उत्तर प्रदेश सरकार ने 100 साल पुरानी मस्जिद को ‘अवैध ढांचा’ बता गिराया, इलाके में तनाव

उत्तर प्रदेश सरकार ने 100 साल पुरानी मस्जिद को ‘अवैध ढांचा’ बता गिराया, इलाके में तनाव

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में प्रशासन ने एक साल पुरानी मस्जिद को गिरा दिया है। सुन्नी वक्फ बोर्ड और ऑल इंडिया मुस्लिम लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) बोर्ड ने मंगलवार को जमींदोज करना का आरोप लगाते हुए न्यायिक जांच की मांग की।

मुस्लिम धर्मगुरु मोहम्मद साबिर अली रिजवी ने बताया, “बाराबंकी जिले की रामसनेहीघाट तहसील में स्थित एक सदी पुरानी मस्जिद को ढहा दिया गया है। तहसील में स्थित गरीब नवाज मस्जिद को प्रशासन ने बिना किसी कानूनी औचित्य के सोमवार रात पुलिस के कड़े पहरे के बीच शहीद कर दिया।”

उन्होंने आगे कहा, “यह मस्जिद 100 साल पुरानी है और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में इसका इंद्राज भी है। इस मस्जिद के सिलसिले में किसी किस्म का कोई विवाद भी नहीं है। उन्होंने सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार से इसके लिए जिम्मेदार अफसरों को निलंबित कर मामले की न्यायिक जांच कराने और मस्जिद के पुनर्निर्माण की मांग की।

ये भी पढ़ें: नारदा स्टिंग करने वाले पत्रकार का दावा, BJP नेता मुकुल रॉय 15 लाख और शुभेंदु अधिकारी ने ली थी 5 लाख घूस

वहीं, एआईएमपीएलबी के कार्यकारी महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने बताया कि प्रशासन ने बिना किसी कानूनी औचित्य के सोमवार रात राम सनेही घाट तहसील में मौजूद सदियों पुरानी गरीब नवाज मस्जिद को पुलिस की मौजूदगी में ध्वस्त कर दिया।

मौलाना सैफुल्लाह ने कहा, “हमारी मांग है कि सरकार उच्च न्यायालय के जरिए इस मामले की जांच कराए और जिन अफसरों ने यह गैरकानूनी हरकत की है उन्हें निलंबित किया जाए। साथ ही मस्जिद के मलबे को वहां से हटाने की कार्रवाई को रोककर और ज्यों-की-त्यों हालत बरकरार रखें। इस जमीन पर कोई दूसरी तामीर करने की कोशिश न की जाए।” उन्होंने आगे ये भी कहा कि यह सरकार का कर्तव्य है कि वह उस जगह पर मस्जिद का निर्माण करे और उसे मुसलमानों को सौंप दे।

दूसरी तरफ एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने अदालत के आदेश पर इस अवैध ढांचे को ध्वस्त किया है। जिलाधिकारी आदर्श सिंह ने मस्जिद और उसके रिहायशी इलाके के निर्माण को अवैध बताते हुए कहा कि संबंधित लोगों को 15 मार्च को एक नोटिस दिया गया था, जिसमें उन्हें स्वामित्व पर अपने विचार रखने का मौका दिया गया था। लेकिन वहां रहने वाले लोग नोटिस प्राप्त करने के बाद भाग गए।

ये भी पढ़ें: इस्राइल का लेबनान पर हमला, हथियार सौदे के बाद अमेरिका का युद्धविराम पर सहमति

उत्तर प्रदेश सरकार ने 100 साल पुरानी मस्जिद को 'अवैध ढांचा' बता गिराया, इलाके में तनाव

डीएम का आगे कहना है कि इस मामले को माननीय इलाहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ खंडपीठ) द्वारा निस्तारित करने पर यह सिद्ध हुआ कि आवासीय निर्माण अवैध है। इसी आधार पर उप-जिला मजिस्ट्रेट रामसनेहीघाट न्यायालय में न्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत पारित आदेश का अनुपालन 17 मई 2021 को कराया गया है।

डीएम का कहना है कि तहसील प्रशासन को 18 मार्च को इसका कब्जा मिला था। दूसरी तरफ एक सोशल एक्टिविस्ट ने बताया कि रामसनेहीघाट के उपजिलाधिकारी ने मार्च के महीने में मस्जिद कमेटी से मस्जिद के आराजी से संबंधित कागजात मांगे थे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में इस नोटिस के खिलाफ मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने याचिका दाखिल की थी और अदालत ने समिति को 18 मार्च से 15 दिन के अंदर जवाब दाखिल करने की मोहलत दी थी।

उन्होंने बताया, “इसके बाद 1 अप्रैल को जवाब दाखिल कर दिया गया, लेकिन इसके बावजूद बगैर किसी सूचना के एकतरफा तौर पर जिला प्रशासन ने मस्जिद शहीद करने का जालिमाना कदम उठाया है, जो कि सरासर गलत है। हमारी मांग है कि जिन अफसरों ने यह गैरकानूनी हरकत की है, उनको निलंबित किया जाए। साथ ही मस्जिद के मलबे को वहां से हटाने की कार्रवाई रोकी जाए और यथास्थिति बरकरार रखी जाए। मस्जिद की जमीन पर कोई दूसरी तामीर करने की कोशिश न की जाए। यह हुकूमत का फर्ज है कि वह इस जगह पर मस्जिद तामीर कराकर मुसलमानों के हवाले करे।”

ये भी पढ़ें: Toolkit: कांग्रेस का ‘फर्जी’ लेटरहेड शेयर करने को लेकर नड्डा, पात्रा और ईरानी के खिलाफ FIR

स्थानीय लोगों का कहना है कि गरीब नवाज मस्जिद 100 साल पुरानी है। मस्जिद को लेकर कोई विवाद नहीं था। इसे सुन्नी वक्फ बोर्ड में भी सूचीबद्ध किया गया है। राम सनेही घाट के एसडीएम ने मार्च में मस्जिद समिति से मस्जिद के कागजात मांगे थे, जिसके खिलाफ मस्जिद प्रबंधन समिति ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। फिलहाल, इस मामले को लेकर इलाके में तनाव की स्थिति है।


प्रिय पाठक, पल-पल के न्यूज, कहानी-कविता, संपादकीय, लाइफस्टाइल, मनोरंजन और साहित्य की खबरें पाने के लिए ‘न्यूज बताओ’ के फेसबुक और ट्विटर हैंडल से जुड़ें। क्लिक कर लाइक और फॉलो करें!

Leave a Reply

Your email address will not be published.