कर्नाटक पुलिस ने जानी-मानी पत्रकार और लेखक राणा अय्यूब के खिलाफ FIR दर्ज किया। राणा पर आरोप है कि उन्होंने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में हिजाब विरोधी प्रदर्शनकारियों के लिए ‘हिंदू आतंकवादी’ शब्द का उपयोग किया। इसके बाद ‘हिंदू आईटी सेल’ नामक संगठन ने पुलिस में शिकायत की थी।
जैसा कि मालूम है कि राणा अय्यूब दक्षिणपंथी संगठनों और नरेन्द्र मोदी सरकार की आलोचना करने के लिए जानी जाती हैं। अब राणा के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य करने के आरोप में दंड संहिता 295A के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। ‘द टेलीग्राफ’ के मुताबिक, हुबली-धारवाड़ के पुलिस कमिश्नर लभु राम ने बताया कि एक मुकदमा दर्ज किया गया है और अब हम इस मामले की जांच करेंगे।
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मुकदमा दर्ज किए जाने के संबंध में राणा अय्यूब ने ट्वीट किया है। वाशिंगटन पोस्ट की पत्रकार ने लिखा है कि कर्नाटक के एक हिंदू दक्षिणपंथी संगठन ने इंटरव्यू के लिए मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है; जो हिजाब बैन और मुस्लिम महिलाओं की धमकी में शामिल रही है। उन्होंने आगे लिखा है कि सरकार और उसके क्रोनियों मुझे सच बोलने से रोक नहीं रोक सकते।
Another case has been registered against me, in Karnataka, by the same Hindu right wing group, for ‘hurting Hindu sentiments’ in my interview on the Hijab ban and the intimidation of Muslim women. To the government and its cronies, THIS WONT STOP ME FROM SPEAKING THE TRUTH.
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) March 4, 2022
दरअसल, राणा अय्यूब ने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में कहा था, “ये लड़कियां बहुत लंबे समय से हिजाब पहन रही हैं,यह पहली बार नहीं है तो अचानक इस मामले के लिए हिंदू आतंकवादियों का यह समूह, जो कर्नाटक के एक शिक्षा परिसर में भगवा झंडा फहरा रहे हैं? एक शिक्षण संस्थान में छात्र क्यों, पुरुष छात्र क्यों भगवा झंडा फहरा रहे हैं? इसका क्या मतलब है?”

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उल्लेखनीय है कि बीते फरवरी महीने में ED ने राणा अय्यूब के खिलाफ कार्यवाई की थी और 1.77 करोड़ रुपये अटैच कर दिए थे। राणा अय्यूब पर आरोप था कि उन्होंने कोरोना के दौरान लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने के लिए किटो एप्प (Keto App) के जरिए पैसे इकट्ठा किए और उन्होंने रुपयों का सही से इस्तेमाल नहीं किया। सितंबर 2021 में विकास नाम के व्यक्ति ने उत्तर प्रदेश पुलिस को अपनी शिकायत दर्ज कराई थी।
ED ने दावा किया था कि राणा अय्यूब को FCRA के तहत बिना किसी मंजूरी के विदेशों से चंदा मिला जो विदेशों से किसी फंडिंग प्राप्त करने के लिए अनिवार्य है। हालांकि, ED इस कार्यवाई के बाद भारत सरकार की विदेशी मीडिया तथा वर्ल्ड फोरम में काफी किरकिरी हुई थी। सरकार पर आरोप लगा था कि वह राणा को उनकी आलोचना करने के चलते निशाना बना रही है।
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