नेतन्याहू को हमास पर हमले का नहीं मिला फायदा, PM पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू

नेतन्याहू को हमास पर हमले का नहीं मिला फायदा, PM पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू

इस्रायल की हमास के खिलाफ किए गए हमले और उसके बाद हुए सीजफायर के बाद ऐसा लग रहा था कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का राजनीतिक भविष्य कुछ समय के लिए सुरक्षित हो गया है। पर इस्रायल में जो नए घटनाक्रम सामने आ रहे हैं उससे लगता है कि नेतन्याहू की जल्द छुट्टी हो सकती है। माना जा सकता है कि यामीना पार्टी के नफ्ताली बेनेट और येश अतिद के यायर लैपिड सत्ता-साझेदारी में इस्रायल में नई सरकार बन सकती है।

एक्सियोस (Axios) ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि दक्षिणपंथी यामिना पार्टी के नेता नफ्ताली बेनेट रविवार की शुरुआत में घोषणा कर सकते हैं कि वह इस्रायल में सत्ता साझा करने वाली सरकार बनाने के लिए विपक्षी नेता यायर लैपिड के साथ समझौता कर सकते हैं। माना जा रहा है कि अगर ऐसा होता है तो 12 साल सत्ता में रहने वाले नेतन्याहू सरकार से बाहर हो जाएंगे।

नेतन्याहू को हमास पर हमले का नहीं मिला फायदा, PM पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू

कहा जा रहा है कि बेनेट आगे चलकर नए प्रधानमंत्री चुने जा सकते हैं। दूसरी तरफ द जेरूसलम पोस्ट ने भी लिखा है कि अंतिम समय की अप्रत्याशित परिस्थितियों को छोड़कर, यामीना पार्टी के नेता नफ्ताली बेनेट रविवार को अपने पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर सकते हैं और सरकार बनाने को लेकर आगे बढ़ सकते हैं। अखबार ने लिखा है कि येश अतिद प्रमुख यायर लापिड के साथ गठबंधन सरकार बनाने को लेकर सहमत हो गई है।

उल्लेखनीय है कि इस साल इस्राइल में चुनाव हुए थे और नेतन्याहू की लिकुड पार्टी ने सबसे अधिक सीटें जीती थीं। हालांकि, नेतन्याहू को गठबंधन की जरूरत थी जो वे जुटा नहीं पाए। राष्ट्रपति ने इसके बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी येश अतिद के यैर लैपिड को सरकार बनाने का मौका दिया था। खबरों में ये कहा गया था कि लैपिड और बेनेट 10 मई को राष्ट्रपति से मिलकर बताने वाले थे कि वे नई सरकार बनाने में सक्षम हैं पर उसी शाम इस्राइल-हमास के बीच रॉकेट अटैक शुरू हो गए।

इसके बाद 11 दिनों तक दोनों के बीच खूनी संघर्ष चलता रहा। हालांकि, आगे चलकर युद्धविराम हो गया पर तब तक 66 बच्चे और 39 महिलाओं समेत 248 फिलिस्तीनियों और एक बच्चे समेत 12 इस्रायलियों की मौत हो चुकी थी। अगर उस दिन रॉकेट हमला नहीं होता तो शायद नेतन्याहू की सरकार गिर गई होती। एक तरफ कुछ लोगों का कहना है कि हमास से हमले ने नेतन्याहू की सरकार बचाने में योगदान दिया वहीं, कुछ लोग ये भी मानते ही कि फिलिस्तीनियों पर हमला नेतन्याहू की ओर से अपनी सरकार को बचाने के लिए किया था।

नेतन्याहू को हमास पर हमले का नहीं मिला फायदा, PM पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू

एक्सियोस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बेनेट ने 27 मई को लैपिड से मुलाकात की जिसके बाद दोनों सत्ता-साझेदारी के लिए तैयार हो गए। हालांकि, बेनेट 30 मई यानी आज अपनी पार्टी के सभी सांसदों से मुलाकात करने के बाद ही कुछ अधिकारिक एलान करेंगे। अगर इस्राइल में नई सरकार बनती है तो ये अभी तक का सबसे बड़ा गठबंधन सामने आएगा। इसमें अलग-अलग विचारधारा वाली पार्टियां भी मौजूद होंगी।

जैसाकि मालूम है कि देश में बीते दो सालों में चार बार चुनाव हो चुके हैं। लैपिड के पास 2 जून तक का समय है। अगर वह और बेनेट सरकार नहीं बनाते हैं तो देश में पांचवीं बार चुनाव हो सकता है। अगर वे सरकार का गठन कर लेते हैं तो राजनीतिक संकट खत्म हो जाएगा। अगर नई सरकार बनती है तो इसमें पहले दो साल बेनेट प्रधानमंत्री रहेंगे और फिर वो ये जिम्मेदारी लैपिड को सौपेंगे।

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