बिहार के पूर्व DGP को नहीं रास आई राजनीति, बने बाबा गुप्तेश्वर पांडे

बिहार के पूर्व DGP को नहीं रास आई राजनीति, बने बाबा गुप्तेश्वर पांडे

वायलेंटरी रिटायरमेंट (वीआरएस) लेकर राजनीति में आए बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडे संयासी बन गए हैं। पहले खाकी फिर नेता और अब उन्होंने अध्यात्म की दुनिया में कदम रख दिया है। वे अब कथावाचक बनकर धार्मिक कार्यक्रमों में जा रहे हैं।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि बिहार के पूर्व डीजीपी की तस्वीर कथावाचक के रूप में दिख रही हैं। इसमें लोगों को जूम एप से कथा वाचन से जुड़ने के लिए आमंत्रण दिया गया है।

बिहार के पूर्व DGP को नहीं रास आई राजनीति, बने बाबा गुप्तेश्वर पांडे

पूर्व डीजीपी तस्वीर में गेरुआ वस्त्र धारण कर भक्ति में लीन नजर आ रहे हैं और श्रीमद्भागवत कथा सुना रहे हैं। कथा सुनने के लिए पोस्ट में जूम आईडी और पासकोड दिया गया है। इस पोस्ट में कथा का समय दोपहर 2 बजे से तीन बजे दिया गया है।

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कथा वाचन के दौरान गुप्तेश्वर पांडे कहते हैं- “आज के समय की कानून व्यवस्था इंग्लैंड की देन है। हत्या के बाद उसका उद्देश्य देखा जाता है। अगर किसी के उपर पत्थर फेंका जाए और उससे अगले की मौत हो जाती है तो उसका उद्देश्य देखा जाएगा। अगर उसके पीछे का मकसद ऐसा नहीं मिला तो वो हत्या नहीं है।”

बिहार के पूर्व DGP को नहीं रास आई राजनीति, बने बाबा गुप्तेश्वर पांडे

वे आगे कहते हैं- “अगर बम बारूद पिस्तौल जुटाना अपराध नहीं है, हत्या की तैयारी और हथियार जुटाना केवल हत्या का मामला नहीं होता। हत्या करने के बाद ही उसका मुकदमा दर्ज होता है। नहीं तो वो अवैध हथियार रखने का ही केवल मामला है। दरअसल, पूर्व डीजीपी कथावाचन के दौरान इसी अंदाज में उदाहरण देकर भगवान और पूतना का वर्णन कर रहे थे। वे जीवन का महत्व व भागवत का संदेश बता रहे थे।

उल्लेखनीय है कि गुप्तेश्वर पांडे अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत के समय देशभर में अपने विवादास्पद बयानों के चलते सुर्खियों में आए थे। उन्होंने सुशांत की प्रेमिका रहीं अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को लेकर ‘औकात’ शब्द का इस्तेमाल किया था जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था।

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गुप्तेश्वर पांडे को उनके समर्थक ‘बिहार के रॉबिन हुड’ कहकर बुलाते थे। 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडे सोशल मीडिया के काफी चर्चित चेहरे हैं। फेसबुक पर उनके करीब 7 लाख और ट्वीटर पर अप्रैल 2020 में ज्वाइन करने के बाद अब तक करीब 2.5 लाख फॉलोअर्स है।

उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वीआरएस लिया और कुछ ही दिनों के बाद जदयू पार्टी ज्वाइन कर लिया था। हालांकि, विधानसभा चुनाव पहले पार्टी से टिकट मिलने की प्रबल संभावना थी पर आखिरी समय में उन्हें टिकट नहीं मिल था।


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