यौन शोषण मामले में तहलका पत्रिका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल बरी

यौन शोषण मामले में तहलका पत्रिका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल बरी

तहलका पत्रिका के पूर्व मुख्य संपादक तरुण तेजपाल को यौन शोषण मामले में बरी कर दिया गया है। इस मामले में गोवा की सत्र अदालत ने पहले ही सुनवाई पूरी कर ली थी और आज अपना फैसला सुनाया। तरुण तेजपाल पर पिछले 8 साल से मामला चल रहा था। दरअसल, उनपर 2013 में गोवा के एक लक्जरी होटल की लिफ्ट के भीतर महिला साथी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा था। हालांकि, उन्होंने शुरू से ही खुद को निर्दोश बताया था।

मालूम हो इस मामले में इससे पहले अतिरिक्त जिला अदालत 27 अप्रैल को फैसला सुनाने वाली थी लेकिन 12 मई तक न्यायाधीश क्षमा जोशी ने फैसला स्थगित कर दिया था। 12 मई को भी फैसला नहीं सुनाया गया। फैसला एक बार फिर 19 मई के लिए टाल दिया गया था। इस संबंध में अदालत ने पूर्व में कहा था कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते स्टाफ की कमी के कारण स्थगन किया गया था। और आज अपना फैसला सुनाया है।

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गोवा पुलिस ने नवंबर 2013 में तेजपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि, मई 2014 से तरुण जमानत पर बाहर हैं। गोवा अपराध शाखा ने तेजपाल के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया। उन पर भारतीय दंड संहिता (एआईपीसी) की धारा 342 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत मंशा से कैद करना), 354 (गरिमा भंग करने की मंशा से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना), 354-ए (यौन उत्पीड़न), 376 (2) (महिला पर अधिकार की स्थिति रखने वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) और 376 (2) (के) (नियंत्रण कर सकने की स्थिति वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) के तहत मुकदमा चला।

यौन शोषण मामले में तहलका पत्रिका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल बरी

इससे पहले तरुण ने बंबई उच्च न्यायालय से अपील कर अपने ऊपर आरोप तय किए जाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। तरुण तेजपाल पर उनके ही जूनियर सहयोग 7 नवंबर 2013 को उनपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। महिला ने बताया था कि एक कार्यक्रम के दौरान गोवा के एक होटल की लिफ्ट में महिला पत्रकार के साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट की गई। जिसके बाद 30 नवंबर 2013 को उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इसी दौरान 20 नवंबर 2013 को तरुण ने तहलका के एडिटर-इन-चीफ पद से इस्तीफा दे दिया था।

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गोवा पुलिस ने 23 नवंबर को तेजपाल के खिलाफ रेप और उत्पीड़न का केस दर्ज किया और फिर 30 नवंबर 2013 को डिस्ट्रिक्ट और सेशंस जज अनुजा प्रभुदेसाई द्वारा अग्रिम याचिका खारिज होने के 90 मिनट के बाद तेजपाल को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त 1 जुलाई 2014 को तेजपाल को जमानत दे दी थी। तब से तरुण जमानत पर बाहर थे।


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