किसानों ने किया 27 सितंबर को ‘भारत बंद’ का एलान, कांग्रेस बोली- हम साथ-साथ हैं

किसानों ने किया 27 सितंबर को ‘भारत बंद’ का एलान, कांग्रेस बोली- हम साथ-साथ हैं

एक तरफ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों को लुभाने के लिए गन्ने का समर्थन मूल्य 325 रुपये से बढ़ाकर 350 रुपये करने का एलान किया है। वहीं, दूसरी तरफ किसानों ने कल यानी सोमवार को ‘भारत बंद’ बुलाने की बात कही है।

किसानों के एक बंद का कांग्रेस, राजद समेत कई पार्टियों ने समर्थन देने की बात कही है। कांग्रेस ने कहा है कि भारत बंद के लिए वे किसान संघों को अपना समर्थन देते हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, “किसानों के साथ चर्चा की उचित प्रक्रिया शुरू की जाए, क्योंकि वे पिछले 9 महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं। तीन कृषि कानून बिना किसी परामर्श के लागू किए गए थे, उन्हें वापस लिया जाना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा, “हर किसान को कानूनी अधिकार के तौर पर एमएसपी दिया जाए, क्योंकि हमें जुमले ही नहीं चाहिए। अगले 5 महीनों में कट-ऑफ तारीख तब आएगी जब प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि वह किसानों की आय दोगुनी करने जा रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य से 2012-13 की तुलना में 2018-19 तक किसानों की आय 10 प्रतिशत कम हो गई। 48 प्रतिशत से 38 प्रतिशत।”

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किसानों ने किया 27 सितंबर को 'भारत बंद' का एलान, कांग्रेस बोली- हम साथ-साथ हैं

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “सरकार मंडियों को खत्म कर रही है और कृषि विरोधी कानूनों के जरिए किसानों को तबाह करने की योजना पर काम कर रही है, इसलिए कांग्रेस किसानों के साथ में खड़ी है और उनके भारत बंद का समर्थन कर उसे सफल बनाने के लिए पुरजोर कोशिश करेगी।”

बताते चलें कि राजनीतिक दलों के अलावा, अखिल भारतीय बैंक अधिकारी के परिसंघ ने भी किसानों के बंद को अपना समर्थन देने का एलान किया है। जैसा कि मालूम है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी तीन दिवसीय दौरे पर हैं।

बीते दिनों उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस ने मोदी के साथ मुलाकात में लोकतंत्र पर खतरे को लेकर बात की थी। उन्होंने पीएम मोदी से कहा कि दुनियाभर के लोकतंत्र खतरे में हैं, इसलिए यह जरूरी है कि हम अपने-अपने देशों के भीतर लोकतांत्रिक सिद्धांतों और संस्थानों की रक्षा करें।

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इस बात पर चुटकी लेते हुए आज गौरव वल्लभ ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जब प्रधानमंत्री किसी अन्य देश की यात्रा पर जाते हैं, तो वह हम सभी का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह वास्तव में हमारे लिए चिंता का विषय है कि एक बाहरी व्यक्ति हमें बता रहा है, भारत कौन-सी भूमि है, लोकतंत्र की रक्षा के लिए महात्मा गांधी की। हालांकि, इसे सकारात्मक तरीके से लिया जाना चाहिए।”

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उन्होंने इसके बाद कहा, कमला हैरिस ने ये बातें पीएम मोदी से इसलिए कही, क्योंकि हाल ही में स्वतंत्र एजेंसी फ्रीडम हाउस के सर्वे में, भारत की रैंकिंग लोकतांत्रिक देशों में गिर गई है। साथ ही ‘आंशिक रूप से स्वतंत्र लोकतंत्र’ के खंड में भी भारत का उल्लेख किया गया है। पीएम मोदी को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।”

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उल्लेखनीय है कि बीते दिनों अमेरिका में भी मोदी की यात्रा को दौरान उनका वहां जमकर विरोध किया गया। मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। वहीं, दूसरी तरफ उनके विरोध में व्हाइट हाउस के सामने पार्क, लाफायेट स्क्वायर में दर्जनों लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारी मोदी के खिलाफ नारे लगा रहे थे और वे अपने साथों में तख्तियां पकड़े हुए, जिस पर लिखा था, “फासीवाद से भारत को बचाओ!” प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को मानवाधिकारों के उल्लंघन, मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न, नए कृषि कानूनों और कश्मीर में हुई कार्रवाई लेकर पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया।


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