भारत UNHRC के लिए पुन:निर्वाचित, पर भूखमरी इंडेक्स में पाकिस्तान और नेपाल से भी पिछड़ा

भारत UNHRC के लिए पुन:निर्वाचित, पर भूखमरी इंडेक्स में पाकिस्तान और नेपाल से भी पिछड़ा

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में 2022-24 के लिए भारत गुरुवार को पुन:निर्वाचित हुआ। भारत ने ‘सम्मान, संवाद और सहयोग’ के जरिए मानवाधिकारों की सहायता और संरक्षण के लिए काम करने का संकल्प लिया।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन ने ट्वीट कर जानकारी दी, “भारत छठी बार भारी बहुमत से UNHRC के लिए पुन:निर्वाचित हुआ। भारत में अपना विश्वास व्यक्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों का हार्दिक आभार।” अन्य ट्वीट में कहा गया, “हम सम्मान, संवाद, सहयोग के माध्यम से मानवाधिकारों के संवर्धन और संरक्षण के लिए काम करना जारी रखेंगे।”

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारत, कजाकिस्तान, लिथुआनिया, अर्जेंटीना, बेनिन, कैमरून, इरिट्रिया, फिनलैंड, जाम्बिया, होंडुरास, लक्जमबर्ग, मलेशिया, मोंटेनेग्रो, पराग्वे, कतर, सोमालिया, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका का चयन गुप्त मतदान के जरिए किया।

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वहीं, दूसरी तरफ ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2021 में भारत अब पाकिस्तान और नेपाल से भी पिछड़ गया है। भारत 116 देशों की सूची में फिसलकर 101वें स्थान पर आ गया है। इससे पहले भारत 94वें स्थान पर था। भारत अब इस सूची में पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से भी पीछे हो गया है। पाकिस्तान 92वें, नेपाल वहीं बांग्लादेश 76वें स्थान पर हैं।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स की वेबसाइट पर जारी जानकारी के अनुसार, इंडेक्स में पांच से कम जीएचआई स्कोर रखने वाले चीन, ब्राजील और कुवैत समेत 18 देश शीर्ष स्थान पर हैं।

दरअसल, ग्लोबल हंगर इंडेक्स में, अलग-अलग देशों में लोगों को खाने की चीजें कैसी और कितनी मिलती हैं, दिखाया जाता। ‘ग्लोबल हंगर इंडेक्स’ का सूचकांक हर साल ताजा आंकड़ों के साथ जारी किया जाता है।

विश्वभर में इस सूचकांक के जरिए भूख के खिलाफ चल रहे अभियान की उपलब्धियों और नाकामियों को दर्शाया जाता है। यह रिपोर्ट आयरलैंड की सहायता एजेंसी कन्सर्न वर्ल्डवाइड और जर्मनी के संगठन वेल्ट हंगर हिल्फ ने मिलकर तैयार की है। रिपोर्ट में भारत में भूखमरी के स्तर को लेकर चिंता जताई गई है।

भारत UNHRC के लिए पुन:निर्वाचित, पर भूखमरी में पाकिस्तान और नेपाल से भी पिछड़ा

भारत बीते साल 107 देशों की सूची में 94वें स्थान पर था। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का जीएचआई स्कोर कम हुआ है। साल 2000 में ये 38.8 था जो 2012 से 2021 के बीच 28.8-27.5 रह गया।

चार मापडंडों के आधार पर जीएचआई स्कोर तय किया जाता है- अल्पपोषण, चाइल्ड वेस्टिंग (पांच साल से कम उम्र के बच्चे जिनका वज़न उनकी ऊंचाई के हिसाब से कम है, ये तीव्र कुपोषण को दर्शाता है), चाइल्ड स्टंटिंग (पांच साल से कम उम्र के बच्चे जिनकी उम्र के मुताबिक लंबाई कम है, जो लंबे समय से कुपोषण को दर्शाता है) और बाल मृत्यु दर (पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर)।

जीएचआई ज्यादा होने का मतलब है उस देश में भूख की समस्या अधिक है। उसी तरह किसी देश का स्कोर अगर कम होता है तो उसका मतलब है कि वहाँ स्थिति बेहतर है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 महामारी के चलते भारत में लगे प्रतिबंधों का लोगों पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।


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