गौतम गंभीर फाउंडेशन को पाया गया दवा का भंडारण, खरीद और वितरण का दोषी

गौतम गंभीर फाउंडेशन को पाया गया दवा का भंडारण, खरीद और वितरण का दोषी

गौतम गंभीर के फाउंडेशन को अनधिकृत रूप से फैबीफ्लू दवा का भंडारण, खरीद और वितरण करने का दोषी पाया गया है। दिल्ली सरकार ड्रग कंट्रोलर ने इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट सौप दी है। ड्रग कंट्रोलर ने गुरुवार को जांच के बाद दिल्ली हाई कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी। अब गौतम गंभीर फाउंडेशन मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी।

ड्रग कंट्रोलर की ओर से कहा गया है कि गौतम गंभीर फाउंडेशन, ड्रग डीलरों के साथ-साथ ऐसे अन्य मामलों में भी बिना देरी किए कार्रवाई की जाएगी जो उसके संज्ञान में लाए जाएंगे। ड्रग कंट्रोलर ने कोर्ट को बताया कि आप विधायक प्रवीण कुमार को भी ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत इसी तरह के अपराधों के लिए दोषी पाए गए हैं।

ये भी पढ़ें: नेतन्याहू का जाना तय, नफ्ताली बेनेट होंगे इस्राइल के अगले प्रधानमंत्री

दिल्ली हाई कोर्ट ने इसके बाद ड्रग कंट्रोलर को छह सप्ताह के भीतर केस में आगे की प्रगति पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया। कोर्ट ने इसके बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 जुलाई का समय सूचीबद्ध किया।

गौतम गंभीर फाउंडेशन को पाया गया दवा का भंडारण, खरीद और वितरण का दोषी

दरअसल, पूरा मामला ये है कि दिल्ली हाई कोर्ट उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें अलग-अलग पार्टी के नेताओं द्वारा दवाई ऑक्सीजन और कोरोना के इलाज के लिए जरूरी चीजों की होर्डिंग करके अपने-अपने क्षेत्रों के लोगों में बांटने को लेकर शिकायत की गई थी। इस तरह से दवाई और जरूरी चीजों की होर्डिंग कानूनी रूप से नहीं की जा सकती यह गैर-कानूनी है।

ये भी पढ़ें: अफवाह उड़ी मंदिर का पानी पीने से कोरोना हो जाएगा खत्म, हजारों लोग जुटे

हाई कोर्ट ने इस मामले में ड्रग कंट्रोलर को जांच करने के आदेश दिए थे। पर कंट्रोलर ने सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर को क्लीन चिट दे दी। बीजेपी सांसद गौतम गंभीर को क्लीन चिट देने के लिए ड्रग कंट्रोलर को कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई थी और दोबारा जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया था।

हाई कोर्ट ने कहा था कि आप जांच नहीं कर सकते हैं तो बताएं, हम आपको हटाकर किसी और को यह जिम्मा दे देते हैं। कोर्ट ने कहा था कि आप बताएं कि किस कानून के तहत इसकी इजाजत है, किसमे नहीं, इन दवाओं को इतनी बड़ी मात्रा में हासिल करने के लिए क्या जरूरी है। यह नहीं पूछ रहे थे कि कितने लोगों की जान बची।


(प्रिय पाठक, पल-पल के न्यूज, संपादकीय, कविता-कहानी पढ़ने के लिए ‘न्यूज बताओ’ से जुड़ें। आप हमें फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave a Reply

Your email address will not be published.