नरेंद्र गिरि केस की जांच करने प्रयागराज पहुंची CBI, शुरुआती जांच शुरू

नरेंद्र गिरि केस की जांच करने प्रयागराज पहुंची CBI, शुरुआती जांच शुरू

सीबीआई की टीम अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले की जांच के लिए प्रयागराज पहुंच गई है। योगी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। केंद्र सरकार से उत्तर प्रदेश सरकार के गृह विभाग ने मामले की जांच के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।

खबरों ने मुताबिक, सीबीआई की टीम गुरुवार को प्रयागराज पहुंची है जिसमें पांच सदस्य शामिल हैं। केस को अपने हाथ में लेने से पहले सीबीआई की टीम केस की जानकारी ले रही है। सीबीआई एफआईआर की कॉपी लेने के लिए पुलिसलाइन पहुंची है।

पुलिस लाइन में एसआईटी टीम और प्रयागराज पुलिस के आलाधिकारी भी मौजूद हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही केस सीबीआई को हैंडओवर कर दिया जाएगा। दरअसल, सरकार विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस मामले को जल्द-से-जल्द सुलझाना चाहती है और निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश की है।

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जैसा कि मालूम है कि आज सुबह से नरेंद्र गिरी की मौत के बाद का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें नरेंद्र गिरि का शव ज़मीन पर पड़ा हुआ दिख रहा है और पंखा चल रहा है। इतना ही नहीं शव को पुलिस के आने से पहले ही फंदे से उतारने की बात भी सामने आई है। जिसको लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।

इस पूरे मामले में पुलिस ने अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सुसाइड नोट में आनंद गिरि, आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी को मौत का जिम्मेदार बताया गया था। उसमें लिखा था कि ये तीनों ब्लैकमेल कर रहे हैं और मानसिक तौर पर प्रताड़ित कर रहे हैं।

महंत नरेंद्र गिरि ने तीनों को अपनी मौत का जिम्मेदार सुसाइड लेटर में बताया था, जिसके आधार पर पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले सीजेएम कोर्ट में एक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पेश की गई जिसमें में नरेंद्र गिरि के शरीर पर चोट के निशान नहीं मिलने की बात सामने आई हैं।

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महंत की मौत दम घुटने के कारण बताई गई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हैंगिंग की बात भी सामने आई है। उनके गले पर ‘V’ शेप का निशान पाया गया है, जो फंदा लगाने के कारण ही आता है। ऐसे में माना जा रहा है कि नरेंद्र गिरि की मौत फांसी लगाने से हुई होगी।

नरेंद्र गिरि को 20 साल से जानता हूं वे लिखते नहीं थे, फिर सुसाइड नोट कैसे: कैलाशानंद महाराज

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, नरेंद्र गिरि की मौत दोपहर में 3 से साढ़े 3 बजे के बीच हुई थी। माना जा रहा है कि खाना खाने के बाद आराम करने गए नरेंद्र गिरि ने पहले वीडियो बनाया और उसके बाद सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली।

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हालांकि, इसी बाच निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज ने महंत नरेंद्र गिरि की सुसाइड नोट को फर्जी करार दिया है। कैलाशानंद महाराज ने बुधवार को दावा किया कि पुलिस को महंत नरेंद्र गिरि का जो सुसाइड नोट मिला है, उसमें महंत की लिखावट नहीं है।

दिवंगत महंत नरेंद्र गिरी के सबसे करीबी संतों में से एक कैलाशानंद महाराज भी माने जाते हैं। कैलाशानंद ने एक बयान में कहा कि मैं इस सुसाइड नोट को सुसाइड नोट नहीं मानता क्योंकि इसमें नरेंद्र गिरि जी की लिखावट नहीं है। मैं उन्हें 20 साल से जानता हूं, नरेंद्र गिरि जी लिखते नहीं थे।


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