आशीष मिश्रा और अंकित दास के लाइसेंसी असलहे से हुई थी फायरिंग, FSL रिपोर्ट में खुलासा

आशीष मिश्रा और अंकित दास के लाइसेंसी असलहे से हुई थी फायरिंग, FSL रिपोर्ट में खुलासा

लखीमपुर हिंसा मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। फॉरेंसिक लैब रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि घटना स्थल पर फायरिंग हुई थी। यह फायरिंग केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा और उसके करीबी अंकित दास के लाइसेंसी असलहे से हुई थी।

बैलेस्टिक रिपोर्ट में फायरिंग की पुष्टि होने के बाद ये साफ हो गया है कि तिकुनिया में हिंसा के दौरान लाइसेंसी असलहे से फायरिंग भी की गई थी। किसानों ने तब कहा था कि बीजेपी नेताओं ने उनपर अंधाधुंध फायरिंग की और अपनी गाड़ियों से उन्हें कुचलते चले गए।

लखीमपुर पुलिस ने घटना की जांच के लिए अंकित दास की रिपीटर गन, पिस्टल और आशीष मिश्रा की राइफल और रिवॉल्वर को जब्त किया था और चारों असलहों की FSL रिपोर्ट मांगी गई थी। रिपोर्ट में फायरिंग की पुष्टि हुई है।

लखीमपुर हिंसा की तस्वीर (फोटो- सोशल मीडिया)

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FSL रिपोर्ट में साफ हो गया है कि आशीष मिश्रा के लाइसेंसी असलहे से फायरिंग की गई थी, लेकिन अभी साफ नहीं हो पाया है कि फायरिंग राइफल से हुई थी या रिवॉल्वर से। फिलहाल, फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट के बाद अब आशीष मिश्रा और अंकित दास की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। फिलहाल दोनों जेल में बंद हैं।

उल्लेखनीय है कि लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में 3 अक्टूबर को किसानों का एक समूह उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा था, तभी तीन गाड़ियों के काफिले ने किसानों को कुचल दिया। इस घटना में चार किसानों और एक पत्रकार की मौके पर ही मौत हो गई थी।

इसके बाद गुस्साई भीड़ ने तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं को पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की मौजूदगी में गाड़ियों ने किसानों और पत्रकार को कुचला था।

पुलिस कस्टडी में आशीष मिश्रा और अंकित दास (फोटो- सोशल मीडिया)

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किसानों ने आरोप लगाया था कि बीजेपी नेताओं की ओर से फायरिंग भी की गई थी। लखीमपुर पुलिस ने इस मामले में आरोपी आशीष मिश्रा और उनके करीबियों को गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल सभी जेल में बंद हैं।

फिलहाल, ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है, जहां कल सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को जमकर फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान साफ-साफ कहा कि उसे मामले की जांच कर रही SIT टीम पर भरोसा नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि इसलिए जांच की निगरानी के लिए रिटायर्ड जज की नियुक्ति जरूरी है। इसके अलावा, कोर्ट ने FIR में हो रहे घालमेल पर भी आपत्ति जताई और कहा कि जांच दल खास आरोपी के बचाव में सबूत जुटा रहा है।


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