हरियाणा के पानीपत में वंदे मातरम् के नाम एक मस्जिद के इमाम को प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है। बापौली गांव के मस्जिद में बीते दिनों कुछ लोग घुस आए और तिरंगा फहरा कर वहां के इमाम को वंदे मातरम् का नारा लगाने को कहा। लेकिन इमाम की ओर से ऐसा नहीं किया गया।
वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि एक हिंदुस्तान 9 न्यूज नाम का लोकल यूट्यूब चैनल का पत्रकार मस्जिद के इमाम को रोक कर वंदे मातरम् कहने का दबाव बना रहा है। तथाकथित पत्रकार कहता है कि भारत में रहना है तो भारत माता की जय कहना होगा, वंदे मातरम् कहना होगा। लेकिन इमाम की ओर से ऐसा करने के इंकार कर दिया जाता है।
इस पर वह कहता है कि क्यों नहीं बोल सकते तो इमाम की ओर से कहा जाता कि इसका जवाब उनके पास नहीं है मेरे भाई। वह कहते हैं- सब नहीं बोल सकते हैं पर वंदे मातरम् नहीं। आगे जब पत्रकार अधिक दबाव बनाता है तो इमाम की तरफ से कहा जाता है कि हमारे वतन में बहुत सारे लफ्ज हैं उसे बोलेंगे पर वंदे मातरम् नहीं कह सकते हैं।
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वीडियो में देखा जा सकता है कि पत्रकार के साथ कुछ और लोग भी खड़े हैं जिनके हाथों में तिरंगा है। हालांकि, वे लोग कम बोलते दिखते हैं और पत्रकार फिर इमाम से बहस होती है। इश पर इमाम की ओर से कहा जाता है कि जो नारे लगाना है लगाओ पर मैं वंदे मातरम् नारे में शामिल नहीं हूं।
फिर पत्रकार और दूसरे लोग पास बैठे एक बुजुर्ग को टार्गेट करते हैं। वे कहते हैं कि आज कल के लड़के वंदे मातरम् क्यों नहीं कहते। इस पर सफेद दाढ़ी वाला बुजुर्ग कहता है- अरे, भाई सब इकट्ठे ही हैं। इसके बाद पत्रकार बुजुर्ग पर वंदे मातरम् कहने का दबाव बनाने लगता है। हालांकि, वह बोल देते हैं इस पत्रकार कहता है कि फिर उनलोगों की क्या समस्या है जो नहीं बोल रहे हैं।
A Maulana was forced to chant Vande Mataram by a mob that had assembled to hoist Tiranga atop a mosque in Panipat. He was allegedly coerced to leave the village for not chanting the slogan of the bully right-wing mob.
— Alishan Jafri | अलीशान (@asfreeasjafri) August 21, 2021
But the story doesn’t end here.
1/3pic.twitter.com/WkpCTZo46X
दरअसल, यह घटना 15 अगस्त का बताया जा रहा है। स्थानीय खबरों के मुताबिक, घटना में शामिल आर्य समाज से जुडे़ लोग थे। लेकिन मामला वंदे मातरम् बुलावाने और मस्जिद पर तिरंगा लगाने तक ही नहीं रुका।
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इमाम मुरसलीन की ओर से जब नारा लगाने से इंकार कर दिया तो घटना के चार दिन बाद यानी 21 अगस्त को आर्य समाज मंदिर में महापंचायत का आयोजन किया गया। फिर महापंचायत में गांव से इमाम को बाहर निकल जाने का फरमान सुना दिया गया।
गांव के हाजी राशिद का कहना है कि कुछ लोगों द्वारा भाईचारा बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता दिवस पर मस्जिद में तिरंगा फहराया गया था। कुछ लोग चप्पल और जूते पहनकर मस्जिद में आ गए थे।
हाजी ने कहा कि इन्हें ऐसा करने से रोका था। हमें वंदे मातरम् कहने से कोई एतराज नहीं है। राष्ट्र से हम प्यार करते हैं। कुछ लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए गलत बयानबाजी की है। मामले को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इमाम साहब कहीं नहीं जाएंगे और हम उन्हें नहीं जाने देंगे।
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हालांकि, बताया जा रहा है कि जिस यूट्यूबर ने इमाम के साथ बदतमीजी की थी उसने एसडीएम और बापौली थाना अधिकारियों के सामने इमाम से माफी मांग ली है। दरअसल, उस पर आरोप है कि उसी ने मामले को तूल दिया था। वहीं, इमाम के भाई ने कहा कि वह इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहते हैं। जैसा कहा जाएगा, वैसा कर लेंगे। किसी से कोई विवाद नहीं है।
उधर, एसडीएम विजेंद्र हुड्डा बताया कि विवाद खत्म हो गया है। गांव के लोगों ने मामले को आपस में सुलझा लिया है। मौलवी को निकाले जाने की सूचना नहीं है। अगर कोई भाईचारा बिगाड़ने का प्रयास करेगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। विवाद को तूल नहीं दिया जाना चाहिए।
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