अफगानिस्तान में मानवीय संकट, महीने के आखिर तक खत्म हो जाएगा खाद्य भंडार: UN

अफगानिस्तान में मानवीय संकट, महीने के आखिर तक खत्म हो जाएगा खाद्य भंडार: UN

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने अफगानिस्तान के सामने गंभीर मानवीय और आर्थिक संकट आने की सम्भावना व्यक्त की है। यूएन का मानना है कि देश में बुनियादी सेवाओं के पूरी तरह ठप होने का खतरा है। अफगान लोगों को ऐसे में तत्काल मदद की जरूरत है।

अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने दुनिया का ध्यान वहां की स्थिति की ओर दिलाने की कोशिश की। साथ ही दुनिया भर के देशों से आपात कोष देने की अपील की।

एक बयान में गुटेरेश ने कहा कि अफगानिस्तान के सामने गंभीर मानवीय और आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में बुनियादी सेवाओं के ‘पूर्ण’ पतन का खतरा आ खड़ा हुआ है।

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अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील

अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वित्तीय सहायता की अपील करते हुए यूएन महासचिव ने कहा, “अफगान बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को आज अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पहले से अधिक समर्थन और सहानुभूति की जरूरत है। मैं सदस्य देशों से जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आग्रह करता हूं। जरूरत की इस घड़ी में अफगानिस्तान को उचित और व्यापक वित्तीय सहायता देने का भी आग्रह करता हूं।”

अफगानिस्तान में मानवीय संकट, महीने के आखिर तक खत्म हो जाएगा खाद्य भंडार: UN

गुटेरेश ने आगे कहा, “संयुक्त राष्ट्र अगले सप्ताह अफगानिस्तान के लिए अधिक विस्तृत अपील जारी करेगा। अफगानिस्तान की आधी आबादी को जीवित रहने के लिए तत्काल मानवीय सहायता की आवश्यकता है।”

इसके बाद उन्होंने कहा, “तीन में से एक अफगान को यह नहीं पता कि एक बार भोजन करने के बाद अगला भोजन कहां से आएगा। पांच साल से कम उम्र के लगभग आधे बच्चे अगले साल तक गंभीर रूप से कुपोषित हो सकते हैं।”

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गुटेरेश ने कहा, “लोग हर दिन बुनियादी जरूरतों और सेवाओं तक पहुंच खो रहे हैं। एक मानवीय आपदा आ रही है।” उन्होंने बताया, “आने वाले दिनों में भीषण सूखा और भीषण ठंड का मतलब है कि लोगों को अधिक भोजन, आश्रय और चिकित्सा देखभाल की जरूरत होगी, और उन सभी को तेजी से प्रबंधित करना होगा।”

उन्होंने अपील करते हुए कहा, “मैं सभी पक्षों से आग्रह करता हूं कि वे जीवन-रक्षक दवाओं और जीवन-रक्षक वस्तुओं की आपूर्ति के साथ-साथ मानवीय कार्यकर्ताओं, पुरुषों और महिलाओं को जरूरतमंदों तक पहुंचाने का समर्थन करें।”

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उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा तो कर लिया है पर उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि अफगानिस्तान को वित्तीय सहायता के लिए संयुक्त राष्ट्र की अपील में से केवल 39 प्रतिशत को ही पूरा किया गया है।

नहीं मिल पा रहा भरपेट भोजन

दूसरी तरफ, अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के विशेष उप-प्रतिनिधि और मानवीय राहत समन्वयक रमीज अलकबरोफ ने जोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र अफगानिस्तान में हरसम्भव मदद के लिए प्रतिबद्ध है।

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उन्होंने बताया कि पहले से ही पांच साल से कम उम्र के बच्चों की आधी संख्या गम्भीर रूप से कुपोषण की शिकार है। देश के एक-तिहाई नागरिकों को भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा है।

अलकबरोफ ने बताया कि यह बेहद महत्वपूर्ण है कि जरूरी सेवाओं को प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं ताकि देश को मानवीय विनाश के गर्त में धंसने से रोका जा सके।

उन्होंने बताया कि यूएन ने मजार-ए-शरीफ एयरपोर्ट पर चिकित्सा सामग्री की खेप भेजी है, जबकि पाकिस्तान सीमा के जरिए 600 मीट्रिक टन खाद्य सामग्री ट्रकों में भेजा गया है।

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अलकबरोफ ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र की टीमें जरूरतमंग लोगों के लिए जल और साफ-सफाई की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही हैं। साथ ही लोगों को संरक्षण सेवाएं भी मुहैया कराई गई हैं, जिनमें काबुल हवाई अड्डे पर 800 बच्चे भी शामिल हैं।

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हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि विश्व खाद्य कार्यक्रम के पास खाद्य भंडार सितम्बर महीने के अन्त तक खत्म हो सकते हैं। उन्होंने कहा, “मौजूदा मांग को पूरा करने के लिए, हमें सिर्फ खाद्य सामग्री के लिए कम-से-कम 20 करोड़ डॉलर की आवश्यकता है, ताकि सबसे निर्बलों को भोजन प्रदान करने में हम सक्षम हो सकें। और वे सबसे निर्बल बच्चे हैं।”

उन्होंने कहा कि दो बड़े सदस्य देशों ने वित्तीय समर्थन प्रदान करने का संकेत दिया है, मगर यह फिर भी पर्याप्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हमें वास्तव में, इन संसाधन जुटाने के संगठित प्रयासों के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एक वृहद भागीदारी की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र आने वाले दिनों में अफगानिस्तान के लिए जल्द ही एक अपील जारी करेगा।


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