गौरक्षक ने मुस्लिम युवक पर चटकाई लाठी, पीड़ित पर मास्क नहीं पहनने का केस

गौरक्षक ने मुस्लिम युवक पर चटकाई लाठी, पीड़ित पर मास्क नहीं पहनने का केस

भारतीय गौरक्षा वाहिनी के गुंड़ों द्वारा एक मुस्लिम शख्स को पीटने का मामला सामने आया है। मामला उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले का है जहां भारतीय गौरक्षा वाहिनी के उपाध्यक्ष मनोज ठाकुर ने 23 मई को शाकिर नाम के एक मुस्लिम शख्स पर हमला किया और लाठी से पिटाई की। सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो वायरल हो रहा है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि मुरादाबाद के नार खेड़ा गांव के निवासी शाकिर को एक गौरक्षा वाहिनी का शख्स पीट रहा है और लोग खड़े होकर तमाशा देख रहे हैं। एक वीडियो में हमलावर शख्स को पीड़ित से पूछते देखा जा सकता है, “तुम्हारी गाड़ी में क्या है, बिल कहां हैं, नाम क्या है।” इस पर मार खाने वाले शाकिर को ये बोलते हुए सुना जा सकता है, “पीटने से पहले चेक क्यों नहीं कर लेते?”

क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि मामले का संज्ञान लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है। कटघर एसएचओ ने मीडियो को बताया, “दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। एक मनोज ठाकुर के खिलाफ आदमी की पिटाई के लिए और दूसरा शाकिर के खिलाफ मास्क न पहनने के लिए। कोई भी आदमी स्टेशन पर नहीं है।”

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ठाकुर के खिलाफ प्राथमिकी में पांच अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें प्रदीप, बाबू, गुलशन उर्फ गुल्ली, सुमित, विजय और चार से पांच अज्ञात लोगों पर। इन सभी पर धारा 147 (दंगा), 148 (घातक हथियार से लैस), 149 (गैरकानूनी सभा), 389 (जबरन वसूली), 386 (किसी व्यक्ति को मौत के डर में डालकर जबरन वसूली), 323 (जान-बुझकर किसी को चोट पहुंचाना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है।

वहीं दूसरी तरफ मनोज ठाकुर से पूछा गया कि उसने शाकिर पर हमला क्यों किया तो सवाल से हटकर उसने जवाब दिया, “किसी ने मुझ पर कुछ दिन पहले हमला किया था, उसकी कोई जांच नहीं हुई। कल कुछ कसाइयों ने मुझे परेशान किया, उसकी जांच नहीं हुई। पुलिस मेरी नहीं सुनती। अगर मनोज ठाकुर किसी को लाठी से मार देता है तो वो पाप है, लेकिन अगर कोई मेरी जान लेने की कोशिश करे तो वो अपराध नहीं है?”

उसने आगे कहा, “अगर सरकार मुझे ताकत दे, तो मैं हर दिन गायों को काटने वाले कसाइयों को पकड़ लूं।” जब उससे पूछा गया कि अगर कथित आरोपी गौ तस्कर था तो वो उसे पुलिस के पास क्यों नहीं ले गया, तो उसने कहा, “अगर मैंने इंतजार किया होता तो जिसे मैंने पीटा है उसने मुझ पर हमला कर दिया होता।”

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इसके बाद ठाकुर ने राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर इशारा करते हुए कहा, “आपका प्रशासन उन लोगों को मारने की कोशिश कर रहा है जो गौरक्षा का काम कर रहे हैं।”

बताया जाता है कि मनोज ठाकुर पर पैसा लेने का आरोप है। हालांकि, वह इसे इनकार करता है। लेकिन भारतीय गौरक्षा वाहिनी के अध्यक्ष राकेश सिंह परिहार बताते हैं कि ठाकुर के दावे से उलट वो संगठन के उपाध्यक्ष नहीं हैं और छह महीने पहले उन्हें निकाल दिया गया था।

परिहार ने कहा, “मनोज ठाकुर को छह महीने पहले वाहिनी से निकाल दिया गया था। उनके खिलाफ पैसा लेने के कई आरोप थे। मुरादाबाद में हमारे संघ प्रतिनिधियों ने भी इस बारे में जानकारी दी थी। ऐसा लगता है कि अब हमें अलग से एक प्रेस रिलीज जारी कर बताना पड़ेगा कि वो वाहिनी का हिस्सा नहीं है।”

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परिहार ने बताया कि इलाके के बूचड़खानों में कई लोग काम करते हैं, तो ठाकुर उसे परेशान करता है। उन्होंने कहा, “किसी की टोपी किसी को पहनना और उनका टोपी किसी तीसरे को पहनना। ऐसे ही काम करते थे वो।” पर मीडिया को उसके निकाले जाने के संबंध में कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया।


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