जिस्म को चुस्त-दुरुस्त रखने में विटामिन्स (Vitamins) का सबसे बड़ा योगदान होता है। विटामिन्स हमारे रोज के भोजन के माध्यम से पूरे होते हैं। पर कई बार पर्याप्त खान-पान के बावजूद कुछ छोटी मोटी समस्याएं होने लगती हैं जिससे हम परेशान होते हैं। या फिर कई बार हम कुछ जानकारी के अभाव में कुछ चीजों का सेवन करना छोड़ देते हैं और गलत दिनचर्या अपना लेते हैं जिसके चलते कई तरह की समस्याएं सामने आने लगती हैं।
मुंह में छाले पड़ना ऐसी ही एक समस्या है। हालांकि, यह सुनने में बहुत ही सामान्य-सी समस्या लगती है पर जिन लोगों को अक्सर मुंह में छाले हो जाते हैं उनके लिए यह बहुत ही कष्टदायक एक्सपीरियंस होता है। खाना खाने में बहुत मुश्किल होती है। यहां तक की पानी पीते वक्त भी काफी चलन और दर्द का एहसास होता है। दरअसल, इसके होने की मुख्य कारण है शरीर में बी-12 विटामिन, फॉलेट और जिंक की कमी का होना।
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छाले पड़ने के कारण
वैसे देखा जाए तो मुंह के छालों के पीछे कोई निश्चित कारण नहीं होता है। हालांकि, कुछ कारकों और ट्रिगर की पहचान की गई है। इसमें शामिल है-
- दांतों को सही से साफ नहीं रखा।
- सख्त ब्रश का इस्तेमाल करना।
- लगातार बैठकर काम करना।
- सुबह नास्ता न करना और खाली पेट हरना।
- ठीक से पानी न पीना और पेट में गैस का बनना।
- खेल की चोट, या आकस्मिक कटने से मुंह में मामूली चोट लगना।
- आवश्यक विटामिन्स की कमी, खासकर बी-12, जिंक, फोलेट और आयरन।
- पीरियड के दौरान हार्मोनल बदलाव।
- इमोशनल स्ट्रेस, नींद की कमी।
- बैक्टेरियल, वायरल या फंगल इंफेक्शन।
- माउथ बैक्टीरिया या कोई दूसरी एलर्जी।
डॉक्टर से संपर्क कब करें?
मुंह में छाले पड़ना अल्सर का एक प्रकार है। अगर सामान्य के अधिक बड़ा अल्सर हो, पुराना खत्म होने से पहले एक और दूसरा अल्सर हो जा रहा हो। अगर मुंह के छाले तीन सप्ताह से ज्यादा पुराना अल्सर हो गया हो। लगातार दर्द रहता हो, लिप्स तक फैल गया हो, नेचुरल मेडिसिन से ठीक नहीं हो रहा हो, दर्द की वजह से फीवर या डायरिया हो रहा हो तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
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घर पर कैसे करें ठीक?
- नमक वाले पानी या बेकिंग सोडा से कुल्ला करें।
- माउथ अल्सर पर बेकिंग सोडा पेस्ट लगाएं।
- अल्सर पर बेन्जोकाइन (Benzocaine) वाले प्रोडक्ट लगाएं।
- आइस लगाएं।
- एस्टोराइड प्रोडक्ट से कुल्ला करें जिससे दर्द और सूजन कम होगा।
- पेस्ट लगाएं ताकि बैक्टेरियल इंफेक्शन में कमी आए।
- यूज किया हुआ टी बैग रखें।
- फॉलिक एसिड, विटामिन बी-6, विटामिन बी-12 और जिंक सेप्लीमेंट का सेवन करें।
इन बातों का रखें ख्याल
खाने-पीन में एसिडिक चीजें जैसे- पाइनएप्पल, अंगूर, ऑरेंज, नीबू वगैरह का सावधानी के इस्तेमाल करें। ये चीजें छाले में जलन पैदा कर सकती हैं। इसके अलावा, चिप्स और मसालेदार खाना खाने से बचें। गरम तासिर वाले पदार्थ का सेवन न करें तो बेहतर है। ओरल हाइजीन पर विशेष ध्यान देना बहुत ही जरूरी है। जितना हो सके आप खुद को टेंशन से दूर रखें। इमोशन को मैनेज करना सीखें। स्ट्रेस को कम करें। दो बार ब्रश जरूर करें, खासकर सुबह और रात को होने जाने से पहले। रात को भरपूर नींद लें।
नोट: यह एक सामान्य जानकारी है। यह लेख किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करना बेहतर है।
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