कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेतृत्व में बुलाया गया ‘भारत बंद’ खत्म समाप्त हो गया है। सुबह 6 बजे से हुआ ये बंद शाम 4 बजे तक चला। भारत बंद के चलते सोमवार को भारत के कई हिस्सों में, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में जनजीवन बाधित रहा।
किसानों ने देश के अलग-अलग हिस्सों में राजमार्गों, रेल की पटरियों और प्रमुख सड़कों को अवरुद्ध किया। देश की राजधानी की सड़के और बाहरी बॉर्डरों पर आवा-जाही पूरी तरह से बाधित रही। सड़कों पर घंटों जाम लगा रहा।
दिल्ली से सटे गाजियाबाद और नोएडा की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी, जबकि कुछ प्रमुख मार्गों पर यातायात प्रभावित हुआ। दिल्ली में गाजियाबाद और निजामुद्दीन को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग को गाजियाबाद पुलिस ने बंद कर दिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पवन कुमार ने बताया कि जिले में भारी पुलिस बल और प्रांतीय सशस्त्र पुलिस (पीएसी) को तैनात किया गया है और मार्गों का रुख बदल दिया गया।
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किसान नेताओं ने एलान किया था कि उनकी ओर से मोदी नगर का ‘राज टॉकीज’ चौराहा अवरुद्ध किया जाएगा, इसलिए वाहनों को परतापुर, मेरठ से एक्सप्रेस-वे की ओर मोड़ दिया गया। हापुड़ और गाजियाबाद से आने वाले वाहनों को नोएडा की ओर मोड़ दिया गया, क्योंकि पेरिफेरल एक्सप्रेस वे बंद था।
Heavy traffic jam on #Delhi–#Gurugram Highway due to #BharathBandh #BharatBand pic.twitter.com/XHLJiZm8Qo
— Wᵒˡᵛᵉʳᶤᶰᵉ Uᵖᵈᵃᵗᵉˢ𖤐 (@W0lverineupdate) September 27, 2021
सबसे अधिक असर उत्तर प्रदेश में दिखा। अधिकारियों के मुताबिक, यमुना एक्सप्रेसवे सहित, ग्रेटर नोएडा से उत्तर प्रदेश के आंतरिक जिलों जैसे- मथुरा, आगरा, अलीगढ़, लखनऊ में जाने वाले एक्सप्रेसवे, बिना किसी बाधा के सुबह खुले थे। पर आगे चलकर बाधित रहे।
उसी तरह के जुलूस और प्रदर्शन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों जैसे- मेरठ, बागपत, हापुड़ और बुलंदशहर में भी देखने को मिला गए। बागपत में राष्ट्रीय लोक दल के सदस्य और समर्थक किसान संघों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए।
ओडिशा में लोगों ने बढ़-चढ़ भारत बंद में हिस्सा लिया। सड़कों पर सार्वजनिक परिवहन नदारद रहीं। बारिश और गुलाब चक्रवात के बीच कांग्रेस और वाम दलों के सदस्यों ने राज्यभर में महत्वपूर्ण चौराहों पर धरना दिया। भुवनेश्वर, बालासोर, राउरकेला, संबलपुर, बरगढ़, बोलांगीर, रायगढ़ा और सुबर्णपुर जैसे जगहों पर सड़कें सुनसान रहीं।
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शैक्षणिक संस्थानों पर भी भारत बंद का असर दिखा। स्कूल-कॉलेज और बाजार बंद रहे, लेकिन दवा दुकानों और दूध की दुकानों सहित आवश्यक वस्तुओं की बिक्री करने वाली दुकानें खुली रहीं। उसी तरह से केरल में सार्वजनिक परिवहन प्रभावित रहे।
The Bharat Bandh call given by Sanyukt Kisan Morcha got a tremendous & unprecedented response in Punjab. A few photos of protest at Jalandhar, Hoshiarpur, Nawanshahar, Pathankot , Patiala received till now are enclosed herewith. pic.twitter.com/NLx6ku8lcr
— CPI (M) (@cpimspeak) September 27, 2021
यहां हड़ताल का नेतृत्व सत्तारूढ़ एलडीएफ और विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने किया। राज्य के लगभग सभी व्यापार संघों ने बंद का समर्थन किया और केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की बसें भी सड़कों से नदारद रहीं। अधिकतर लोगों ने जरूरत पड़ने पर निजी वाहनों से ही यात्रा की।
बिहार में इसी तरह के हालात रहे। अगर पश्चिम बंगाल की बात करें तो यहां भी बंद का असर देखा गया। जहां वाम मोर्चे ने बंद के आह्वान का समर्थन किया है। कोलकाता से सामने आई तस्वीरों में प्रदर्शनकारियों को एक रेलवे ट्रैक पर बैठे देखा जा सकता है। इसी तरह की तस्वीरें पश्चिम मिदनापुर से भी आईं, जिसमें वाम मोर्चा समर्थकों ने आईआईटी खड़गपुर-हिजरी रेलवे लाइन को बाधित किया।
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पंजाब में उत्तर प्रदेश के बाद सबसे अधिक असर देखने को मिला। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने किसानों के बंद का समर्थन करते हुए ट्वीच किया, “मैं किसानों के साथ खड़ा हूं और केन्द्र सरकार ने तीन किसान विरोधी कानून वापस लेने की अपील करता हूं। हमारे किसान अपने अधिकारों के लिए एक साल से अधिक समय लड़ रहे हैं और अब समय आ गया है जब उनकी आवाज सुनी जानी चाहिए। मैं सभी किसानों से अपनी बात शांतिपूर्वक तरीके से रखने की अपील करता हूं।”
उसी तरह से विपक्षी अकाली दल ने बढ़-चढ़ किसानों का समर्थन किया। वहीं, हरियाणा में सिरसा, फतेहाबाद और कुरुक्षेत्र में राजमार्गों को किसानों ने जाम करके रखा। पंडित श्रीराम शर्मा मेट्रो स्टेशन भी सुरक्षा कारणों के चलते बंद कर दिया गया। हरियाणा स्थित यह स्टेशन ‘ग्रीन लाइन’ पर है और टिकरी बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन स्थल के निकट स्थित है।
हालांकि, कर्नाटक में शुरुआती कुछ घंटों में जनजीवन कुछ खास प्रभावित नहीं हुआ। सामान्य कामकाज किए और यातायात सेवाएं सामान्य रूप से उपलब्ध रहीं। लेकिन, आगे चलकर विरोध-प्रदर्शनों और प्रमुख राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों पर किसानों द्वारा रास्ता रोकने के प्रयासों के कारण राज्य के कई हिस्सों, खासकर बेंगलुरु में वाहनों की आवाजाही बाधित हुई।
भारत बंद को अभूतपूर्व व ऐतिहासिक बनाने के लिए देशभर के किसान, मजदूर, छात्रों कर्मचारियों व ट्रेड यूनियन सहित युवाओं और व्यापारियों का हार्दिक आभार जिन्होंने परेशानी सहकर भी भारत बंद का समर्थन किया ।#BharatBandh pic.twitter.com/iYbneQAu5m
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) September 27, 2021
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गुवाहाटी में ‘सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया’ के कार्यकर्ताओं ने सरकार के समर्थन में मोदी सरकार के खिलाफ विरोध मार्च निकाला। अस्पताल, दवा की दुकानें, राहत-बचाव कार्य सहित सभी आपातकालीन प्रतिष्ठानों, आवश्यक सेवाएं को छोड़ सभी दूसरी अवरुद्ध रहीं।
हालांकि, मुंबई में वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में कामकाज और स्थानीय परिवहन सेवाएं सामान्य रहीं। लेकिन, कांग्रेस के कार्यकर्ता हाथों में तख्तियां लिए अंधेरी और जोगेश्वरी जैसी कुछ जगहों को जमा किया और कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाजी की।
उसी तरह से तेलंगाना में कांग्रेस, वाम दलों, तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) और दूसरे अन्य दलों ने राज्य के अलग-अलग जगहों पर कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया। बसों सेवाएं बाधित रहीं। इस दौरान मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। वनपर्थी, नलगोंडा, नागरकुरनूल, आदिलाबाद, राजन्ना-सिरसिला, विकराबाद और अन्य जिलों में विरोध प्रदर्शन हुए।
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राजस्थान में, किसानों के ‘भारत बंद’ का असर कृषि बहुल गंगानगर और हनुमानगढ़ सहित अनेक जिलों में दिखा जहां प्रमुख मंडिया और बाजार बंद रहे। किसानों ने प्रमुख मार्गों पर चक्काजाम किया और सभाएं की।
मोदी सरकारने केलेले शेतकरीविरोधी, कामगारविरोधी व जनविरोधी कायदे आणि धोरणे रद्द करावीत या मागण्यांसाठी १०० पेक्षा जास्त शेतकरी व कामगार संघटनांनी व विविध राजकीय पक्षांनी पुकारलेल्या #भारत_बंद मध्ये मी राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टीतर्फे सामील झालो…1/3#आज_भारत_बंद_हैं #BharatBandh pic.twitter.com/LogqdUfubo
— Vidya Chavan (@Vidyaspeaks) September 27, 2021
सोमवार को ‘भारत बंद’ के चलते करीब 25 ट्रेन की आवाजाही प्रभावित रही। उत्तर रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया, “दिल्ली, अंबाला और फिरोजपुर संभागों में 20 से अधिक स्थानों पर जाम रहा। इसके कारण करीब 25 ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई।”
आज शाम को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, “हमारा ‘भारत बंद’ सफल रहा। हमें किसानों का पूरा समर्थन मिला। हम सब कुछ सील नहीं कर सकते क्योंकि हमें लोगों की आवाजाही का भी ध्यान रखना है। हम सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन कोई बातचीत नहीं हो रही। हम तो बात करने के लिए दस महीने से बैठे हैं।
जैसा कि मालूम है कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 40 से अधिक किसान संगठनों का समूह संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सोमवार को भारत बंद बुलाया था। एसकेएम ने किसानों के इस ऐतिहासिक संघर्ष के 10 महीने पूरे होने पर केंद्र सरकार के खिलाफ ‘भारत बंद’ का आह्वान किया था।
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