चीनी सैनिकों ने किया लद्दाख के डेमचोक में घुसपैठ, चीनी नागरिक भी आए साथ

चीनी सैनिकों ने किया लद्दाख के डेमचोक में घुसपैठ, चीनी नागरिक भी आए साथ

चीनी सैनिकों द्वारा फिर से भारतीय सीमा में घुसपैठ करने का मामला सामने आया है। यह घटना बीते 6 जुलाई की है जब चीनी सैनिकों ने लद्दाख के डेमचोक इलाके में घुस आए और तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के जन्मदिन कार्यक्रम का विरोध किया।

चीनी सैनिक सिंधु नदी के इलाके को पार भारतीय सीमा के अंदर आए। इस दौरान उनके पास कुछ बैनर और चीनी झंडे थे। चीनी सेना की इस घुसपैठ में कुछ चीनी नागरिक भी उनके साथ थे, जो पांच गाड़ियों में आए थे।

चीनी सैनिकों ने किया लद्दाख के डेमचॉक में घुसपैठ, चीनी नागरिक भी आए साथ

उन्होंने इस दौरान लद्दाख के डेमचोक इलाके के एक गांव में जाकर तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के जन्मदिन कार्यक्रम का विरोध किया और अपने बैनर भी लगाए। बताया जा रहा है कि घुसपैठ के बाद चीनी सैनिक भारतीय सीमा के भीतर तकरीबन 30 मिनट तक रहे। यह घटना डेमचोक से लगभग 30 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में कोयुल के पास डोले टैंगो में हुई थी।

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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सेना ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। चीन इस तरह की हरकतें अक्सर करता रहता है और भारतीय सेना की गश्त में भी बाधा डालता है। दरअसल, लद्दाख के लोग बौद्ध तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का काफी सम्मान करते हैं।

चीनी सैनिकों ने किया लद्दाख के डेमचॉक में घुसपैठ, चीनी नागरिक भी आए साथ

दलाई लामा अक्सर सर्दियों में लेह चले आते हैं। वैसे भी दलाई लामा से चीन की खुन्नस बहुत पुरानी है। दरअसल, 1912 में 13वें दलाई लामा ने तिब्बत को स्वतंत्र देश घोषित कर दिया था। बाद में जब 14वें दलाई लामा की घोषणा की जा रही थी तो चीन ने तिब्बत के ऊपर हमला कर दिया। जिसके बाद दलाई लामा ने आकर भारत में शरण लिया।

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चूंकि चीन तिब्बत को अपना हिस्सा मानता है इसलिए वह दलाई लामा का विरोध करता है। उल्लेखनीय है कि दलाई लामा का जन्मदिन 6 जुलाई को मनाया जाता है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें फोन कर बधाई दी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी जानकारी ट्विटर पर दी थी।


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