लखीमपुर हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा को हाई कोर्ट से मिली जमानत

लखीमपुर हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा को हाई कोर्ट से मिली जमानत

हाई कोर्ट से लखीमपुर हिंसा केस में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत मिल गई है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आशीष मिश्रा को जमानत दी है।

पहले इस मामले में सुनवाई पूरी हुई थी। कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए आशीष मिश्रा को जमानत दे दी। माना जा रहा है कि उम्मीद है कि आशीष मिश्रा कल तक जेल से बाहर आ जाएंगे।

आशिष मिश्रा के जमानत मिलने पर किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वह इस बात को यूपी में बीजेपी के खिलाफ प्रचारित करेंगे। उन्होंने गंभीर मामले में जल्दी जमानत मिलने की बात कहकर कहा कि कोई आम आदमी होता तो क्या इतनी जल्दी बेल मिलती?

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उन्होंने मीडिया से कहा, ”कोर्ट पर क्या कह सकते हैं, बेल दे दी। हमारा तो यह कहना है कि 302 के इतने गंभीर मामले में दूसरे लोगों को भी बेल मिली हो तो ठीक है, नहीं मिली हो तो देख लो।” उन्होंने चुनाव में इस मुद्दे को लेकर कहा, ”हां, हमारा प्रचार यह रहेगा। क्यों नहीं रहेगा। इतनी जल्दी कौन से तथ्य सामने आ गए, इतनी जल्दी किसी और को जमानत मिलती हो इस तरह के केस में तो देखने वाले तथ्य हैं।”

जैसा कि मालूम है कि फॉरेंसिक लैब रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि घटना स्थल पर फायरिंग हुई थी। यह फायरिंग केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा और उसके करीबी अंकित दास के लाइसेंसी असलहे से हुई थी।

लखीमपुर हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा को हाई कोर्ट से मिली जमानत

बैलेस्टिक रिपोर्ट में फायरिंग की पुष्टि होने के बाद ये साफ हो गया था कि तिकुनिया में हिंसा के दौरान लाइसेंसी असलहे से फायरिंग भी की गई थी। किसानों ने तब कहा था कि बीजेपी नेताओं ने उनपर अंधाधुंध फायरिंग की और अपनी गाड़ियों से उन्हें कुचलते चले गए।

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लखीमपुर पुलिस ने घटना की जांच के लिए अंकित दास की रिपीटर गन, पिस्टल और आशीष मिश्रा की राइफल और रिवॉल्वर को जब्त किया था और चारों असलहों की FSL रिपोर्ट मांगी गई थी। रिपोर्ट में फायरिंग की पुष्टि हुई है।

उल्लेखनीय है कि लखीमपुर के तिकुनिया में 3 अक्टूबर 2021 को हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू ने अपनी जीप से किसानों को कुचला। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने आशीष के ड्राइवर समेत चार लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।

पुलिस ने आशीष मिश्रा पर धारा 307 की जगह 279, 326 की जगह 338 और धारा 341 की जगह 304 A लगाया है। SIT ने कहा है कि IPC की धारा 279, 338 और 304 A की जगह 307, 326, 34 और आर्म्स एक्ट की धारा 3/25/30 लगाई जाए। IPC की धारा 307 जान से मारने का प्रयास, 326 – खतरनाक आयुधों (डेंजरस वेपन) या साधनों से गंभीर आघात पहुंचाना, 34 – कई व्यक्तियों के साथ मिलकर एक जैसा अपराध करना और आर्म्स एक्ट की धारा 3/25/30 लाइसेंसी हथियार का गलत प्रयोग करना है।


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