दो हफ्ते में खाद्य तेल की कीमतों में भारी उछाल, 30% तक हुआ महंगा

दो हफ्ते में खाद्य तेल की कीमतों में भारी उछाल, 30% तक हुआ महंगा

खाद्य तेल की कीमतों में फिर से इजाफा हुआ है। 15 दिन पहले जिस रिफाइंड तेल की कीमत 140 रुपये प्रति लीटर थी वह अब बढ़कर 165-170 रुपये हो गया है। सूरजमुखी तेल पहले 140 रुपये था, जो अब 170 रुपए हो गया है। वहीं, देसी घी का दाम पहले 360 रुपए लीटर था, जो अब 420 रुपये और वनस्पति तेलों की कीमतों में भी 20 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, सरसों के तेल के दाम पर अभी इसका असर नहीं पड़ा है। माना जा रहा है कि जल्द की इसमें भी इजाफा हो सकता है। मानते हैं कि आने वाले समय में सरसों के तेल के दामों पर भी इसका असर पड़ने की संभावना है।

कुछ लोगों का मानना है कि ऐसा रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते हुए है। क्योंकि सूरजमुखी तेल के सबसे बड़े उत्पादकों में यूक्रेन भी एक है। लेकिन जानकार लोगों का कहना है कि खाने-पीने के सामानों के मंहगे होने के पीछे कुछ और कारण हैं। जिनमें दुनियाभर में क्रूड आयल के दामों में 30 फीसदी का उछाल, रूस और यूक्रेन युद्ध, माल ढ़लाई का महंगा होना, सप्लाई लाइन बाधित होना और सर्दियों में पॉम आयल का आयात घटना मुख्या हैं।

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कमॉडिटी के जानकार डॉ. रवि सिंह कहते हैं कि 20 फीसदी खाने का तेल यूक्रेन से आता है इसलिए सरसों का तेल मंहगा हुआ, पर सरकार ने इम्पोर्ट कॉस्ट कम की थी, जिससे दाम नीचे आए थे। लेकिन अभी जो मामला यूक्रेन और रूस के बीच चल रहा है, उससे सप्लाई बाधित हुई है। उसका दबाव सरसों के तेल पर भी पड़ेगा। अभी हो सकता है महीनेभर में असर न पड़े पर बाद के महीने में सरसों के तेल के दाम भी 20 फीसदी तक बढ़ सकता है।

खाद्य तेल व्यापारियों का कहना है कि यूक्रेन युद्ध से पहले ब्रांडेड रिफाइन का 15 लीटर डिब्बा ₹2050 रुपये का मिलता था जो अब ₹2300 रुपये का मिल रहा है। वहीं 1 लीटर ब्रांडेड रिफाइंड का डिब्बा 136 रुपये का मिलता था जो ₹153 का मिल रहा है। एक कारोबारी ने बताया कि सूरजमुखी का तेल लखनऊ में 120 से ₹122 रुपये लीटर मिलता था जो अब 138 से ₹140 लीटर मिल रहा है। 15 लीटर का डिब्बा अब 2450 रुपये का मिल रहा है।

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हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि यूक्रेन और रशिया युद्ध के बीच मुनाफाखोरी भी किमतों में इजाफा होने का मुख्य कारणों में से एक है। सबसे अधिक बिकने वाले ब्रांड के होलसेलर ने इस दौरान लूट मचा रखी है। होलसेल व्यापारियों जिस 15 लीटर के टिन पर 2300 रुपये का प्रिंट है उसे 2450 रुपये में बेच रहे हैं। विरोध करने वाले रिटेलर को सप्लाई नहीं दी जा रही है। वहीं, होलसेल व्यापारियों का तर्क है कि युद्ध के चलते आयात निर्यात पर असर पड़ रहा है जिसके चलते तेल की कीमत बढ़ गई हैं। ‌


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