जामिया छात्र का आरोप, कहा- दिल्ली पुलिस ने हेट स्पीच की रिपोर्ट करने पर हिरासत में लिया

जामिया छात्र का आरोप, कहा- दिल्ली पुलिस ने हेट स्पीच की रिपोर्ट करने पर हिरासत में लिया

जामिया मिलिया इस्लामिया के एक छात्र ने दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि जब भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय और हिंदुत्ववादी कार्यकर्ता उत्तम उपाध्याय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की कोशिश की तो पुलिस द्वारा उन्हें हिरासत में लिया गया। इतना ही नहीं उन्हें धमकाया गया और ट्रोल किया गया।

उनका कहना है कि वे भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय और हिंदुत्व कार्यकर्ता उत्तम उपाध्याय; जिन्होंने भारत छोड़ो कार्यक्रम के दौरान मुस्लिम विरोधी नारे लगाए थे, के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन दिल्ली पुलिस द्वारा उन्हें ही हिरासत में लेकर प्रड़ताड़ित किया गया।

द वायर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वाम छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) के कार्यकर्ता अरबाब अली ने व्यक्तिगत रूप से अपने कुछ दोस्तों के साथ एफआईआर दर्ज कराने का फैसला किया था। जिसके बाद उनके साथ ये घटना हुई।

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अरबाब अली ने मीडिया को बताया, “हम 10 अगस्त को सुबह 11:40 बजे जामिया नगर पुलिस स्टेशन गए। हमारी शिकायत देखने के बाद उसे पढ़ने वाले पुलिसकर्मी ने कहा- हेट स्पीच ही तो दिया है, मार तो नहीं दिया न?”

अरबाब ने आगे बताया, “इसके बाद वह मुझे एसएचओ के पास ले गया। एसएचओ ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया। उन्होंने मुझे अपना मास्क हटाने के लिए कहा ताकि वह मेरी एक तस्वीर ले सके। मैंने मना कर दिया तो भी उन्होंने फिर भी मेरी मर्जी के बिना मेरी एक फोटो खींची। फिर उन्होंने मुझे इंस्पेक्टर खालिद हुसैन के कार्यालय में भेजा और कहा कि मेरे खिलाफ शिकायतों वाली फाइलें बाहर लाएं।”

उन्होंने कहा, “इसके बाद हमने संसद मार्ग थाने में एफआईआर दर्ज कराने का फैसला किया, लेकिन जामिया नगर पुलिस ने हमें वापस बुलाया और कहा कि वे हमारी प्राथमिकी दर्ज करेंगे। जब हम वापस आए तो उन्होंने हमें एसएचओ के ऑफिस में बिठाया और हमारे फोन नंबर, पता और पिता के नाम के साथ हमारे कोर्स के बारे में पूछा गया।”

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छात्र ने आगे कहा, “जब हमने पूछा कि उन्हें ये जानकारियां क्यों चाहिए? तब एसएचओ ने कहा- ये मामला बड़ा है, सही से करना होगा जिससे और तुम्हारे जैसे लोग न आएं। हमें आधे घंटे इंतजार करवाकर उन्होंने अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में कॉल किया।”

अरबाब ने बताया, “इसके बाद मुझे शाहीन बाग पुलिस स्टेशन और अन्य नंबरों से कॉल आने लगीं। उन्होंने मेरे इरादों के बारे में पूछताछ की और मैं मध्य दिल्ली जाने की योजना क्यों बना रहा था। उन्होंने मुझे और डराने की कोशिश की। बाद में, हमने एसएचओ से पूछा कि हमारी प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं की गई, तब जाकर हमें एक कांस्टेबल के माध्यम से यह पता चला कि हमें हिरासत में लिया गया है।”

जामिया छात्र ने इसके बाद कहा, “जब हमने इसका विरोध किया तो उन्होंने जबरन थाने का दरवाजा बंद कर लिया। हम पर नजर रखने के लिए तीन-चार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। तब जाकर हमने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने वकील और अन्य लोगों तक पहुंचने का फैसला किया। इसके बाद भीम आर्मी के एक दर्जन कार्यकर्ता ओखला और जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र हमें रिहा कराने थाने पहुंच गए।”

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छात्र ने आगे बताया, शाम करीब 5 बजे जामिया नगर के एसएचओ ने एक नामी वकील को बुलाकर कहा कि हमने उनके साथ बदसलूकी की है। थाने के अंदर छह घंटे की धमकी और प्रताड़ना के बाद हमें बाहर निकाला गया, लेकिन हमारी एफआईआर दर्ज नहीं की गई।”

उन्होंने कहा, “दिल्ली पुलिस ने आखिरकार उनके खिलाफ जो प्राथमिकी दर्ज की, उसमें भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय को जमानत दे दी गई है। थाने के अंदर छह घंटे की धमकी और प्रताड़ना के बाद हमें छोड़ दिया गया, लेकिन हमारी एफआईआर दर्ज नहीं की गई।”

उल्लेखनीय है कि दिल्ली के जंतर मंतर पर बीते 8 अगस्त को ‘भारत जोड़ो आंदोलन’कार्यक्रम के दौरान समान नागरिक संहिता को लागू करने के पक्ष में रैली हुई थी। रैली के दौरान कुछ लोगों ने मुस्लिम विरोधी नारेबाजी नारे लगाए थे। कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कुछ लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। हालांकि, बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था।


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