चीनी सैनिकों द्वारा फिर से भारतीय सीमा में घुसपैठ करने का मामला सामने आया है। यह घटना बीते 6 जुलाई की है जब चीनी सैनिकों ने लद्दाख के डेमचोक इलाके में घुस आए और तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के जन्मदिन कार्यक्रम का विरोध किया।
B'day celebration of @DalaiLama by Indians bang on LAC village in Demchok area of Ladakh irks #China, Chinese soldiers & civilians hold banner drill in protest. Two years ago too similiar scene was witnessed.
— Neeraj Rajput (@neeraj_rajput) July 13, 2021
Video: 6th July '21 pic.twitter.com/Inll6ozryI
चीनी सैनिक सिंधु नदी के इलाके को पार भारतीय सीमा के अंदर आए। इस दौरान उनके पास कुछ बैनर और चीनी झंडे थे। चीनी सेना की इस घुसपैठ में कुछ चीनी नागरिक भी उनके साथ थे, जो पांच गाड़ियों में आए थे।
उन्होंने इस दौरान लद्दाख के डेमचोक इलाके के एक गांव में जाकर तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के जन्मदिन कार्यक्रम का विरोध किया और अपने बैनर भी लगाए। बताया जा रहा है कि घुसपैठ के बाद चीनी सैनिक भारतीय सीमा के भीतर तकरीबन 30 मिनट तक रहे। यह घटना डेमचोक से लगभग 30 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में कोयुल के पास डोले टैंगो में हुई थी।
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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सेना ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। चीन इस तरह की हरकतें अक्सर करता रहता है और भारतीय सेना की गश्त में भी बाधा डालता है। दरअसल, लद्दाख के लोग बौद्ध तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का काफी सम्मान करते हैं।
दलाई लामा अक्सर सर्दियों में लेह चले आते हैं। वैसे भी दलाई लामा से चीन की खुन्नस बहुत पुरानी है। दरअसल, 1912 में 13वें दलाई लामा ने तिब्बत को स्वतंत्र देश घोषित कर दिया था। बाद में जब 14वें दलाई लामा की घोषणा की जा रही थी तो चीन ने तिब्बत के ऊपर हमला कर दिया। जिसके बाद दलाई लामा ने आकर भारत में शरण लिया।
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चूंकि चीन तिब्बत को अपना हिस्सा मानता है इसलिए वह दलाई लामा का विरोध करता है। उल्लेखनीय है कि दलाई लामा का जन्मदिन 6 जुलाई को मनाया जाता है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें फोन कर बधाई दी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी जानकारी ट्विटर पर दी थी।
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