केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध का आज सात महीने पूरे हो गए। आज शनिवार को इस मौके पर किसानों ने देशभर में राजभवनों का घेराव करने का फैसला किया है। किसान संगठन अपने ट्रैक्टर जैसे वाहनों पर सावर होकर सड़कों पर निकल गए हैं। यूपी गेट बॉर्डर पर किसानों और ट्रैक्टरों का भारी जमावड़ा लगा हुआ है।
खबरों के मुताबिक, किसान आज विभिन्न राज्यों के राज्यपालों को ज्ञापन सौंपेंगे और कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग करेंगे। हालांकि, किसानों का कहना है कि यह आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा। किसानों के आंदोलन को देखते हुए पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हैं। एहतियातन दिल्ली की ओर आने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दिया गया है। पुलिस हर आने-जाने वाले पर नजर रख रही है।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के 7 महीने पूरे होने पर टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। किसान आज देशभर में राज्यपाल को ज्ञापन देंगे। #farmlaws pic.twitter.com/Kt5NATEKtY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 26, 2021
चंडीगढ़ में भी 32 किसान संगठन राजभवन तक रोष मार्च निकालने के लिए एकत्रित हुए। ये मार्च देशभर में ‘कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस’ के तहत निकाला गया है। बताया जा रहा है कि किसान राजभवन पर पहुंचकर राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।
यह सिर्फ किसान आंदोलन नही, हमारे लोकतंत्र की उम्मीद है।#SaveFarming_SaveDemocracy pic.twitter.com/BTbwKwbVlC
— Youth For Swaraj (@Youth4Swaraj) June 26, 2021
बताया जा रहा है कि पंजाब के किसान जीरकपुर और मुल्लांपुर बैरियर से चंडीगढ़ में घुस गए हैं। वहीं, हरियाणा के किसान हाउसिंग बोर्ड लाइट प्वॉइंट से चंडीगढ़ में आएंगे। इन रास्तों पर भारी पुलिस बल तैनात किया है। पुलिस ने पंचकूला में घग्गर नदी के पुल के पास हैवी बैरिकेडिंग की है। इसके अलावा किसानों को रोकने के लिए बैरिकेड के साथ सीमेंट की बीम भी लगाई गई है।
आज भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, “आंदोलन को आज सात महीने पूरे हो गए हैं, दो दिन से दिल्ली में काफी लोग आ रहे हैं। सरकार जब चाहे तब बातचीत शुरू कर सकती है। जब तक किसानों की मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। महीने में दो बार लोग यहां बड़ी संख्या में ट्रैक्टर के साथ आएंगे। इस बार सहारनपुर और मुजफ्फरनगर से ट्रैक्टर आए हैं।”
इससे पहले उन्होंने कहा था, “ट्रैक्टर दिल्ली का रास्ता न भूल जाएं, इसलिए आएंगे। 26 तारीख हर महीने आते हैं…ट्रैक्टर आएंगे। हालांकि, उस हिसाब से नहीं आएंगे, जो जनवरी में आए थे। पर ट्रैक्टर यात्राएं चलेंगी। ये यात्राएं सहारनपुर (यूपी) से शुरू होंगी। 24, 25 और 26 जून को। टैंक, टि्वटर और ट्रैक्टर, ये चीजें चलानी पड़ेंगी।”
थोड़ी देर पहले खबर आई थी कि टिकैत को गिरफ्तार कर लिया गया पर उन्होंने खुद ट्विट कर जानकारी दी कि खबर गलत है। उन्होंने लिखा, “मेरी गिरफ्तारी की खबरे भ्रामक है। मैं गाजीपुर बॉर्डर पर हूँ। सब सामान्य हसि।”
मेरी गिरफ्तारी की खबरे भ्रामक है। मैं गाजीपुर बॉर्डर पर हूँ। सब सामान्य हसि।#tikait #FarmersProtest pic.twitter.com/hg2gqTQzDn
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) June 26, 2021
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कृषि कानून को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की है। उन्होंने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी इन सत्याग्रही अन्नादाताओं के साथ खड़ी है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ”सीधी-सीधी बात है- हम सत्याग्रही अन्नदाता के साथ हैं।”
सीधी-सीधी बात है-
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 26, 2021
हम सत्याग्रही अन्नदाता के साथ हैं।#FarmersProtest
दूसरी तरफ हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि किसान आठ महीने से सरहदों पर बैठे हैं। वे निराश हैं, इसलिए उनके आंदोलन को जिंदा रखने के लिए उनके नेता रोज एक नया कार्यक्रम बनाते हैं। आज राजभवन में ज्ञापन देने की बात कही है। ऐसा होता रहता है।
जैसा कि मालूम है गाजीपुर बॉर्डर समेत कई जगहों पर किसान बीत सात महीनों से धरना दे रहे हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का ये प्रदर्शन पिछले साल 26 नवंबर को शुरू हुआ था। किसानों का कहना है कि तीनों कानूनों को रद्द किया जाए और फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने के लिए एक नया कानून लाया जाए। इसके लिए किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है पर बेनतीजा रहे हैं।
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