महात्मा गांधी को गाली देने वाला कालीचरण महाराज कैसे दबोचा गया?

महात्मा गांधी को गाली देने वाला कालीचरण महाराज कैसे दबोचा गया?

छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित धर्म संसद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर अमर्यादित टिप्पणी करने वाले कालीचरण महाराज को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे खजुराहो अरेस्ट किया गया जहां वह पुलिस के डर से भेष बदलकर रह रहा था। पुलिस की गिरफ्त में आने से बचने के लिए कालीचरण लगातार अपना लोकेशन बदल रहा था।

लेकिन रायपुर पुलिस ने गुरुवार सुबह करीब 4:30 बजे कालीचरण को छतरपुर के खजुराहो स्थित एक होटल से गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि एफआईआर होने के बाद जब कालीचरण को अरेस्ट करने रायपुर पुलिस की आधा दर्जन टीमें बनाई गईं तो वह पुलिस से बचने के लिए अपनी लोकेशन बदलने लगे।

सोशल मीडिया पर उसकी कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं जिसमें देखा जा सकता है कि कालीचरण एक आम पर्यटक की तरह खजुराहो में घूम रहा है। हालांकि, कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी को लेकर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार में ठन गई है।

मध्य प्रदेश सरकार ने जहां गिरफ्तारी पर आपत्ति जताई है, वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा है कि न्याय में देरी नहीं होनी चाहिए। मध्य प्रदेश की सरकार ने कालीचरण के गिरफ़्तारी के तरीके पर आपत्ति जताई है। मध्य प्रदेश सरकार का कहना है कि छत्तीसगढ़ की पुलिस को इसकी सूचना देनी चाहिए थी।

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बड़बोले बयानों के लेकर जाने जाने वाले मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र ने कहा है कि ये अंतरराज्यीय प्रोटोकॉल का उल्लंघन है और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए था।

उन्होंने कहा, “हमें छत्तीसगढ़ पुलिस के तरीके पर आपत्ति है। ये अंतरराज्यीय प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को इस प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं करना चाहिए था। संघीय मर्यादाएं इसकी बिल्कुल अनुमति नहीं देती हैं। उन्हें सूचना देनी चाहिए थी। छत्तीसगढ़ सरकार चाहती तो उनको नोटिस देकर भी बुला सकती थी।”

नरोत्तम मिश्र ने मीडिया से कहा कि उन्होंने मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को कहा है कि वो तत्काल छत्तीसगढ़ के डीजीपी से बात करके अपना विरोध दर्ज कराएं और स्पष्टीकरण भी लें।

दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि न्याय में इतना विलंब नहीं होना चाहिए कि वो अन्याय लगने लगे। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “बापू को गाली देकर, समाज में विष वमन करके अगर किसी पाखंडी को लगता है कि वो अपने मंसूबों में कामयाब हो जाएंगे, तो उनका भ्रम है। उनके आका भी दोनों सुन लें। भारत और सनातन संस्कृति दोनों की आत्मा पर चोट करने की जो भी कोशिश करेगा, न संविधान उसे बख्शेगा, न जनता उन्हें स्वीकार करेगी।”

उल्लेखनीय है कि कालीचरण की कई राज्यों में तलाश जारी थी। उसके खिलाफ छत्तीसगढ़ से लेकर महाराष्ट्र तक मामले दर्ज हो चुके हैं। महाराष्ट्र पुलिस काफी दिनों से कालीचरण महराज की खोज कर रही थी।

हालांकि, केस दर्ज होने के बाद कालीचरण महाराज ने कहा था कि उसे अपने बयान पर कोई अफसोस नहीं है। कालीचरण ने आठ मिनट का एक वीडियो जारी कर कहा था, “मुझे महात्‍मा गांधी को गाली देने पर कोई खेद नहीं है। अगर मुझे फांसी भी मिल जाए तो मैं भी मैं अपने सुर नहीं बदलूंगा। एफआईआर से मेरे ऊपर कोई असर नहीं पड़ने वाला। मैं गांधी विरोधी हूं और इसके लिए फांसी भी मिलेगी तब भी मुझे मंजूर है।”


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