पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वे शाम करीब 4 बजे राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे और अपना इस्तीफा सौप दिया। पहले से ही माना जा रहा था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह आज विधायक दल की शाम 5 बजे होने वाली बैठक से पहले इस्तीफा दे सकते हैं।
अमरिंदर सिंह ने अपने पूरे कैबिनेट के साथ इस्तीफा देने के बाद कहा कि वो अपमानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैंने सुबह कांग्रेस अध्यक्ष से बात की थी और मैंने उन्हें कह दिया था कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं।”
Amarinder Singh resigns as Punjab CM, submits his resignation along with that of his council of ministers: CM office
— Press Trust of India (@PTI_News) September 18, 2021
उन्होंने आगे कहा, “मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें (कांग्रेस अध्यक्ष) जिसपर विश्वास है उसे मुख्यमंत्री बनाए।” अमरिंदर ने कहा, “पिछले कुछ महीनों मे तीसरी बार ये हो रहा है कि विधायकों को दिल्ली में बुलाया गया। मैं समझता हूं कि अगर मेरे ऊपर कोई संदेह है, मैं सरकार चला नहीं सका, जिस तरीके से बात हुई है मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं।”
उन्होंने फिर कहा, “मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है। फ्यूचर पॉलिटिक्स हमेशा एक विकल्प होती है और जब मुझे मौका मिलेगा मैं उसका इस्तेमाल करूंगा। मैं कांग्रेस पार्टी में हूं और अपने साथियों से बात करूंगा। उसके बाद हम आगे की राजनीति के बारे में निर्णय लेंगे। ये उनकी मर्जी़ है जिसको मर्ज़ी हो मुख्यमंत्री बनाएं।”
इससे पहले खबर आई थी कि कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस्तीफा मांगा है। कैप्टन को विधायक दल की बैठक में शामिल होने से मना किया गया था। संकेत साफ है कि कैप्टन के बदले नया चेहरा मुख्यमंत्री होगा।
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मुख्यमंत्री की दौड़ में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ का नाम सामने आ रहा है। कांग्रेस हाईकमान ने जाखड़ को दिल्ली पहुंचने के लिए कहा है। इस बीच कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत और पर्यवेक्षक अजय माकन व हरीश चौधरी चंडीगढ़ पहुंच चुके हैं।
कैप्टन के सरकारी निवास पर दोपहर 2 बजे विधायक दल की बैठक से ठीक पहले पार्टी विधायकों की बैठक में आधा दर्जन कैबिनेट मंत्री और इतने ही विधायक शामिल हुए। शुक्रवार देर रात करीब 12 बजे पंजाब प्रभारी हरीश रावत के ट्वीट से विधायक दल की बैठक बुलाए जाने से पंजाब की सियासत में उबाल आ गया है।
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रावत के ट्वीट का अनुसरण करते हुए पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी ट्वीट विधायकों को सीएलपी की एक बैठक में शामिल होने के लिए कहा था। विधायक दल की बैठक बुलाए जाने की मांग को लेकर दो दिन पहले 40 विधायकों ने कांग्रेस हाईकमान को पत्र लिखा था। इस पर संज्ञान लेते हुए हाईकमान ने अचानक विधायकों की बैठक बुलाई है। इनमें ज्यादातर विधायक सिद्धू खेमे के हैं और कैप्टन को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के पक्ष में थे।
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