गुजरात सरकार ने महात्मा गांधी की जुड़ी स्मृतियों में से एक साबरमती आश्रम को तोड़ने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले का कांग्रेस ने विरोध किया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि साबरमती आश्रम को गिराने का फैसला चौंकाने वाला है। यह राजनीतिक फैसला लगता है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मसले पर दखल देना चाहिए और इस पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए। गुजरात सरकार के इस फैसले पर गहलोत ने कहा कि यह राष्ट्रपति महात्मा गांधी का अपमान है। गहलोत ने कहा, “साबरमती आश्रम को गिराकर म्यूजियम बनाने का गुजरात सरकार का फैसला चौंकाने वाला और गलत है।”
उन्होंने कहा, “यहां लोग यह देखने आते हैं कि कैसे महात्मा गांधी ने अपनी पूरी जिंदगी सादगी के साथ बिताई थी। उन्होंने कैसे समाज के हर वर्ग को आजादी के आंदोलन से जोड़ने का काम किया था। उन्होंने उस आश्रम में अपनी जिंदगी के बहुमूल्य 13 साल गुजारे थे।”
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उन्होंने आगे कहा, “साबरमती आश्रम को उसके सद्भाव और समावेशी विचारों के लिए जाना जाता है। भारत और दुनिया से आने वाले लोग यहां किसी वैश्विक स्तर की इमारत नहीं देखना चाहते। यहां आने वाले लोग सादगी और आदर्शों के ही मुरीद हैं। इसलिए इसे आज भी आश्रम ही कहा जाता है। कोई यहां म्यूजियम नहीं देखना चाहते।”
Destroying the sanity and dignity of Sabarmati Ashram is a disrespect to our father of the Nation. Prime Minister Sh. @narendramodi ji must intervene and reconsider the decision and protect the historical Ashram. pic.twitter.com/leeeXMnCJD
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 9, 2021
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि साबरमती आश्रम की पवित्रता को खत्म करना बापू का अपमान है। यही नहीं उन्होंने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि यह फैसला राजनीति से प्रेरित है।
कांग्रेस नेता ने कहा, “बीजेपी सरकार शायद गांधीजी से जुड़ी हर चीज को खत्म करना चाहती है। ऐसा कोई भी फैसला गलत होगा और आने वाली पीढ़ियां भी इसकते लिए माफ नहीं करेंगी। पीएम नरेंद्र मोदी को तत्काल इस मामले में दखल देना चाहिए और ऐतिहासिक आश्रम को तोड़े जाने से रोकना चाहिए।”
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सरकार के इस फैसले का कई दिन पहले भी देश की 100 से अधिक हस्तियों ने विरोध किया था। उनलोगों ने कहा था कि साबरमती आश्रम को तोड़ा जाना महात्मा गांधी की दूसरी हत्या करने जैसा होगा। कुछ लोगों का कहना है कि अगर म्यूजियम बनाना है तो किसी दूसरे जगह का इस्तेमाल किया सकता है। लेकिन आश्रम को तोड़ना गांधीजी को मिटाने जैसा है।
दरअसल, गुजरात सरकार का प्लान है कि आश्रम को वर्ल्ड क्लास म्यूजियम में तब्दील कर दिया जाए। हालांकि, इसके चलते वहां रह रहे कई परिवारों को हटना पड़ेगा। इसके अलावा बापू के दौर की विरासत भी खत्म हो जाएगी।
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