दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को पिंजरा तोड़ एक्टिविस्ट देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को जमानत दे दी है। इन्हें पिछले साल उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था।
[BREAKING] Delhi High Court grants bail to Asif Iqbal Tanha, Devangana Kalita, Natasha Narwal in Delhi Riots case #DelhiRiots #natashanarwal #DevanganaKalita #AsifIqbal #DelhiHighCourt
— Bar & Bench (@barandbench) June 15, 2021
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दरअसल, 18 मार्च को जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस ए.जे. भंभानी की बेंच ने इन तीनों की जमानत याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। नताशा नरवाल जेएयू से सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्ट्डीज में पीएचडी की स्टूडेंट हैं।
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पिछले साल नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर सीएए के खिलाफ हुए एक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने पर 23 मई 2020 को नरवाल और उनकी साथी देवांगना कलीता को अरेस्ट किया गया था। बाद में दोनों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया।
इकबाल तन्हा ने एक निचली अदालत में 26 अक्टूबर, 2020 के आदेश को चुनौती दी थी। लेकिन हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उनका कहना था, “आरोपी ने पूरी साजिश में कथित रूप से सक्रिय भूमिका निभाई थी और इस आरोप को स्वीकार करने के लिए पर्याप्त आधार है कि आरोप प्रथम दृष्टया सच प्रतीत होते हैं।”
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दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका का विरोध किया था और दलील दी थी कि दंगे पूर्व नियोजित थे और एक साजिश रची गई थी, जिसमें तन्हा एक हिस्सा था। बता दें हाईकोर्ट ने तन्हा को 13 से 26 जून तक यानी दो सप्ताह के लिए हिरासत में अंतरिम जमानत दी है ताकि वह 15 जून से होने वाली परीक्षा में शामिल हो सके।
गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी 2020 को संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा भड़की थी जिसने सांप्रदायिक रूप ले लिया था। हिंसा में लगभग 53 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 200 लोग घायल हुए थे।
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