कंगना रनौत की फिल्म ‘थलाइवी’ रिलीज होते ही विवादों में आ गई है। यह फिल्म तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के जीवन पर आधारित है। लेकिन जयललिता की पार्टी ने ही फिल्म को विरोध किया है। पार्टी के लोगों लोगों ने फिल्म से कुछ दृश्यों का निकालने की बात कही है।
AIADMK के नेता और पूर्व मंत्री डी. जयकुमार ने कहा कि फिल्म में कुछ फैक्ट्स गलत दिखाए गए हैं। जयकुमार ने फिल्म देखने के बाद मीडिया से बात करते हुए चेन्नई में कहा कि फिल्म तो बहुत अच्छी बनी है लेकिन पार्टी के फाउंडर लीडर एम.जी. रामचंद्रन और जयललिता के कुछ सीन गलत तरीके से फिल्माए गए हैं।
उन्होंने कहा कि फिल्म में एक सीन में दिखाया गया है कि एमजीआर सी.एन. अन्नादुराई की सरकार में मंत्री बनना चाहते थे मगर एम. करुणानिधि ने उनका रास्ता रोक दिया। जयकुमार का कहना है कि उस सरकार में एमजीआर कभी मंत्री पद चाहते ही नहीं थे।
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जयकुमार ने आगे कहा कि अन्नादुराई खुद उस समय एमजीआर को मंत्री बनाना चाहते थे। लेकिन एमजीआर ने इंकार कर दिया था। बाद में, 1969 में अन्नादुराई के निधन के बाद एमजीआर ने खुद ही मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए करुणानिधि का नाम सामने रखा था।
उसके बाद एमजीआर और करुणानिधि के बीच मतभेद हो गए और 1972 में एमजीआर ने AIADMK पार्टी का गठन किया। जयकुमार ने एक और सीन को लेकर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि फिल्म में दिखाया गया है कि जयललिता एमजीआर की जानकारी के बिना इंदिरा गांधी और राजीव गांधी से संपर्क कर रही हैं।
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AIADMK नेता ने कहा कि ऐसा कभी हुआ ही नहीं था और जयललिता कभी भी एमजीआर के खिलाफ नहीं गईं। फिल्म में ऐसे सीन भी दिखाए गए हैं जिनमें एमजीआर जयललिता का महत्व कम करने की कोशिश करते हैं।
जयकुमार ने कहा कि यह भी सच नहीं है। उन्होंने इसके बाद कहा कि अगर फिल्म से ये सीन हटा दिए जाते तो यह काफी सफल होती। हालांकि, उन्होंने फिर भी माना कि फिल्म देखते हुए वह काफी भावुक हो गए थे।
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