केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा मोनू लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी हैं। कई दिनों तक गायब रहने के बाद आशीष मिश्रा शनिवार को क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुए, जहां उससे लगातार पूछताछ जारी है।
बताया जा रहा है कि क्राइम ब्रांच के सामने पेशी के बाद आशीष मिश्रा ने अपनी ‘बेगुनाही के सुबूत’ पेश किए। आशीष मिश्रा और उनके वकील ने गवाही के तौर एक दर्जन शपथ पत्र दाखिल किए हैं। साथ ही क्राइम ब्रांच के सामने चार वीडियो वाली पेन ड्राइव पेश किए।
पुलिस के मुताबिक, इन वीडियोज की फोरेंसिक जांच की जाएगी। इधर, लखीमपुर क्राइम ब्रांच ने इस मामले से जुड़े अंकित दास के ड्राइवर समेत दो लोगों को लखनऊ से हिरासत में लिया है। साथ में अंकित दास की तलाश जारी है।
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दूसरी तरफ, संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी मामले पर कड़ा रूख अख्तियार कर लिया है। एक प्रेस कॉन्फ्रेस कर संगठन किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा पूर्वनियोजित साजिश थी। दिल्ली स्थित प्रेस क्लब में किसान नेताओं के इस प्रेस कॉन्फ्रेस में राकेश टिकैत समेत कई वरिष्ठ किसान नेता मौजूद थे।
दर्शन पाल ने कहा कि हमलावरों ने किसानों को आतंकित करने की कोशिश की। वहीं, किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ सरकार ने हिंसक रूख अपनाया है। उन्होंने आगे ने कहा, ”हम केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी की मांग करते हैं।”
वहीं, स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को मंत्रिमंडल से हटा देना चाहिए और उन्होंने जिस तरह से साजिश रची है, उसके लिए उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए।
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उन्होंने किसानों की आगामी रणनीति के बारे में जानकारी देते हुए आगे कहा, “पहला कार्यक्रम 12 अक्टूबर को अंतिम अरदास पर, शोक समारोह का आयोजन किया गया है। यह समारोह ठीक उसी जगह होगा जहां लखीमपुर खीरी हिंसा की घटना हुई।”
साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा देशभर के किसानों को 12 बजे तिकुनिया पहुंचने का अनुरोध किया। इस संबंध में योगेंद्र यादव ने कहा कि जो किसान तिकुनिया नहीं पहुंच सकते वे गुरुद्वारे जाएं। और शाम को पांच मोमबत्ती जलाएं। उन्होंने कहा कि यह शोक सभा चार किसानों और एक किसान पत्रकार की मौत पर शोक ज़ाहिर करने के लिए आयोजित की जा रही है।
बताया जा रहा है कि तिकुनिया में किसानों की अस्थियां लेकर कलश यात्रा निकाली जाएगी। ये यात्राएं 24 अक्टूबर तक चलेंगी। ये कलश उत्तर प्रदेश के हर जिले में ले जाए जाएंगे और देश के हर राज्य में भी। इसके बाद इन्हें पवित्र जगह विसर्जित किया जाएगा।
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खबरों के मुताबिक, तीसरा आयोजन दशहरे के दिन किया जाएगा। जिस दिन अहंकार के नाश के प्रतीक स्वरूप पीएम मोदी का पुतला जलाया जाएगा। चौथा कार्यक्रम 18 अक्टूबर को ‘रेल रोको अभियान’ चलाया जाएगा। जिसमें सुबह 10 से 4 बजे तक देश में हर जगह रेल रोकी जाएगी।
इसके बाद, लखनऊ में 26 अक्टूबर को महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। किसान नेताओं ने बताया कहा कि पहले कार्यक्रम को छोड़कर बाकी कार्यक्रम कैसे संचलित होंगे यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करेगा कि 11 तारीख तक हमारी मांगे मानी जाती हैं या नहीं।
#WATCH | "That was the reaction to the action. There was no planning involved and that doesn't amount to murder," says BKU leader Rakesh Tikait on the killing of three BJP workers during the Lakhimpur Kheri violence pic.twitter.com/se2NViuu2Z
— ANI (@ANI) October 9, 2021
किसान नेता राकेश टिकैत ने आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी पर कहा कि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है उन्हें तो निमंत्रण देकर बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि जब तक उनके पिता गृह राज्य मंत्री हैं तब तक निष्पक्ष जांच या कार्रवाई नहीं हो सकती।
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