम हनफी नहीं रहे

मशहूर शायर, आलोचक और नाटककार शमीम हनफी नहीं रहे

जाने-माने शायर, आलोचक और नाटककार शमीम हनफी का निधन हो गया है। वे 82 साल के थे। कुछ दिनों पहले उन्हें कोरोना संक्रमण होने के बाद दिल्ली के डीआरडीओ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 4 मई को एनडीटीवी के पत्रकार और एंकर रवीश कुमार ने हनफी के लिए प्लाज्मा डोनेट करने की अपील की थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर...

कोरोना ने हमसे एक और धरोहर छीन लिया, कवि और पत्रकार मनोज कुमार झा नहीं रहें

कोरोना ने हमसे एक और धरोहर छीन लिया, कवि और पत्रकार मनोज कुमार झा नहीं रहें

कवि लेखक और पत्रकार मनोज कुमार झा का आज रविवार दोपहर दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बाद निधन हो गया। वे बहुत ही सरल स्वभाव के मालिक थे। कुछ भी कहा एक झटके में मान जाते थे। आज उनके यूं जाने से हमने ऐसे व्यक्ति को खोया है जो न केवल कवि लेखक और पत्रकार थे बल्कि बहुत ही अच्छा...

उर्दू के मशहूर कहानीकार राजिंदर सिंह बेदी की 1940 में लिखी कहानी: क्वारंटीन

उर्दू के मशहूर कहानीकार राजिंदर सिंह बेदी की 1940 में लिखी कहानी: क्वारंटीन

प्लेग और क्वारंटीन! हिमाला के पाँव में लेटे हुए मैदानों पर फैल कर हर एक चीज़ को धुंदला बना देने वाली कोहरे के मानिंद प्लेग के ख़ौफ़ ने चारों तरफ अपना तसल्लुत जमा लिया था। शहर का बच्चा बच्चा उसका नाम सुन कर काँप जाता था। प्लेग तो ख़ौफ़नाक थी ही, मगर क्वारंटीन उससे भी ज़्यादा ख़ौफ़नाक थी। लोग प्लेग...

मीरा मेघमाला की कविताएँ: सुगंध की गलियाँ, एक शव संस्कार, रोशनी और संगमरमर की कब्र

मीरा मेघमाला की कविताएँ: सुगंध की गलियाँ, एक शव संस्कार, रोशनी और संगमरमर की कब्र

मीरा मेघमाला मैसूर यूनिवर्सिटी से इतिहास में एम.ए.। इनकी कन्नड़, कोंकणी और हिन्दी में कविता, कहानी और लेख कई पत्र-पत्रिकाओं और वेब पोर्टल में प्रकाशित। इन्होंने कन्नड़ साहित्य क्षेत्र में ‘कादम्बिनी रावी’ नाम से 2014 से लिखना शुरू किया। इनके ‘हलगे मत्तु मेदुबेरळु’, ‘काव्य कुसुम’, ‘कल्लेदेय मेले कूत हक्कि’ कविता संकलन प्रकाशित। फिलहाल, कर्नाटक में महिला और बाल विकास डिपार्टमेंट...

सआदत हसन मंटो की कहानी: टू टू

सआदत हसन मंटो की कहानी: टू टू

मैं सोच रहा था, दुनिया की सबसे पहली औरत जब माँ बनी तो कायनात का रद्द-ए-अ’मल क्या था? दुनिया के सबसे पहले मर्द ने क्या आसमानों की तरफ़ तमतमाती आँखों से देख कर दुनिया की सब से पहली ज़बान में बड़े फ़ख़्र के साथ ये नहीं कहा था, “मैं भी ख़ालिक़ हूँ।” टेलीफ़ोन की घंटी बजना शुरू हुई। मेरे आवारा...

होली पर पढ़िए प्रेमचंद की कहानी: अंधेर

होली पर पढ़िए प्रेमचंद की कहानी: अंधेर

नागपंचमी आई, साठे के ज़िंदा-दिल नौजवानों ने ख़ुश रंग़ जांघिये बनवाए, अखाड़े में ढोल की मर्दाना सदाएँ बुलंद हुईं क़ुर्ब-ओ-जवार के ज़ोर-आज़मा इखट्टे हुए और अखाड़े पर तंबोलियों ने अपनी दुकानें सजाईं क्योंकी आज ज़ोर-आज़माई और दोस्ताना मुक़ाबले का दिन है औरतों ने गोबर से अपने आँगन लीपे और गाती-बजाती कटोरों में दूध-चावल लिए नाग पूजने चलीं। साठे और पाठे...

आज है महादेवी वर्मा का जन्मदिन, पढ़िए उनकी कहानी: बिबिया

आज है महादेवी वर्मा का जन्मदिन, पढ़िए उनकी कहानी: बिबिया

अपने जीवनवृत्त के विषय में बिबिया की माई ने कभी कुछ बताया नहीं, किन्तु उसके मुख पर अंकित विवशता की भंगिमा, हाथों पर चोटों के निशान, पैर का अस्वाभाविक लंगड़ापन देखकर अनुमान होता था कि उसका जीवन-पथ सुगम नहीं रहा। मद्यप और झगड़ालू पति के अत्याचार भी सम्भवतः उसके लिए इतने आवश्यक हो गए थे कि उनके अभाव में उसे...

प्रज्ञा मिश्र की चार कविताएं: कोहरा, सुख, मेसेंजर और प्रतीक्षा

प्रज्ञा मिश्र की चार कविताएं: कोहरा, सुख, मेसेंजर और प्रतीक्षा

कम्प्यूटर एप्लिकेशन में स्नातकोत्तर कवयित्री प्रज्ञा मिश्र मुम्बई के बोरीवली में रहती हैं। काव्यांकुर 7, काव्यचेतना साझा संग्रह, साहित्यनामा पत्रिका व अन्य डिजिटल प्लेटफार्म पर कविताएँ प्रकाशित। फिलहाल सूचना एंव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कार्यरत हैं। कोहरा ज़ीरो माइल से शुरुआत कीज़िन्दगी के अंजाने रास्तों परन धूप थी न गर्माहटघर में सीलन, तन में सिहरनसर्द साँसों में जमा मन भीघने...

नरेन सहाय की कविता: बारिश और नानी का गाँव

नरेन सहाय की कविता: बारिश और नानी का गाँव

नरेन सहाय का बचपन टीकमगढ़, मध्यप्रदेश के खेतों, बगीचों और जंगलों में गुजरा। जामिया मिलिया इस्लामिया से मास कम्युनिकेशन में स्नातकोत्तर की उपाधि अर्जित करने वाले सहाय राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की योजनाओं में फोटोग्राफी, वीडियो आर्ट, सिनेमा और प्रोडक्शन्स से जुड़े रहे हैं। विजुअल मीडियम के बतौर अतिथि शिक्षक जामिया में कार्यरत रहे हैं। वीर दी वेडिंग की फिल्म...

कुमार मुकुल की कविताएं: क्या है सुंदरता और ऐ-अरी-ओ एंजलीना

कुमार मुकुल की कविताएं: क्या है सुंदरता और ऐ-अरी-ओ एंजलीना

क्या है सुंदरता क्या सुकरात सुंदर थेया गांधीमदाम क्यूरी क्या सुंदर थींआलोक दा से पूछा मैंने-आखिर क्या है सुंदरता पता नहीं, किस ट्रांस में जाकरबोले वो- ”रानियाँ मिट गईंजंग लगे टिन जितनी कीमत भी नहींरह गई उनकी याद कीरानियाँ मिट गईलेकिन क्षितिज तक फसल काट रही औरतेंफसल काट रही हैं।” ऐ-अरी-ओ एंजलीना- (1) ऐ-अरी-ओ एंजलीनामातृत्व का यह वैभवऔर किसके पास...

पाकिस्तान के मशहूर अदीब अशफ़ाक़ अहमद की कहानी: अम्मी

पाकिस्तान के मशहूर अदीब अशफ़ाक़ अहमद की कहानी: अम्मी

वो बड़े साहिब के लिए ईद कार्ड ख़रीद रहा था कि इत्तिफ़ाक़न उसकी मुलाक़ात अम्मी से हो गई। एक लम्हे के लिए उसने अम्मी से आँख बचा कर खिसक जाना चाहा लेकिन उसके पांव जैसे ज़मीन ने पकड़ लिये और वो अपनी पतलून की जेब में इकन्नी को मसलता रह गया। अचानक अम्मी ने उसे देखा और आगे बढ़कर उसके...

मीरा मेघमाला की तीन कविताएँ: तड़प, तकिया और कैसे मर जाएं झट से!

मीरा मेघमाला की तीन कविताएँ: तड़प, तकिया और कैसे मर जाएं झट से!

मीरा मेघमाला मैसूर यूनिवर्सिटी से इतिहास में एम.ए.। इनकी कन्नड़, कोंकणी और हिन्दी में कविता, कहानी और लेख कई पत्र-पत्रिकाओं और वेब पोर्टल में प्रकाशित। इन्होंने कन्नड़ साहित्य क्षेत्र में ‘कादम्बिनी रावी’ नाम से 2014 से लिखना शुरू किया। इनके ‘हलगे मत्तु मेदुबेरळु’, ‘काव्य कुसुम’, ‘कल्लेदेय मेले कूत हक्कि’ कविता संकलन प्रकाशित। फिलहाल, कर्नाटक में महिला और बाल विकास डिपार्टमेंट...

बानो कुदसिया की कहानी: न्यू वर्ल्ड ऑर्डर

बानो कुदसिया की कहानी: न्यू वर्ल्ड ऑर्डर

ड्राइंग रुम का दरवाज़ा खुला था। ताहिरा गैलरी में खड़ी थी। यहां उनका डोर प्लांट, दीवारों के साथ सजे थे। फ़र्श पर ईरानी क़ालीन के टुकड़े थे। दीवार पर आराइशी आईना नस्ब था। लम्हा भर को उस आईने में ताहिरा ने झांक कर देखा। अपने बाल दुरुस्त किए और खुले दरवाज़े से ड्राइंग रुम में नज़र डाली। अभी डिनर शुरू...

बिनोद कुमार राज ‘विद्रोही’ की कविता: तेरी भोंसड़ी के

बिनोद कुमार राज ‘विद्रोही’ की कविता: तेरी भोंसड़ी के

जी साहेब, जोहारसच कहता हूंमेरे दादा ने बताया था कियहाँ बहुत घनघोर जंगल हुआ करता थाआज से दुगुनाचारों ओर पहाड़ियों से घिरातब हमारे पूर्वजों नेजंगल के बीचों-बीचझाड़-झंझाड़-पुटुस को साफ किया थारहने लायक झोपड़ी बनाया थाजमीन को भी उपजाऊ बनाया था… हाँ साहेब,आज भी पूर्वजों के पसीने की गंध फैली हुई हैहर घर मेंआंगन मेंखेतों मेंखलिहानों मेंयहाँ की मिट्टी की सोंधी...

नरेन सहाय की कविता: बारिश और नानी का गाँव

नरेन सहाय की कविता: बारिश और नानी का गाँव

नरेन सहाय का बचपन टीकमगढ़, मध्यप्रदेश के खेतों, बगीचों और जंगलों में गुजरा। जामिया मिलिया इस्लामिया से मास कम्युनिकेशन में स्नातकोत्तर की उपाधि अर्जित करने वाले सहाय राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की योजनाओं में फोटोग्राफी, वीडियो आर्ट, सिनेमा और प्रोडक्शन्स से जुड़े रहे हैं। विजुअल मीडियम के बतौर अतिथि शिक्षक जामिया में कार्यरत रहे हैं। वीर दी वेडिंग की फिल्म...

प्रज्ञा मिश्र की चार कविताएं: कोहरा, सुख, मेसेंजर और प्रतीक्षा

प्रज्ञा मिश्र की चार कविताएं: कोहरा, सुख, मेसेंजर और प्रतीक्षा

कम्प्यूटर एप्लिकेशन में स्नातकोत्तर कवयित्री प्रज्ञा मिश्र मुम्बई के बोरीवली में रहती हैं। काव्यांकुर 7, काव्यचेतना साझा संग्रह, साहित्यनामा पत्रिका व अन्य डिजिटल प्लेटफार्म पर कविताएँ प्रकाशित। फिलहाल सूचना एंव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कार्यरत हैं। कोहरा ज़ीरो माइल से शुरुआत कीज़िन्दगी के अंजाने रास्तों परन धूप थी न गर्माहटघर में सीलन, तन में सिहरनसर्द साँसों में जमा मन भीघने...

आज है महादेवी वर्मा का जन्मदिन, पढ़िए उनकी कहानी: बिबिया

आज है महादेवी वर्मा का जन्मदिन, पढ़िए उनकी कहानी: बिबिया

अपने जीवनवृत्त के विषय में बिबिया की माई ने कभी कुछ बताया नहीं, किन्तु उसके मुख पर अंकित विवशता की भंगिमा, हाथों पर चोटों के निशान, पैर का अस्वाभाविक लंगड़ापन देखकर अनुमान होता था कि उसका जीवन-पथ सुगम नहीं रहा। मद्यप और झगड़ालू पति के अत्याचार भी सम्भवतः उसके लिए इतने आवश्यक हो गए थे कि उनके अभाव में उसे...

होली पर पढ़िए प्रेमचंद की कहानी: अंधेर

होली पर पढ़िए प्रेमचंद की कहानी: अंधेर

नागपंचमी आई, साठे के ज़िंदा-दिल नौजवानों ने ख़ुश रंग़ जांघिये बनवाए, अखाड़े में ढोल की मर्दाना सदाएँ बुलंद हुईं क़ुर्ब-ओ-जवार के ज़ोर-आज़मा इखट्टे हुए और अखाड़े पर तंबोलियों ने अपनी दुकानें सजाईं क्योंकी आज ज़ोर-आज़माई और दोस्ताना मुक़ाबले का दिन है औरतों ने गोबर से अपने आँगन लीपे और गाती-बजाती कटोरों में दूध-चावल लिए नाग पूजने चलीं। साठे और पाठे...

सआदत हसन मंटो की कहानी: टू टू

सआदत हसन मंटो की कहानी: टू टू

मैं सोच रहा था, दुनिया की सबसे पहली औरत जब माँ बनी तो कायनात का रद्द-ए-अ’मल क्या था? दुनिया के सबसे पहले मर्द ने क्या आसमानों की तरफ़ तमतमाती आँखों से देख कर दुनिया की सब से पहली ज़बान में बड़े फ़ख़्र के साथ ये नहीं कहा था, “मैं भी ख़ालिक़ हूँ।” टेलीफ़ोन की घंटी बजना शुरू हुई। मेरे आवारा...

मीरा मेघमाला की कविताएँ: सुगंध की गलियाँ, एक शव संस्कार, रोशनी और संगमरमर की कब्र

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मीरा मेघमाला मैसूर यूनिवर्सिटी से इतिहास में एम.ए.। इनकी कन्नड़, कोंकणी और हिन्दी में कविता, कहानी और लेख कई पत्र-पत्रिकाओं और वेब पोर्टल में प्रकाशित। इन्होंने कन्नड़ साहित्य क्षेत्र में ‘कादम्बिनी रावी’ नाम से 2014 से लिखना शुरू किया। इनके ‘हलगे मत्तु मेदुबेरळु’, ‘काव्य कुसुम’, ‘कल्लेदेय मेले कूत हक्कि’ कविता संकलन प्रकाशित। फिलहाल, कर्नाटक में महिला और बाल विकास डिपार्टमेंट...

उर्दू के मशहूर कहानीकार राजिंदर सिंह बेदी की 1940 में लिखी कहानी: क्वारंटीन

उर्दू के मशहूर कहानीकार राजिंदर सिंह बेदी की 1940 में लिखी कहानी: क्वारंटीन

प्लेग और क्वारंटीन! हिमाला के पाँव में लेटे हुए मैदानों पर फैल कर हर एक चीज़ को धुंदला बना देने वाली कोहरे के मानिंद प्लेग के ख़ौफ़ ने चारों तरफ अपना तसल्लुत जमा लिया था। शहर का बच्चा बच्चा उसका नाम सुन कर काँप जाता था। प्लेग तो ख़ौफ़नाक थी ही, मगर क्वारंटीन उससे भी ज़्यादा ख़ौफ़नाक थी। लोग प्लेग...