दिल्ली दंगा के दौरान एक मुस्लिम शख्स की हत्या करने के मामले में कोर्ट ने सात लोगों के खिलाफ आरोप तय किया है। नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली दंगों के दौरान मुस्लिम शख्स मिठाई खरीदकर अपने घर की तरफ जा रहा था तभी यमुना बस स्टैंड के करीब एक भीड़ ने उस पर लाठी-पत्थरों से हमला किया और उनकी हत्या कर दी।
एडिशनल सेशंस जज विनोद यादव ने सेक्शन 143 (अवैध सभा), 147 (दंगा), 148 (घातक हथियारों से दंगा), 302 (हत्या), 149 (एक ही इरादे को पूरा करने के लिए अवैध सभा के किसी भी सदस्य द्वारा अपराध करना) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत सातों आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए।
कोर्ट ने कहा, “हालांकि, आरोपी CCTV फुटेज में दिखते नहीं हैं लेकिन इस स्टेज पर प्रॉसिक्यूशन गवाह का आंखों देखा सबूत मौजूद है।” वहीं, दूसरी तरफ कोर्ट से आरोपियों के वकील ने कहा कि उसके क्लाइंट्स को जांच एजेंसी ने गलत तरीके से फंसाया है।
ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में सड़क के लिए अनोखा विरोध-प्रदर्शन, Video देख हर कोई ले रहा मजा
जबकि, प्रॉसिक्यूशन ने कहा कि दयालपुर पुलिस स्टेशन के अधिकारी दंगों के दौरान बाकी कानून-व्यवस्था को पूरा करने में बिजी थे, इसलिए एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई। दरअसल, 25 फरवरी 2020 को दयालपुर इलाके में यमुना विहार बस स्टैंड के पास समयपुर बादली स्थित राजीव विहार कालोनी में रहने वाले मोनिश की हत्या कर दी गई थी।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस मामले में ब्रजपुरी निवासी अरुण कुमार उर्फ मुन्ना, अमन कश्यप, आशीष उर्फ गोली, प्रदीप राय, देवेंद्र कुमार, मौजपुर विजय पार्क निवासी कृष्ण कांत धीमान और राहुल भारद्वाज को आरोपित बनाया था।
[प्रिय पाठक, पल-पल के न्यूज, संपादकीय, कविता-कहानी पढ़ने के लिए ‘न्यूज बताओ’ से जुड़ें। आप हमें फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भी फॉलो कर सकते हैं।]
Leave a Reply