भारत संयुक्त राष्ट्र की SDG रैंकिंग में नेपाल, भूटान और बांग्लादेश से भी पिछड़ा

भारत संयुक्त राष्ट्र की SDG रैंकिंग में नेपाल, भूटान और बांग्लादेश से भी पिछड़ा

भारत को कोविड-19 महामारी के एक और बड़ा झटका लगा है। भारत का संयुक्त राष्ट्र (UN) के सदस्य देशों की तरफ स्वीकार किए गए 17 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDG) में खराब प्रदर्शन रहने के बाद नई रैंकिंग में दो स्थान फिसल 117वें रैंक पर चला गया है। इस नई रैंकिंग के बाद अब भारत भूटान, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देशों से भी पीछे चला गया है।

भारत से 17 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स रैंकिंग में उसके सभी पड़ोसी देशों का प्रदर्शन बेहतर है। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों ने साल 2015 में 2030 एजेंडा के तहत 17 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स तय किए थे जिनके हिसाब से अलग-अलग देशों की रैंकिंग तय होती है। इस गोल में जो देश बेहतर प्रदर्शन करता है, उसकी रैंकिंग बढ़ती है और जिसका प्रदर्शन खराब होता है वो नीचे गिरता है।

SGD रैंकिंग में भारत

पिछले साल एसडीजी रैंकिंग में भारत 115 स्थान पर था। लेकिन इस साल भारत दो स्थान गिरकर 117 रैंकिंग पर पहुंच गया। अब एसडीजी रैंकिंग में भारत के बुरे प्रदर्शन की वजह भुखमरी, खाद्य सुरक्षा, लैंगिक समानता और देश में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने में नाकामी रहा है। इन समस्याओं की वजह से भारत की स्थिति अब भूटान और नेपाल जैसे छोटे देशों से भी खराब है।

भारत संयुक्त राष्ट्र की SDG रैंकिंग में नेपाल, भूटान और बांग्लादेश से भी पिछड़ा

एसडीजी रिपोर्ट में देश के राज्यों को लेकर भी स्टडी तैयार की जाती है। इसमें ये देखा जाता है कि कौन-सा राज्य में इन एसडीजी सूची में दिए 17 चीजों को लेकर कितना काम किया है। और किसने नहीं। एसडीजी लक्ष्य को पूरा करने के मामले में बिहार और झारखंड सबसे पीछे हैं। बिहार सात एसडीजी गोल्स में पिछड़ा है, वहीं झारखंड पांच गोल्स में पीछे है। अगर एसडीजी गोल्स में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की बात करें तो केरल, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ का नाम सबसे ऊपर है।

SDG 17 क्या है?

दुनियाभर के लोगों की समृद्धि और शांति के लिए संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने ये लक्ष्य तैयार किया था। इसे सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) कहते हैं। इसका मकसद ये हैं कि 2030 तक 17 लक्ष्यों को पूरा करना है। ये लक्ष्य हैं- कोई गरीबी नहीं, भुखमरी खत्म, अच्छा स्वास्थ्य और बेहतर जीवन, क्वालिटी एजुकेशन, लैंगिक समानता, क्लीन वाटर एंड सैनिटाइजेशन, अफॉर्डेबल एंड क्लीन एनर्जी, काम और आर्थिक ग्रोथ, इंडस्ट्री इनोवेशन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर, असमानता को कम करना, स्थाई शहर और समुदाय। इसके अलावा सही खपत और उत्पादन, क्लाइमेट एक्शन, जल में जीवन, जमीन पर जीवन, स्वास्थ्य-न्याय और मजबूत संस्थान, गोल्स को पूरा करने के लिए ग्लोबल पार्टनरशिप को मजबूत करने जैसे लक्ष्य भी शामिल हैं।


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